नाखुश पार्टनर का साथ

एक सर्वे के अनुसार लाखों ऐसे शादीशुदा जोड़े हैं जो अपनी मैरिड लाइफ से खुश नहीं है लेकिन वे इमोशनल और फाइनेंशियल नुकसान के डर से ‌डिवोर्स नहीं ले पाते।सर्वे में ये भी देखा गया कि फाइनेंशियली कंडीशन खराब होने के कारण ही महिलाएं अपने पार्टनर से डिवोर्स नहीं लेना चाहती। वही पुरुष इसलिए डिवोर्स नहीं लेना चाहते क्योंकि इससे उनके परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आइये इस बारे में विस्तार से जाने Image Source-getty
मां-बाप की खातिर

शादी सिर्फ दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का रिश्ता भी होता है। इसलिए लोग कई बार अपनी टूटी हुई शादी को भी परिवार की खुशी की खातिर बनाए रखने में समझदारी मानते है। शादी में समझौतों को करना एक सामान्य बात है, इसलिए शादी को तोड़ना सामाजिक रूप से भी बहुत सराहा नहीं जाता है। अक्सर शादी के टूटने के बाद घरवालों पर निर्भरता बढ़ जाती है इसलिए भी उनके बिना सर्पोट के शादी को नहीं तोड़ा जाता है। Image Source-getty
बच्चों की खातिर

आप भले ही अपने पार्टनर के खुश ना हो पर बच्चों के लिए शादी में बने रहने में भलाई समझते है। आपकी टूटी शादी बच्चों पर बुरा असर डाल सकती है। बच्चों को अच्छा भविष्य देने के लिए मां-बाप दोनो की भूमिका जरूरी होती है। अपनी साथी से ना सहीं पर बच्चों से तो हर मां-बाप को प्यार होता है। हो सकता है रोज रोज की किचकिच आपको परेशान करती है पर कहीं ना कहीं एक दूसरे के लिए प्यार भी छिपा होता है। शायद आप उसे दर्शाने और समझाने में असफल हो जाते है। Image Source-getty
सामाजिक दायरों के चलते

समाज में कई लोगो का अपना एक व्यक्तित्व होता है जिसे बनाए रखने के लिए लोग तलाक देना पंसद नहीं करते है। तलाक कहीं ना कहीं आपकी छवि को भी प्रभावित करता है। सामाजिक छवि के साथ साथ तलाक की वजह से आर्थिक परेशानियां भी हो सकती है। कई लोग इस तरह की परेशानियों से बचने के लिए अपने नाखुश पार्टनर को बर्दाश्त कर लेते है। Image Source-getty
अकेलेपन का डर

शादी दो लोगों का रिश्ता होती जैसे ही आप तलाक के बारें में सोचते है आप खुद को अकेला पाने लगते है। मनुष्यों की ये प्रवृत्ति होती है कि वो साथ रहते हुए भी अकेले जी सकते है पर अलग होने पर उन्हें अकेलापन ज्यादा खलने लगता है। और ये भी सहीं कि एक दूसरे पर निर्भरता कई बार इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि अलग होना अवसाद की कगार पर ला सकता है। Image Source-getty