मोटापे के बारे में सोचने से भी बढ़ेगा आपका मोटापा

आप जैसा सोचते हैं एक दिन वहीं खड़े रहते हैं। इसलिए हमेशा अच्छा सोचें और ये वाक्य मोटापे पर भी लागू होती है, इस स्‍लाइडशो में पढ़ें कि कैसे मोटापे के बारे में सोचने बढ़ता है मोटापा।

Gayatree Verma
Written by:Gayatree Verma Published at: Dec 31, 2015

क्या आप ऐसा सोचती हैं?

क्या आप ऐसा सोचती हैं?
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कई महिलाओं की, खासकर ऑफिस जाने वाली महिलाओं को चिंता होती है कि कहीं वो ज्यादा मोटी तो नहीं या मोटी तो नहीं हो रहीं हैं। अगर आप ऐसा सोच रही हैं तो तुरंत सोचना बंद करें। क्योंकि ऐसा सोचने से भविष्य में आपको मोटे होने की संभावना बढ़ जाती है, भले ही उस वक्‍त आपका वजन कम क्‍यों न हो। एक स्टडी के मुताबिक 93 प्रतिशत युवा औरतें मोटापे के बारे में सोचती हैं, और उसके बारे में बात करती हैं। ऐसे में आपके वेट गेन करने के चांसेस बढ़ जाते हैं। ऐसे में ये सिंपल टिप्स अपनाएं और मोटापे से छुटकारा पाएं।

मोटापा कोई फीलिंग नहीं

मोटापा कोई फीलिंग नहीं
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मोटापे जैसी कोई फीलिंग नहीं होती। इसके बारे में तो आप तब सोचती हैं जब आप उदास और परेशान होती हैं या अकेलापन महसूस करती हैं। ऐसे में आप अपना ध्यान भटकाने के लिए मोटापे के बारे में सोचने लगती हैं औऱ उसके बाद ये ही सोच-सोच कर परेशान होती रहती हैं।

ये ख्याल आने के कारण

ये ख्याल आने के कारण
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ऐसे ख्याल आने के कारण पता करिए। ऐसा आपको खाने के बाद, ऑफिस में बैठे-बैठे या किसी इंसान के कहने पर लगता है तो उनसे डील करें। अगर खाने से हो रहा है तो वो खाद्य पदार्थ ना खाएं, ऑफिस में बैठे-बैठे हो रहा है तो बीच-बीच में टहल लें और कोई इंसान आपको बोलता है तो उन्हें साफ बोल दें कि आपको उनका ऐसा बोलना पसंद नहीं।

नकरात्मक ना सोचें

नकरात्मक ना सोचें
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नकरात्मक सोच चाहे किसी भी चीज के बारे में भी हो वो आपको बुरे तरीके से ही प्रभावित करती है। इसलिए अपने ऊपर शेम ना करें और जैसे हैं वैसे ही खुश रहें।

खुद से प्यार करें

खुद से प्यार करें
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आपका शरीर जैसा भी है उसे अपनाएं और खुद से प्यार करें। इसका मतलब कतई ये नहीं निकालें कि आप अपने आप से झूठ बोल रही हैं या मोटापे को लेकर लापरवाह हैं। इसका मतलब है कि आप अपने आप से प्यार करती हैं और खुद को तवज्जो देती हैं।

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