प्यार के इजहार में जल्दबाजी कैसी
सहज पके सो मीठा होए, और यह बात प्यार पर भी लागू होती है। बेशक प्यार हो तो उसका इजहार करना चाहिये। लेकिन, इसके लिए सही वक्त और मौके की जानकारी होना जरूरी है।

प्यार का पहला खत लिखने में वक्त लगता है। और यह वक्त जरूरी भी होता है। कहते हैं न जल्दी का काम शैतान का, और प्यार तो इबादत है, तो फिर इसमें जल्दबाजी क्यों। आप किसी लड़की से मिले। बातचीत शुरू हुई। बातचीत अच्छी होने लगी। आपकी बीती कुछ डेट शानदार रहीं। एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना आपको काफी पसंद आया। लेकिन, क्या यही वह वक्त है जब आपको उसे वे 'तीन शब्द' कह देने चाहिये। शायद अभी नहीं। हालांकि, आप उस पर मर मिटे हैं, लेकिन हो सकता है कि उसे कुछ वक्त चाहिये हो। वह यह जानना समझना चाहती हो कि आखिर यह रिश्ता जा कहां रहा है। हर काम वक्त पर ही अच्छा लगता है। और इससे पहले कि आप उससे 'आई लव यू' कह दें बेहतर है कि आप यह जान लें कि आखिर ये तीन शब्द कहने में इतनी जल्दबाजी क्यों नहीं करनी चाहिये।

रिश्ते की शुरुआत उसका सबसे सुनहरा वक्त होता है। यहां दोनों के जेहन में कुछ अनिश्चिततायें होती हैं। उसे देखते ही आपके दिल की धड़कने बेकाबू हो जाती है। पैरों में झनझनाहट शुरू हो जाती है। उसकी हल्की सी छुअन से आपके रोंएं खड़े हो जाते हैं। सारी-सारी रात फोन पर बात करते हुए कटती है। इन लम्हों को दोहराया नहीं जा सकता। कभी लौटकर नहीं आते ये दिन। और 'आई लव यू' कहते ही यह सब वहीं थम जाता है।

अगर आप आई लव यू कहने में जल्दबाजी दिखाते हैं, तो इससे आपकी छवि पर भी असर पड़ता है। आपका यह व्यवहार आपको ऐसी व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत करता है जिसे किसी भी तरह जीवन में बस एक गर्लफ्रेंड चाहिये। आप एक जुनुनी, अधिकारवादी और डेस्प्रेट इनसान के तौर पर नजर आते हैं, जिसके जिंदगी का लक्ष्य सिर्फ एक गर्लफ्रेंड हासिल करना होता है। अगर आप उसके साथ अपना जीवन बिताना चाहते हैं तो उसे आपके व्यक्तित्व से प्रभावित होना चाहिये। अपनी छवि एक एक ऐसे डांवाडोल इनसान की तरह न बनायें जो बस प्यार पाना चाहता है, और वह भी किसी भी कीमत पर।

आकर्षण और प्रेम में अंतर होता है। और यह अंतर इतनी जल्दी साफ नहीं होता। इसमें समय लगता है। और जैसे ही आप अपने कथित मोहब्बत का इजहार करते हैं, हालात पूरी तरह बदल जाते हैं। आप किसी भी तरह अपनी मोहब्बत का यकीन करना चाहते हैं। आप खुद को यही समझाते रहते हैं कि हां आप उसे प्यार करते हैं। हो सकता है कि कुछ और मुलाकातों के बाद आपकी भावनाओं का ज्वार उतर जाए, लेकिन आप किसी भी तरह खुद को यह मनाने का प्रयास करते हैं कि यही वह लड़की है जिसके साथ आप जीवन बिताना चाहते हैं। इतना ही नहीं, यह सब लड़की को भी काफी दबाव में ले आता है। तो, जनाब जब तक पूरी तरह आश्वस्त न हो जाएं, तब तक जरा धीरज धरें।

पुरुषों की ही तरह कई महिलायें भी बातचीत करने से डरती हैं। आप तो बिना कुछ सोचे ही इश्क के दरिया में उतरने को तैयार हैं, लेकिन यह व्यवहार लड़की को भी असमंजस की स्थिति में डाल देता है। और जब लड़की अपनी भावनाओं को लेकर आश्वस्त नहीं होती, तो ऐसे रिश्ते का अंजाम बड़ा दुखदायी ही होता है। हो सकता है कि आप सब कुछ गंवा बैठें। तो इश्क को वक्त दीजिये। यह बताना नहीं पड़ता, खुद ब खुद जाहिर हो जाता है।

हो सकता है कि आप सही हों। आपका दिल गवाही दे चुका हो कि हां यही प्यार है। लेकिन, सही काम को भी सही वक्त पर ही करना चाहिये। पुरुष के लिए शुरुआती कुछ दिनों में ही प्यार में पड़ जाना कोई हैरानी की बात नहीं। दिल तो दिल है कभी भी, किसी पर भी आ सकता है। लेकिन, ज्यादातर महिलायें आपके हर कदम पर नजर रखती हैं। आपकी आदतें, आपकी बातें, आपका उनके प्रति व्यवहार, कुछ नहीं छुपता उनकी नजरों से। तो जल्दबाजी में किेया गया इजहार बेकार साबित हो जाता है। इससे आपकी अपरिपक्तवता नजर आती है। इससे आपकी रही सही उम्मीदें भी खत्म हो जाती हैं।

यूं थोड़े ही हो जाता है प्यार। जब तक जेहनी तौर पर आप एक दूसरे के करीब न हों, इश्क नहीं हो सकता। अपनेपन और जान-पहचान की नम जमीं पर ही इश्क की बुआई होती है। और फिर वक्त के साथ-साथ यह फसल लहलहाने लगती है। हो सकता है इसी वजह से आप कुछ ज्यादा ही विनम्र होने लगें और शायद वह भी। लेकिन, न आप ऐसे हैं और न ही वह। तो, एक दूसरे को करीबी से जानने के लिए जरूरी है कि आप साथ वक्त बितायें। नौकरी, घरबार से अलग, बस एक दूसरे से बतियाते हुए। इसी से तो खुलेंगी दिल की परतें और आप दोनों का असली चेहरा आ जाएगा सामने।

प्यार को समझ पाना आसान नहीं। कई बार लड़की को भी लगने लगता है कि हां वह आपसे प्यार करती है। और एक बार दोनों ने इजहार-ए-मोहब्बत कर लिया, तो फिर वापसी की सभी राहें बंद हो जाती हैं। अधपका रिश्ता किसी अंधेरी सुरंग में आगे बढ़ने जैसा है। यहां आपको अंजाम का अंदाजा नहीं होता। हो सकता है कि कुछ समय आपको हकीकत का अंदाजा हो भी जाए, लेकिन फिर भी कहां आसान होता है वापस लौटना। और इसके बाद रिश्ते में सिर्फ और सिर्फ कड़वाहट बचती है और आप चाहकर भी अपने रिश्ते को बचा नहीं पाते।

जब हमनंवाई न हों, तो फिर हमसफर बनकर फायदा ही क्या। और ऐसे में रिश्ते को बचा पाना बहुत मुश्किल होता है। संभव है कि वक्त के साथ वह आपसे प्यार करने लग जाए, लेकिन प्यार में जल्दबाजी करना आपकी सभी संभावनाओं को खत्म कर देता है। हो सकता है कि वह आपके 'प्यार' 'प्यार' के राग से दुखी होकर आपसे हमेशा के लिए दूर चली जाए।
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