अधूरी नींद

नींद न पूरी हो पाने या समय पर नींद न आने से परेशान महिलाओं को टाइप-2 डायबिटीज़ होने की समस्या हो सकती है। जो महिलाएं कम सोती हैं या अपनी नींद पूरी नहीं कर पाती, वे अपना तुंरत इलाज कराएं। अगर महिलाएं पर्याप्त नींद लें, तो टाइप-2 डायबिटीज़ को होने से रोक सकती हैं।Image Source-Getty
पानी की कमी

शरीर मे पानी की कमी कब्ज से लेकर त्वचा की झुर्ऱियों जैसी परेशानी देते है। इसलिए कभी भी अपने शरीर में पानी की कमी को ना होने दे। विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। पानी, विषाक्त पदार्थों को पतला करता है ताकि इससे त्वचा को जलन महसूस ना हों।अगर मूत्र में मौजूद विषाक्त पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पतले ना हों तो वे आपके मूत्र श्लेष्मा के मेंब्रेन को हानि पहुंचा सकते हैं।सो अपनी पनी पीने की मात्रा को संभाले। Image Source-Getty
जरूरत से ज्यादा व्यायाम

जिम में बहुत ज्‍यादा कसरत करने से भी कोई भला नहीं पहुंचता। जिम में हमेशा अपनी क्षमता अनुसार ही वर्कआउट करना चाहिये।वर्कआउट के दौरान या इसके आधे से एक घंटे के बीच आपको जोड़ों में दर्द भी हो सकता है। लेकिन यदि इसके बाद भी यह होता है तो सावधान रहने की आवश्यकता है। यदि वर्कआउट के अगली सुबह भी जोड़ों में दर्द होता है तो इसका मतलब है कि आपने वर्कआउट ज्यादा कर लिया है। यदि सामान्य दिनों में भी ऐसा दर्द रहता है तो आपको कुछ आराम की आवश्यकता है।Image Source-Getty
आलस बढ़ाएं बीमार

30 से 35 वर्ष के आयुवर्ग की महिलाएं खाने की गलत आदतों और आलस से भरी जीवन शैली के कारण मधुमेह का शिकार हो रही हैं। पश्चिमी भारत में लोग तला हुआ खाना ज्यादा खाते हैं और फलों का सेवन नहीं करते, जिसकी वजह से उनमें मधुमेह और मोटापे की समस्या पैदा होने का जोखिम बढ़ जाता है। Image Source-Getty
कामकाज का तनाव

बदलते सामाजिक परिवेश में महिलाएं ब़डे पैमाने पर तनाव की शिकार हो रही हैं। इनमें भी कामकाजी महिलाओं की तादाद कहीं ज्यादा है। घरेलू महिलाओं को जहां केवल घर के वातावरण से तनाव होता है, वहीं कामकाजी महिलाओं में तनाव घरेलू एवं बाहरी दोनों कारणों से होता है। यही वजह है कि वह अधिक तनाव में रहती हैं। तनाव को लेकर भी महिलाओं को सचेत रहना चाहिए। Image Source-Getty