नाक की पियर्सिंग से जुड़े खतरों के बारे में जानें
नाक की पियर्सिंग बहुत सामान्य है और लोकप्रिय भी, अब अधिक सुरक्षित तकनीकों और आधुनिक सुरक्षा उपायों के चलते यह कम जोखिम भरा हो गया है, लेकिन वर्तमान में यह कितनी नुकसानदेह है, इसके बारे में इस लेख में पढ़ें।

पियर्सिंग का फैशन इन दिनों पूरे जोरों पर है। और नाक की पियर्सिंग तो आज के जमाने में एक तरह का स्टाइल बन चुका है। हालांकि पियर्सिंग करने का चलन हमारे देश में लगभग 2500 साल पुराना है। और ज़्यादातर पूर्वी एशिया के देशों में नाक छिंदवाना उनकी परंपरा और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है लेकिन आज की दुनिया में ये एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है। आइए नाक की पियर्सिंग से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम के बारे में जानते हैं।
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पियर्सिंग बहुत कॉमन है और लोकप्रिय भी है। अब अधिक सुरक्षित तकनीकों और आधुनिक सुरक्षा उपायों के चलते यह कम जोखिम भरा हो गया है। हालांकि त्वचा पर इसे किये जाने के कारण इससे इंफेक्शन या रिएक्शन का चांस हमेशा बना रहता है।
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नाक में पियर्सिंग कराने से होने वाला सबसे आम खतरा संक्रमण है। पियर्सिंग करते समय अक्सर आर्टिफिशियल ज्वेलरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे संक्रमण की आशंका दोगुनी हो जाती है। और अगर तुरंत उपचार नहीं किया गया तो इससे दाग पड़ सकता है और खून में भी संक्रमण हो सकता है। यहां तक कि ध्यान न दिए जाने पर नाक पर भद्दा दाग छोड़कर यह आपको बदसूरत भी बना सकता है।
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नाक में पियर्सिंग से नर्वस को नुकसान हो सकता है। यानी गलत तरीके से छेद करने से आपकी कोई नर्वस क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे कि छेद किये जाने वाला और इसके आसपास का स्थान हमेशा के लिए मृत हो सकता है।
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कभी कभी जब पियर्सिंग किसी गैर अनुभवी व्यक्ति या गलत जगह पर पियर्सिंग की जाती है तो सुई किसी नस को छेदकर उसे क्षतिग्रस्त कर सकती है और इससे अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है और शरीर में खून की कमी हो सकती है।
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केलॉइड एक तरह के निशान है, जो पियर्सिंग किये गये स्थान पर सख्त गांठें या उतकों की अतिरिक्त वृद्धि के कारण होते हैं। यह बाहर की ओर निकले होते हैं और बहुत बदसूरत दिखाई देते हैं। भले ही केलॉइड के निशान से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन कई महिलाओं को नाक पर पड़े ये बढ़े बदसूरत निशान नापसंद होते है।
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ज्वैलरी में उपयोग होने वाली धातुओं के प्रति अनेक लोगों को एलर्जिक रिएक्शन होता है। क्योंकि धातुएं आमतौर पर त्वचा के संपर्क में आने पर त्वचा की सूजन को बढ़ाती हैं। इन रिएक्शन में सांस लेने में समस्या भी हो सकती है, इसके अलावा नाक में पियर्सिंग से वहां रेशेज और सूजन भी आ सकती है।
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अगर पियर्सिंग करने वाला व्यक्ति गैर पेशेवर या गैर तजुर्बेकार हो तो जरा सी गलती से बहुत ज्यादा खून भी निकल सकता है। और अगर वह सुई पहले किसी और के भी इस्तेमाल की गयी हो तो आपको वे सभी बीमारियां हो सकती हैं जो दूषित सुई या इंजेक्शन के लगाने से हो सकती हैं। यानी आपको हेपेटाइटिस और अन्य वायरस से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं एचआईवी एड्स जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
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