कमर दर्द और योग

कमर दर्द आजकल की लाइफ का हिस्‍सा बन गया है। दिन भर बैठकर काम करना इसकी सबसे बड़ी वजह है। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से शारीरिक गतिविधियां बिलकुल समाप्‍त हो गई हैं। दर्द निवारक दवाओं के भरोसे कब तक बैठा जाए। और न ही दर्द निवारक दवायें इस समस्‍या का स्‍थायी समाधान ही पेश करती हैं। ऐसे में पुरातन भारतीय पद्धति योग का सहारा ले सकते हैं। आइये कुछ ऐसे आसानों के बारे में जानते हैं जो कमर दर्द को कम करने में आपकी मदद करते हैं।
शलभ आसन

सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाइये। दोनों हाथों को अपनी जांघ के नीचे रखिये। श्वांस अंदर भरते हुए पहले दाहिने पैर को बिना मोड़े धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाइये कुछ सेकेंड रुककर दाहिने पैर को उसी स्थिति में रखे हुए बायें को दाहिने पैर की तरह ऊपर की ओर उठाइये। ध्यान रखिये कि हर स्थिति में आपकी ठोड़ी जमीन से जुड़ी रहनी चाहिये। श्वांस छोड़ते हुए पूर्ण स्थिति में आइये। आप अपनी क्षमतानुसार क्रम को दोहराइये।
मकरासन

पेट के बल लेटकर हाथ की कोहनियों को मोड़कर बिल्कुल सीधे हथेलियों पर ठोड़ी को रखिये। धीरे-धीरे लम्बी श्वांस खींचते हुए दोनों पैर की ऐड़ियों को कूल्हे से सटाने का प्रयास कीजिए। श्वांस छोड़ते हुए पूर्व स्थिति में आ जाइये।
धनुरासन

इस आसन का सीधा सा अर्थ है शरीर को मोड़कर धनुष के समान बनाना। पेट के बल लेटकर दोनों पैरों के घुटने को मोड़कर कूल्हे के ऊपर लाकर दोनों हाथों से दोनों पंजों पकड़िये। श्वास भरते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठाइये एवं धनुष के समान रचना बनाईये। इस दौरान गर्दन सीधे रखते सामने की ओर देखिये। क्षमतानुसार रुककर धीरे-धीरे श्वांस छोड़ते हुए पूर्व स्थिति में लौट आइये।
भुजंगासन

यानि फन फैलाये सांप के समान आकृति वाला आसन। इसमें भी पहले वाले आसन की तरह पेट के बल लेटकर हथेलियों को छाती के बाजू में रखकर पंजे मिलाते हुए कोहनी को थोड़ा ऊपर उठाकर श्वांस छाती में भरते हुए सिर को ऊपर उठाइये। नाभि जमीन में सटी हो। सिर को पीछे की ओर मोड़िये। थोड़ा रुककर पूर्व स्थिति में आ जाइये।
चक्रासन

अपनी बाजुओं को शरीर के पास रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर नितंबों के पास रखें। बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और फर्श पर दोनों कंधों के पास हथेलियों को रखें। उंगलियां शरीर की ओर होंगी और कोहनियां ऊपर की तरफ। पूरे शरीर को ऐसे ऊंचा उठाएं कि केवल हाथ और पैर ही फर्श पर हों। हाथों को पैरों के पास लाने की कोशिश करें। फर्श की ओर देखें। सामान्य सांस के साथ इसी स्थिति में बने रहे और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
वातायानासन

सबसे पहले अपने दोनों पैरों को एक साथ मिलाकर बिलकुल सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद बायें पैर पर खड़े होकर दायें पैर को पद्मासन की मुद्रा में बाईं जांघ पर लगा लें। अन्‍त में दोनों हाथ प्रार्थना की मुद्रा में जोड़कर सिर के ऊपर उठा लें।
उत्काटासन

सीधे खड़े होकर, पैरों में 10 से 12 इंच का अंतर रखें। ताड़ासन करते हुए दोनों हाथों को सामने फैलाकर हथेलियों का रूख भूमि की ओर रखें। शरीर को बिलकुल सीधा रखकर धीरे-धीरे झुककर कुर्सी पर बैठने जैसी स्थिति बनाएं। यह आसन दोनों हाथ कमर पर रखकर भी किया जा सकता है। 15 सेकंड से आरंभ कर तीन मिनट तक किया जा सकता है।