कानों की सफाई

कानों की सुंदर बाली भले ही किसी को आपकी तरफ आकर्षित करती हो लेकिन कई बार यह आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। जी हां, कई बार आपकी कानों में की जाने वाली पियर्सिंग से अजीब सी बदबू आती है। जब पियर्सिंग वाली जगह से मृत कोशिकायें निकलती हैं और उनकी सफाई ठीक तरह से नहीं की जाती तो संक्रमण के कारण बदबू आती है। इस लेख में इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। Image source- shutterstock
ईयर चीज

यहां भी चीज का मतलब पनीर से है और इस जगह पर प्रयुक्त इस शब्द की उत्पत्ति भी चीज से हुई है। दरअसल जब मृत कोशिकायें और सीबम के साथ जब शरीर से नैचुरल ऑयल निकलता है तो यह जले हुए पनीर की तरह महकता है। ऐसा कान के निचले हिस्से में की जाने वाली पियर्सिंग में अधिक देखा गया है। इसलिए जब भी ऐसी स्थिति आपके साथ हो तो नियमित रूप से अपनी ज्वेलरी और ईयरलोब दोनों की सफाई अच्छे से करें। कान से ज्वेलरी निकालकर कान की सफाई करें। और जब आपकी ज्वेलरी सूख जाये तब ही उसे पहने, ज्वेलरी पहनते वक्त विटामिन ई ऑयल का प्रयोग करें। Image source- shutterstock
गलत ज्वेलरी पहनने से

आभूषण भले ही आपकी खूबसूरती बढ़ाते हैं, लेकिन अगर ज्वेलरी का चुनाव सही न किया गया हो तो इनके कारण कानों में संक्रमण भी हो सकता है और यही बदबू का कारण बनता है। ईयरिंग की माप अगर सही नहीं है तो कानों पर इसका दबाव पड़ेगा और इसमें जमा बैक्टीरिया संक्रमण फैलायेंगे। खराब गुणवत्ता की ज्वेलरी में प्रयोग किये जाने वाले पेंट भी कानों में सक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए हमेशा पहनी जाने वाली ईयरिंग का चुनाव जांच-परख कर करें। Image source- shutterstock
ईयर पियर्सिंग की प्रक्रिया

अगर आपने अपने कान किसी नौसिखिये या फिर पुरानी परंपरा की तरह छिदवायें हैं तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि वो लोग संक्रमित निडल का प्रयोग करते हैं जो कि खतरनाक हो सकता है। इसलिए जब भी इयर पियर्सिंग करायें यह सुनिश्चित कर लें कि नई सुई का प्रयोग हो रहा है या नहीं। क्योंकि किसी दूसरे को प्रयोग की गई सूई से आपको संक्रमण हो सकता है। अगर आपने उस वक्त ध्यान नहीं दिया और आपके कान छिदवाने वाली जगह से पस या मेवाद निकल रहा है तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। Image source- shutterstock
किन बातों का रखें ध्यान

इयर पियर्सिंग के बाद संक्रमण को दूर करने के लिए पानी उबालकर उसमें नमक मिलायें और इस मिश्रण को रूई के टुकड़े में भिगोकर संक्रमण वाली जगह पर लगायें, इससे बैक्टीरिया समाप्त हो जायेगा। पानी को गरम करके उसमें चुटकी भर हल्दी मिलायें। हल्दी को गुनगुने पानी में घुलने दें और रूई के टुकड़े को उसमें भिगायें। अब इस टुकड़े को लेकर संक्रमण की जगह पर लगायें। हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण से संक्रमण दूर हो जायेगा। Image source- shutterstock
नीम की पत्त्यिां

मुट्ठीभर नीम की पत्तियों को लेकर पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी हरा न हो जाये। इस पानी को सूजन और दर्द वाले स्थान पर लगाने से संक्रमण दूर हो जायेगा। इसके अलावा अगर समस्या ठीक न हो तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। Image source- shutterstock