त्वचा के लिए योग

सुंदर और दमकती त्वचा पाने के लिए आपको कॉस्मेटिक उत्पादों पर ही निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही आपको की सही खान-पान और व्यायाम व योग की जरूरत होती है। खासतौर पर योग से आपकी त्वचा प्राकृतिक रूप से जवान और खूबसूरत बन सकती है। तो चलिये जानें कौन से हैं वे योगासन जिन्हें करने से हमारी त्वचा प्राकृतिक रूप से निखरी और कांतिमय बनती है। Image courtesy: © Getty Images
प्राणायाम व सूर्य नमस्कार

प्राणायाम और ध्यान आपको और आपकी त्वचा को पूरे दिन चुस्त और फ्रेश रखेगा। ध्यान के दौरान समस्त तनाव, विकार और नकारात्मकता को त्याग दें। प्राणायाम करने से आपकी त्वचा की आभा देखते ही बनती है। इसके बाद सूर्य नमस्कार करें, इससे भी मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और त्वचा पर तेज आता है। Image courtesy: © Getty Images
कपालभाति

कपालभाति करने के लिए एक गहरी सांस लें। और फिर थोड़ा ज़ोर लगाकर अपनी नाक से लय में सांस छोड़ें। ध्यान रहे कि कपालभाति पेट को पंप करने के प्रक्रिया से अलग होती है। सांस को नाक छोड़ते हुए ध्यान दें सांस पर ध्यान केंद्रित करें ल कि अपने पेट की गति पर। Image courtesy: © Getty Images
शीर्षासन

शीर्षासन करने से त्वचा और बाल अच्छे होते हैं। इसे करने के लिए सपाट स्थान पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं और फिर आगे की ओर झुककर दोनों हाथों की कुहनियों को फर्श पर टिका दें। इसके बाद दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें। अब सिर को धीरे-धीरे दोनों हथेलियों के मध्य रख लें। सिर को जमीन से टिकाने के बाद धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन सिर डालते हुए शरीर को ऊपर उठा लें। पैर हवा में कर शरीर को सीधा कर लें और थोड़ी देर बादद वापस आ जाएं। Image courtesy: © Getty Images
हलासन

यदि आप अपनी त्वचा को कांतिमय बनाना चाहते हैं तो इस आसन को रोज करें। इसे करने के लिए स पाट सतह पर कमर के बल लेट जाएं। फिर दोनों हाथों को जांओं के पास जमीन पर रख दें। अब सांस भरते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा रखते हुए ऊपर उठाएं। 90 डिग्री तक ऊपर उठाने के बाद हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हल की तरह लगा दें। घुटनों को सीधा ही करें। दो-तीन मिनट बाद बिना सिर उठाए धीरे-धीरे वापस आ जाएं। Image courtesy: © Getty Images
पश्चिमोत्तनासन

पश्चिमोत्तनासन करने के लिए फर्श पर बैठकर, सांस भरते हुए अपने पैरों को सामने की ओर फैला लें। अब अपने घुटनों को स्थिर रखें और सुनिश्चित करें कि आसान करते में ये झुकें नहीं। अब सांस को छोड़ते हुए, आगे की ओर झुकें, अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और फिर अपने माथे को घुटनों से छूलाने का प्रयत्न करें। दस सेकंड तक यह मुद्रा बनाए रखें और सांस छोड़ते हुए पहले वाली स्थिति में आ जाएं। Image courtesy: © Getty Images
योनि मुद्रा

योनि मुद्रा करने के लिए सुखासन की मुद्रा में पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं। अब आंखों को बंद करके, अपना अंगूठा कान पर और तर्जनी उंगली को आंखों पर रखें। अब अपनी बीच वाली उंगली को अपनी नाक पर, अनामिका उंगली ऊपरी होठों के ऊपर और सबसे छोटी उंगली को निचले होठों के नीचे रख लें। हां, सुनिश्चित कर लें की आपकी कोहनी ज़मीन के समांतार ही हों। 5 से 10 मिनट के लिए मुद्रा में सांस को भीतर-बाहर करें। उंगलियों पर ज्यादा दबाव न डालें।
धनुर्वक्रासन

धनुर्वक्रासन करने के लिए अपने पेट के बल पर लेट जाएं और अपने पैरों को बाहर की तरफ फैलाएं। हाथों को शरीर के पास ही रखें। अब अपने पैरों को मोड़कर अपने टखनों को पकड़ें। साथ ही, अपने टखने खींचें और अपने पैरों को उठायें। सांस अंदर लेते हुए, अपने सिर और गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं। और कुछ सेकंड बाद सांस छोड़ते हुए, पहले वाली स्थिति में लौट आएं। Image courtesy: © Getty Images
चक्रासन

चक्रासन करने के लिए मेट पर पीठ के बल लेट जाएं और फिर दोनों पैरों के बीच कुछ एक फुट की दूरी बनाएं और दोनों पैरों के तलवों व एड़ी को फर्श पर टिकाकर रख लें। इसके बाद दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर हथेलियों को कंधे के पास फर्श पर इस तरह रखें कि उंगलियां पैरों की ओर रहे। अब दोनों हथेलियों व पैरों पर जोर डालते हुए हाथों व पैरों के सहारे शरीर के बीच का हिस्सा धीरे-धीरे जितना हो सके ऊपर उठाएं। इस स्थिति में 15 से 20 सेकेंड रहने के बाद फिर धीरे-धीरे पहले वाली स्थिति में लोट आएं। Image courtesy: © Getty Images