जीने का सही तरीका

जीवन जीने के दो विकल्प होते हैं, या तो आप दयालु भाव और उदारता के साथ जीवन जियें। और दूसरा विकल्‍प होता है कि जैसा जीवन जी रहे हैं, वैसे ही जीते रहें। जीवन को उदरता और दया भाव से जीना वाकई गर्व और हर्ष का विषय है। मानव शरीर पांच तत्वों से बना है और उसकी आत्मा बनी है प्रेम से। उदारता आत्मा को पवित्र करती है। उदारता के साथ जीवन जीने पर हर दिन, हर पल जीवन आनंद का अनुभव कराता है। तो चलिये जानें कि कैसे खुद को उदार बनाएं और एक बेहतर जीवन की शुरुआत करें। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
सहिष्णुता या उदारता कमजोरी नहीं

कई लोग सहिष्णुता का अर्थ कमजोरी समझ लेते हैं। और ईंट का जवाब पत्थर से देने को आतुर रहते हैं। लेकिन इससे बात खत्म नहीं होती, बल्कि बढ़ती है। इससे आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू होता है। अधिकांश मामलों में सहिष्णुता के माध्यम से ही वातावरण को तनावमुक्त कर सामान्य बनाया जा सकता है।Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
महिलाओं से सीखें सहिष्णुता और उदारता

पूरी दुनिया की (विशेषकर भारतीय) महिलाएं उदारता और सहिष्णुता का अनुपम उदाहरण हैं। उनका त्याग, सेवा, दयाभाव व परिवार के प्रति समर्पित भाव उनकी सहिष्णुता के कारण ही होता है। कई बार खुद आधा पेट खाकर पति, बच्चों व पूरे परिवार को भोजन कराने वाली भारतीय महिला बीमारी, हाथ-पैर दर्द व अन्य तकलीफों के समय भी अपने कामों में जुटी रहती हैं। यह उनकी सहिष्णुता और उदारता का ही अनुपम उदाहरण है।Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
विचार मंथन

आप दुनिया को देखने के अपने नज़रिये पर जब विचार मंथन कर यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या वाकई आपका नज़रिया सही है। ऐसा करके आप अपने नजरिये में काफी सुधार कर सकते हैं। बुरे तजुर्बे अक्सर नकारात्मक भावना लेकर आते हैं, इसलिए यह याद रखना कि किसी की उदरता की वजह से आपका कई बार भला हुआ है, आपको उदार बनने के लिए प्रेरित करता है। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
मदद चाहिये तो किसी ओर की मदद करें

किसी से मदद लेना कोई बुरी बात नहीं। सभी को जीवन में कभी ना कभी, किसी ना किसी की मदद की आवश्यकता पड़ती ही है। इसलिए इसे अहं का विषय ना बनाएं। मदद लें, लेकिन लगों की मदद करें भी! जब आप किसी की मदद करते हैं तो ना सिर्फ आपको बल्कि लोगों को भी उदारता का महत्व समझ आता है। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
किसी के दिन को बनाएं बेहतर

कभी-कभी थोड़ा समय निकाल कर किसी ज़रूरतमंद इंसान की सहायता करें। ज़रूरी नहीं कि यह सहायता धन की ही हो, आप किसी काम में उसकी मदद कर भी उसके मुश्किल व तनावपूर्ण दिन को बेहतर और आसान बना करते हैं।Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
उदार बनें लेकिन सतर्कता के साथ

उदारता के साथ सतर्कता रखने की भी जरूरत होती है ताकि आपकी उदारता और भलमनसाहत का लोग अनुचित लाभ न उठाने पायें। सज्जनों को ठग लेना आसान है। इसलिए उदार बनें लेकिन सतर्क भी रहें। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
सराहना करना सीखें

खुद की ओर दूसरे लोगों की सराहना करना सीखें। इसकी शुरुआत अपने सबसे अच्छे अध्यापक तो एक धन्यवाद पत्र लिखकर करें। जब आप ऐसा करेंगे तो आपके अध्यापक को वर्षों बाद वो पत्र पाकर बेहद खुशी और गर्व होगा कि उनके आपको सिखाते समय दिखाये धैर्य और उदारता का सही फल मिला है। इससे आपको भी उदार बनने की प्रबल प्रेरणा मिलेगी। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
गलतियों को मानें और उनसे सीख लें

कहते हैं कि जो इंसान अपनी गलतियों से सीखता है वह उन्हें दौहराता नहीं है और बेहतर जीवन जीता है। इसलिये अपनी गलतियों को छिपायें नहीं, उन्हें स्वीकार करें और सीख लें। इससे ना सिर्फ उदार बनेंगे बल्कि आपमें सकारात्मक भी पैदा करता है। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images
जांच-परख कर करें उदारता

संकटग्रस्तों की सहायता करना उचित है। पर इससे पूर्व यह जांच पड़ताल करनी चाहिए कि संकट की बात बनावटी तो नहीं है। और विपत्ति की बात मनगढ़ंत तो नहीं है। हितैषी बनकर जेब काटने का कोई कुचक्र तो नहीं चल रहा है? ताकि आपका और अन्य भले लोगों के दिल को चोट न पहुंचे। Image courtesy: © Thinkstock photos/ Getty Images