आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों के में दही खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपकी ग्रंथियों से स्राव को बढ़ाता है, जिससे बलगम का स्राव भी बढ़ता है। दरअसल, आयुर्वेद दही के प्रकृति को कफ दोष बढ़ाने वाला यानी कि कफ बढ़ाने वाला मानता है। इस प्रकार यह उन लोगों के लिए खाना नुकसानदेह हो सकता है, जिन्हें पहले से ही सर्दी-जुकाम की परेशानी रहती हो। साथ ही सर्दियों में दही खाना उन लोगों के लिए भी नुकसानदेह है, जिनके पास पहले से ही अस्थमा, साइनस या अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हों। पर साइंस इसके बारे में कुछ और कहता है।
साइंस की मानें, तो सर्दियों में दही खाना आपको मौसमी इंफेक्शन से बचाए रख सकता है। ये एक इम्यूनिटी बूस्टर फूड है, जो कि गुड बैक्टीरिया से भरपूर हैं और आपके गट हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं। इसके अलावा दही में मिलने वाला कैल्शियम, विटामिन बी 12 और फास्फोरस में भी शरीर के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। इस कारण सांइस मानता है कि सर्दियों के दिनों में दही का सेवन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। हालांकि श्वसन संबंधी समस्या वाले लोगों को दही 5 बजे के बाद खाने बचना चाहिए क्योंकि यह बलगम पैदा कर सकता है, विशेष रूप से एलर्जी और अस्थमा से पीड़ित लोगों में। पर अगर इसे सही से खाएं, तो दही नुकसानदेह नहीं होगा। तो, आइए जानते हैं सर्दियों में दही खाने के 5 हेल्दी तरीके।
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