पाचनतंत्र के लिए योग

इस बात में कोई शक नहीं कि पाचनतंत्र पर ही पूरे शरीर का स्वास्थ्य निर्भर होता है। इसलिए इसका ठीक रहना बेहद जरूरी होता है। पाचनतंत्र को मजबूत बनाने के कुछ योगासन हैं जिन्हें हर दिन नियमित रूप से करने पर पाचनतंत्र दुरुस्त बन जाता है। और कमाल की बात तो ये कि इसके लिए आपको प्रत्येक आसन के लिए मुश्किल से केवल 5 मिनट का समय निकालना होता है। लेकिन इन्हें गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए। Image courtesy: © Getty Images
प्लाविनी प्राणायाम

प्लाविनी प्राणायाम करने के लिए पहले पेट को गुब्बारे की तरह फुलाकर सांस को भर लें। अब कंठ को ठोढ़ी सीने से लगाकर बंद करें व मूलबंध लगाकर कुछ देर तक इसी स्थिति में रोककर रखें। फिर कुछ क्षण रोकने के बाद धीरे से सांस छोडते हुए वापस पुरानी स्थिति में आ जाएं। इसे करने से बड़ी आंत और मलद्वार की क्रियाशीलता बढ़ाती है। और पाचनचंत्र भी मजबूत होता है। Image courtesy: © Getty Images
अग्निसार क्रिया

श्वास को छोड़ते हुए उसे रोक लें। अब आराम से जितनी देर सांस रोक सकें, रोके हुए पेट को नाभि पर से बार-बार झटके से अंदर खींचें और ढीला छोड़ें। ध्यान मणिपुर चक्र अर्थात नाभि के पीछे रीढ़ में होना चाहिए। थोड़ी देर इसे करें और फिर रुक जाएं। यह क्रिया करने से पाचन ‍प्रक्रिया मजबूत बनाती है। Image courtesy: © Getty Images
भुजंगासन

यह आसन पेट की मसल्स के लिए काफी फायदेमंद है। भुजंगासन को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथों से कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, (ध्यान रहे कि आपकी कोहनी इस दोरान मुड़़ी होनी चाहिए)। हथेलियां खुलीं और जमीन पर फैली रखें। अब शरीर के बाकी हिस्से को धीरे-धीरे चेहरे के ऊपर की ओर लाएं। कुछ समय के लिए इस स्थिति में रहें और भी वापस से समान्य हो जाएं। Image courtesy: © Getty Images
बलासन

बलासन को करने के लिए घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं, ऐसे कि आपके शरीर का सारा वजन एड़ियों पर हो। अब गहरी सांस लेते हुए आगे की ओर झुकें। हां, ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से न छुए। अह सिर से फर्श को छूने का प्रयास करें। कुछ सेकंड तक इस अवस्था में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में लौट आएं।Image courtesy: © Getty Images
पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन करने के लिए सीधे बैठ जाएं और दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा फैला लें। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं (कमर को बिल्कुल सीधा रखें)। अब झुककर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने का प्रयास करें। इस दौरान आपने घुटनों को मुड़ें नहीं और न ही आपके पैर जमीन से उठाएं। कुछ सेकंड इस स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्य हो जाएं। Image courtesy: © Getty Images
त्रिकोणासन

त्रिकोणासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच लगभग एक मीटर का फांसला रखें। सांस को भरें और दोनों बाजुओं को कंधे की सीध में लाते हुए कमर को आगे झुकाएं। सांस छोड़ें और दाएं हाथ से बाएं पैर को स्पर्श करें। बाईं हथेली को आसमाल की ओर रखें और बाजू सीधी ही रखें। दूसरे हाथ से भी यही करें। दो-तीन सेकंड रुकें और वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। Image courtesy: © Getty Images
सर्वांगासन

सर्वांगासन करने के लिए सपाट जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को शरीर के साथ सटा लें। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर का और उठाएं। इसके बाद पूरे शरीर को गर्दन से समकोण बनाते हुए सीधा लगा लें और ठोड़ी को सीने से छुएं। इस स्थिति में कुछ क्षण रहें और फिर वापस सामान्य हो जाएं। इसे करने से पाचन शक्ति बढ़ती है। Image courtesy: © Getty Images
नौकासन

नौकासन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ होता है और हर्निया की समस्या में राहत मिलती है। इसे करने के लिए किसी समतल स्थान पर पीठ के बल लेट जाएं। और फिर दोनों हाथों, पैरों और सिर को ऊपर की ओर उठाएं। इसी अवस्था को नौकासन कहते हैं। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के फिर धीरे-धीरे हाथ, पैर और सिर को जमीन पर ले आएं।Image courtesy: © Getty Images