कानों की पियर्सिंग से क्यों आती है बदबू, जानें
कान छिदवाने के बाद इससे बदबू क्यों आती है, जानने के लिए इस लेख को विस्तार से पढ़ें।

कानों की सुंदर बाली भले ही किसी को आपकी तरफ आकर्षित करती हो लेकिन कई बार यह आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। जी हां, कई बार आपकी कानों में की जाने वाली पियर्सिंग से अजीब सी बदबू आती है। जब पियर्सिंग वाली जगह से मृत कोशिकायें निकलती हैं और उनकी सफाई ठीक तरह से नहीं की जाती तो संक्रमण के कारण बदबू आती है। इस लेख में इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
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यहां भी चीज का मतलब पनीर से है और इस जगह पर प्रयुक्त इस शब्द की उत्पत्ति भी चीज से हुई है। दरअसल जब मृत कोशिकायें और सीबम के साथ जब शरीर से नैचुरल ऑयल निकलता है तो यह जले हुए पनीर की तरह महकता है। ऐसा कान के निचले हिस्से में की जाने वाली पियर्सिंग में अधिक देखा गया है। इसलिए जब भी ऐसी स्थिति आपके साथ हो तो नियमित रूप से अपनी ज्वेलरी और ईयरलोब दोनों की सफाई अच्छे से करें। कान से ज्वेलरी निकालकर कान की सफाई करें। और जब आपकी ज्वेलरी सूख जाये तब ही उसे पहने, ज्वेलरी पहनते वक्त विटामिन ई ऑयल का प्रयोग करें।
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आभूषण भले ही आपकी खूबसूरती बढ़ाते हैं, लेकिन अगर ज्वेलरी का चुनाव सही न किया गया हो तो इनके कारण कानों में संक्रमण भी हो सकता है और यही बदबू का कारण बनता है। ईयरिंग की माप अगर सही नहीं है तो कानों पर इसका दबाव पड़ेगा और इसमें जमा बैक्टीरिया संक्रमण फैलायेंगे। खराब गुणवत्ता की ज्वेलरी में प्रयोग किये जाने वाले पेंट भी कानों में सक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए हमेशा पहनी जाने वाली ईयरिंग का चुनाव जांच-परख कर करें।
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अगर आपने अपने कान किसी नौसिखिये या फिर पुरानी परंपरा की तरह छिदवायें हैं तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि वो लोग संक्रमित निडल का प्रयोग करते हैं जो कि खतरनाक हो सकता है। इसलिए जब भी इयर पियर्सिंग करायें यह सुनिश्चित कर लें कि नई सुई का प्रयोग हो रहा है या नहीं। क्योंकि किसी दूसरे को प्रयोग की गई सूई से आपको संक्रमण हो सकता है। अगर आपने उस वक्त ध्यान नहीं दिया और आपके कान छिदवाने वाली जगह से पस या मेवाद निकल रहा है तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
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इयर पियर्सिंग के बाद संक्रमण को दूर करने के लिए पानी उबालकर उसमें नमक मिलायें और इस मिश्रण को रूई के टुकड़े में भिगोकर संक्रमण वाली जगह पर लगायें, इससे बैक्टीरिया समाप्त हो जायेगा। पानी को गरम करके उसमें चुटकी भर हल्दी मिलायें। हल्दी को गुनगुने पानी में घुलने दें और रूई के टुकड़े को उसमें भिगायें। अब इस टुकड़े को लेकर संक्रमण की जगह पर लगायें। हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण से संक्रमण दूर हो जायेगा।
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मुट्ठीभर नीम की पत्तियों को लेकर पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी हरा न हो जाये। इस पानी को सूजन और दर्द वाले स्थान पर लगाने से संक्रमण दूर हो जायेगा।
इसके अलावा अगर समस्या ठीक न हो तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।