मधुमेह के मरीज

नवरात्र के व्रत में दिन में केवल फल खाये जाते हैं या शाम को ही सेंधा नमक से बना सात्विक खाना खाया जाता है। जबकी पूरा दिन भूखा रहने से डायबिटीज़ के मरीजों में लो ब्लड शूगर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डायबिटीज़ के मरीजों के लिए पूरे दिन भूखा रहना खतरनाक माना जाता है। इस कारण से डायबिटीज़ के मरीजों के लिए किसी भी तरह का व्रत रखना खतरनाक माना जाता है और नवरात्र के व्रत तो उन्हें बिल्कुल भी नहीं रखने चाहिए।
हाई बीपी के मरीज

जिनका ब्लड प्रेशर हाई रहता है उन्हें भी किसी भी तरह का व्रत नहीं करना चाहिए। पूरे दिन भूखे रहने पर हाई बीपी के मरीजों का बॉडी सिस्टम बिगड़ जाता है जिससे उनकी जान खतर में पड़ सकती है। पूरा दिन भूखा रहने पर हाई बीपी के मरीजों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इसी तरह जिनको लंग्स की समस्या है उन्हें भी उपवास नहीं रखने चाहिए।
दिल के मरीज

दिल के मरीजों के लिए किसी भी तरह का व्रत रखना दुष्कर माना जाता है। वैसे भी दिल की बीमारी में खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है और उसकी दवाईयां भी खाली पेट नहीं खाई जा सकती। वैसे भी व्रत के दौरान पूरे दिन भूखा रहकर शाम को अचानक खाने से कोलेस्ट्रॉल और बीपी के बढ़ने का खतरा होता है जो दिल के मरीजों के लिए घातक हो सकता है।
एनीमिया के मरीज

एनीमिया के मरीजों को भी उपवास नहीं रखने चाहिए। जिन लोगों के शरीर में खून की कमी हो या जिनके खून में हीमोग्लोबिन की कमी होती है उन्हें उपवास नहीं रखने चाहिए। इससे शरीर में कमजोरी व थकान बढ़ जाती है। इसी तरह वो इंसान जो किडनी से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त हैं उसे भी उपवास नहीं रखने चाहिए। पूरे दिन भूखा रहने से किडनी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है जिससे किडनी के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार किडनी के फेल होने की स्थिति भी आ जाती है।
सर्जरी के मरीज

उन मरीजों को भी उपवास नहीं रखने चाहिए जिनके हाल-फिलहाल में सर्जरी हुई है। इन दौरान बॉडी को कई सारे मिनरल्स और विटामिन्स की जरूरत होती है जो केवल सात्विक खाने और जूस से प्राप्त नहीं हो सकती। साथ ही इस दौरान ली जाने वाली दवाईयां भी खाली पेट खाने से खतरनाक स्थिति पैदा होने हो सकती है। इसलिए जिन लोगों की हाल में सर्जरी हुई है उन्हें उपवास बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए।