दूध व दही में ज्यादा बेहतर

हम सभी जानते है कि दूध एक संपूर्ण आहार होता है। लेकिन दही और दूध में, दही दूध से भी ज्यादा फायदेमंद है क्योंकि दूध से ही दही बनता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ पाए जाते हैं जो दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाते हैं । दूध की अपेक्षा दही में प्रोटीन, लैक्टोज, कैल्शियम कई विटामिन्स होते हैं इसलिए दही को अधिक पोषक माना जाता है।इसलिए कमज़ोर पाचन क्षमता वाले लोग इसे दूध पर तरजीह दे सकते हैं। ये प्रोबायोटिक होता है।
दही ज्यादा बेहतर

इसमें दूध की अपेक्षा कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, इसके चलते हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से लड़ने में भी मददगार है। विटामिन ए, डी, और बी-12 से युक्त दही में 100 ग्राम फैट और 98 ग्राम केलोरी है।
सेहत के लिए लाभकारी

लगभग सभी लवण दही में मौजूद होते हैं।डॉक्टर मानते है कि दूध जल्दी हजम नहीं होता है कब्ज पैदा करता है, दही व मट्ठा तुरंत हजम हो जाता है। जिन लोगों को दूध नहीं हजम होता है। उन्हें दही या मट्ठा लेना चाहिये।किसी भी प्रकार के खाने को दही से हजम किया जा सकता है क्योंकि दही भोजन प्रणाली को दुरूस्त बनाए रखता है।
दही की मात्रा

एक दिन में 250एमएल दही खाना सही रहता है। हालांकि इसकी मात्रा आपके बाकी के खानपान पर काफी हद तक निर्भर करती है। दही अगर दोपहर में खाई जाए तो इसके फायदे अधिक होते हैं। कोशिश करें कि दही दिन में दो बजे से पहले खा लें।
दही का सेवन करने में सावधानी

बासा दही का सेवन कभी न करें।रात्रि में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।मांसाहारी भोजन के साथ दही न खाएं।मधुमेह के रोगियों को दही का सेवन संयम से करना चाहिए। सर्दी, खांसी, जुकाम, टांसिल्स, अस्थमा एवं सांस की तकलीफों में दही का सेवन न करें।