किसी अजूबे से कम नहीं था दुनिया का पहला जिम, देखें तस्वीरें
जो लोग रोजाना जिम में पसीना बहाने जाते हैं, शायद उन्हें भी ये पता नहीं होगा कि जिम की शुरूआत कब और कैसे हुई। अगर आप पुराने जमाने या यूं कहें कि दुनिया के पहले जिम के बारे में जानना चाहते हैं, तो ये स्लाइड शो आपके लिए है। आज हम आपको बता रहे हैं जिम

एक्सरसाइज़ मशीन की खोज स्वीडन के डॉक्टर गुस्ताव ज़ेंडर ने किया था। ये घटना 1892 के आस-पास की है। तब और आज में काफी कुछ बदल चुका है, आज जिम केवल फिटनेस मंत्र ही नहीं है बल्कि बहुत बड़ा कारोबार बन चुका है। खासकर युवाओं की बात करें तो जिम की दीवानगी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

डॉक्टर गुस्ताव मेडिकल स्टूडेंट थे। 1857 में Stockholm में वे बतौर स्पोर्ट्स टीचर काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें जब लगा कि वे एक साथ अपने सभी बच्चों का ख्याल नहीं रख सकते हैं, तब उनके दिमाग में शरीर को फिट रखने के लिए जिम जैसी मशीनें इज़ाद करने की बात आई।

उस दौर की जिम मशीनें ऐसे होती थी, जैसे शरीर को यातना देने के लिए बनाई गई हों, मगर ऐसा नही था। ये मशीनें मॉर्डन जिम की तरह ट्रेंड करती थी। यानी कि तकनीक का विशेष ध्यान दिया गया था।

डॉक्टर गुस्ताव को यह विश्वास था कि मसल्स धीरे-धीरे बनती जाएगी। इसलिए उन्होंने ट्रेनर को इसके तौर तरीकों के बारे में बताना शुरू किया, जैसा कि मनुष्य सदियों से करता रहा है।

जैसा कि तस्वीरों में आप देख रहे हैं कि, उस जमाने की जिम कितनी अजीबो-गरीब थी।

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