क्यों रनिंग है जिम जाने से ज्यादा मजेदार
जॉगिंग या रनिंग दुनिया की सबसे आला, उम्दा और बेहतरीन कसरत मानी जाती हैं, कमाल की बात तो ये है की फिटनेस के दीवाने लोग भी रनिंग और जॉगिंग को जिमिंग से कहीं ज्यादा पसंद किया करते हैं।

समय के साथ हमने तरक्की की और खुद को सहूलियतों के ढेर पर बिठा दिया। हम फिट रहने के प्रति जागरूक तो हुए लेकिन हमने इसके सही तरीकों पर ध्यान नहीं दिया। हम व्यायाम तो करते हैं लेकिन ऐ.सी कमरों में। ऐसे में रनिंग या जॉगिंग आपके बड़े काम आ सकती है। और रनिंग, जिमिंग से ज्यादा मज़ेदार भी होती है। तो चलिये बात करते हैं कि क्यों रनिंग है जिम जाने से ज्यादा मजेदार। courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images

जॉगिंग या रनिंग दुनिया की सबसे आला, उम्दा और बेहतरीन कसरत मानी जाती है। तो अगर मुझे ये पता है तो जिम में मेरा मन क्यूं लगेगा भला! हमारे पूर्वज खूब पैदल चला करते थे। पैदल चलना उनकी मजबूरी थी, लेकिन जाने-अंजाने यह मजबूरी उनकी सेहत के लिए एक रक्षा कवच की काम करती थी।
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आजकल यूरोप की तर्ज पर ही भारत में भी रनिंग रिवॉल्युशन चल रहा है। दुनिया का हर इंसान दौड़ता है। कार्ल लेविस, नौ बार ओलिंपिक और आठ बार वर्ल्ड चैंपियन रेसर रहें हैं और भारत में भी लोग इस रनिंग रेवॉल्युशन के चलते उन्हें पसंद करने लगे हैं।
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जिमिंग और बॉडी बिल्डिंग के मुकाबले रनिंग काफी लोकप्रीय और बड़ा स्पोर्ट्स है, जिसके चलते लोग रनिंग में ज्यादा रुची दिखाते हैं और इसे एक भविष्य के रूप में भी देखते हैं।
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जहां एक ओर किसी ऑपरेशन के बाद लोग जिमिंग नहीं कर सकते, घुटनों का ऑपरेशन करा चुके लोगों को बैकवर्ड वॉकिंग करने को कहा जाता है। जिन लोगों के कूल्हे, पेडू और कमर के नीचे के भाग की मसल्स खिंच गई है, उन्हें बैकवर्ड वॉकिंग से फायदा होता है। यह टखने की चोट में भी लाभकारी होती है।
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जिमिंग आप हर उम्र में नहीं कर सकते, लेकिन जॉगिंग या रनिंग कभी भी, बचपन हो या बुढ़ापा, की जा सकती है। शोध से पता चलता है कि सप्ताह में दो से तीन घंटे जॉगिंग या रनिंग करने वाले लोगों का जीवन सेहतमंद होता है और उनकी उम्र भी लंबी होती है।
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दौड़ते समय शरीर में एंड्रोफिन जैसे रसायन उत्पन्न होते हैं, जिनसे खुशी का अहसास होता है और हम खुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। इससे तनाव भी कम होता है। जबकि जिमिंग से ऐसा नहीं हो पता। में कमी आती है।
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रोज लगभग एक घंटा दौड़ने से 705 से 865 कैलोरी बर्न होती है, जो 1 घंटा जिमिंग से कहीं ज्यादा है। इससे शरीर की चर्बी भी कम होती है। दौड़ने से शरीर का निचला हिस्सा मजबूत होता है और लिगामेंट्स और स्नायुतंत्र भी मजबूती बनते हैं।
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नियमित रनिंग करने से इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में सुधार होता है और शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। यही नहीं दौड़ने के नियमित अभ्यास से आत्मविश्वास में भी काफी बढ़ोतरी होती है और व्यक्ति अपने जीवन पर बेहतर नियंत्रण रख पाता है।
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