वजन घटाने के तरीके

सामान्यतः मोटे लोगों के साथ यह दिक्कत होती है कि ट्रेडमिल पर घंटों दौड़ने के बाद भी वे अपने शरीर की अतिरिक्त वसा को कम नहीं कर पाते। यही नहीं मोटे लोग घंटों एक्सरसाइज में गुजारते हैं, सुबह के समय जागिंग करते हैं, रात के समय खाने के बाद चहलकदमी भी करते हैं। बावजूद इसके मोटापा है कि घटने का नाम ही नहीं लेता। सवाल है मोटे लोगों के साथ समस्या कहां है? दरअसल समस्या है अतिरिक्त मेहनत। आपको सीधे सीधे शब्दों में समझा दें कि न तो मैराथोन के लिए आपको खुद को तैयार करना है और न ही एथलीट की बाडी हासिल करनी है। आपको सिर्फ और सिर्फ बढ़ी हुई अतिरिक्त वसा को कम करना है। मतलब यह कि वजन घटाने के लिए वजन उठाएं ताकि अतिरिक्त वसा से मुक्ति मिल सके।
अतिरिक्त कार्डियो

अतिरिक्त कार्डियो करने से आपकी मसल्स पतली हो जाती है। नतीजतन मेटाबालिज्म स्तर कम होने लगता है। वास्तव में लगातार मेहनत करना यानी कार्डियो करने से आपके टिश्यू कमजोर होने लगते हैं, ऊर्जा कम हो जाती है। असल में जैसे ही आप इस स्तर पर पहुंचते हैं तो आपके फैट को काटना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं पारंपरिक कार्डियो से आप पतलेपन से और भी दूर हो जाते हैं। दरअसल पारंपरिक कार्डियो आपके मेटाबोलिक रेट को कम करता है यानी कैलोरी बर्न करने की क्षमता को कम करता है। अंततः अतिरिक्त कार्डियो करने से आप फैट तो कम करते हैं लेकिन ये पतलापन हेल्दी नहीं है। इसके उलट कार्डियो करके जो पतलापन आप हासिल करते हैं, वह है दुबलापन और कमजोरी। अतः कार्डियो की बजाय वजन उठाना बेहतर विकल्प होता है।
ट्रांसफॉर्मेशन

ट्रांसफॉर्मेशन के तीन नियमों का पालन करना जरूरी है। सही खाना, वजन उठाना और इसका सही तरह से पालन करना। यदि आपका जिम इंस्ट्रक्टर आपको पतले होने के लिए नियमित रूप से एक से दो किलोमीटर दौड़ने की सलाह देता है तो बेहतर है अपने इंस्ट्रक्टर को बदल डालें। दरअसल सिर्फ दौड़ना आपके पतले होने की गारंटी नहीं है। स्वस्थ डील डौल पाने के लिए पौष्टिक आहार की भी जरूरत है। साथ ही वेट लिफ्टिंग की बेहतरीन ट्रेनिंग की भी आवश्यकता होती है। कार्डियो वास्तव में इंटरवल की तरह होता है। इससे आप काफी कुछ हासिल तो कर सकते हैं। लेकिन सिर्फ कार्डियो करते हुए ट्रेडमिल पर दौड़ लगाना समझदारी का परिचय नहीं है। इंस्ट्रक्टर के निर्देश अनुसार अपने मसल्स पर काम करें। मसल्स में मौजूद वसा को बर्न करें। वेट ट्रेनिंग से मेटाबोलिक रेट भी बेहतर होता है। अतः बिना इंतजार किये वजन घटाने के लिए वजन उठाना शुरु करें।
कार्डियो से अस्थायी रूप से वसा घटती है

हालांकि कार्डियो करने से वसा घटती है। आप पतले हो जाते हैं। लेकिन यकीन मानिए आपकी घटी हुई वसा दोबारा लौट आएगी। दरअसल कार्डियो करते हुए आपकी जो वसा घटती है, जैसे ही आप अपनी डाइट प्लान में कुछ अस्वभाविक तब्दीलियां करते हैं, वैसे ही आपका वजन फिर से बढ़ने लगता है। अतः कार्डियो के वैकल्पिक रूप में आप वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग ले सकते हैं। जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि इससे आप मस्कुलर बनते हैं। मतलब साफ है आप अच्छे शरीर के मालिक बन जाते हैं।
मेटाबोलिज्म बढ़ाए

अकसर हमारा खानपान वजन घटाने पर केंद्रित होता है। जबकि स्वस्थ और आकर्षक बनने का यह सबसे गलत तरीका है। दरअसल हमारा फोकस मेटाबोलिज्म रेट बढ़ाने में होना चाहिए। साथ ही मसल्स बनाने में। असल में जब भी हम नकारात्मक लक्ष्य बनाते हैं तो इसका हम पर नकारात्मक प्रभाव ही पड़ता है। अतः वजन घटाने पर नहीं मसल्स बनाने पर केंद्रित रहें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कोर्डियो करने से मेटाबोलिज्म घटता है। इससे आपकी एनर्जी भी घटती है।
कार्डियो से कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ता है

पारंपरिक कार्डियो करने से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है। असल में जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से बेहद तनाव या अवसाद में होते हैं तब कार्टिसोल रिलीज होता है। ऐसा होने से प्रोटीन सिंथेसिस में कमी आती है। यही नहीं जिस प्रोटीन से मसल्स बनती हैं, उसे ऊर्जा स्रोत के रूप में इस्तेमाल करते हैं। बहरहाल जो लोग मोटे हैं, उन्हें अपनी डाइट में आमूलचूल परिवर्तन करने होते हैं। All Images - Getty