गर्भावस्था और अजीब खाने की इच्छा
.jpg650x433.jpg)
पुराने समय में महिला की अजीब खाने की इच्छा से यह अनुमान लगाया जाता था कि महिला गर्भवती है या नहीं। ऐसा वास्तव में होता भी है कि गर्भवती होने के बाद महिला की खाने की इच्छा बहुत अजीब हो जाती है। इन दिनों महिलायें अचार, इमली और खट्टी चीजें खाती हैं, कुछ को चॉकलेट और डेयरी प्रोडक्ट पसंद आते हैं। कुछ महिलाओं को मिट्टी या फिर पेंट तक खाने की इच्छा होती है। गर्भावस्था दौरान यह खाना कितना सही है और क्या खाने की इस प्रबल इच्छा यानी क्रेविंग के कुछ मायने भी हैं। इसकी पड़ताल इस स्लाइडशो में करते हैं।
क्यों होती है ऐसी इच्छा
.jpg650x1433.jpg)
प्रेगनेंसी में अजीब खाने की इच्छा पर कई शोध हो चुके हैं, इन शोधों के परिणाम की मानें तो ज्यादातर ऐसा आयरन की कमी के कारण होता है। शोध में यह भी कहा गया कि शरीर में जिन चीजों की कमी होती है शरीर उन कमियों को दूर करने के लिए इंद्रियों को प्रेरित करता है, इसके कारण ही अजीब चीजों के लिए मन उतावला हो जाता है। ऐसे में महिलायें मिट्टी, डिटर्जेंट, सिगरेट की राख, बेकिंग सोडा, कॉफी के बीज, पेंट, प्लास्टर, रेत, टूथपेस्ट, पत्थर, चारकोल, जली हुई माचिस की तिल्लियां जैसी अजीबोगरीब चीजें भी खाती हैं।
चॉकलेट खाने की इच्छा

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को चॉकलेट खाने की प्रबल इच्छा होती है। चॉकलेट में कैलोरी और वसा अधिक मात्रा में होती है। हालांकि चॉकलेट खाने की इच्छा महिला को पीरियड के दौरान भी हो सकती है। चॉकलेट में कुछ तरह के केमिकल का भी प्रयोग होता है जिससे मूड को अच्छा एहसास होता है, यानी गर्भावस्था के दौरान अगर मूड खराब हो जाये तो अच्छा एहसास करने के लिए चॉकलेट का सेवन करना बुरा नहीं है।
डेयरी उत्पाद या आइसक्रीम

जिस महिला को एसिड रीफ्लक्स या सीने में जलन की शिकायत होती है वह आइसक्रीम या दूध से बने उत्पादों का सेवन गर्भावस्था के दौरान अधिक करती है। इसके अलावा आइसक्रीम या फ्लेवर्ड मिल्क में शुगर भी होता है जिसके सेवन से तुरंत एनर्जी मिलती है। इन दिनों में महिला को तुरंत एनर्जी की जरूरत अधिक होती है। ऐसे में दूध या इससे बने उत्पादों का सेवन सेहतमंद और अच्छा माना जाता है। यह मां के साथ बच्चे के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
नमकयुक्त पदार्थों का सेवन

गर्भावस्था के दौरान अगर आप नमक चाट रही हैं तो यह सही नहीं हैं, क्योंकि यह दिखाता है कि आपके अंदर पानी की कमी है। चूंकि नमक के सेवन से डीहाइड्रेशन का एहसास नहीं होता है, इसलिए नमक या नमकयुक्त आहार का सेवन महिला करती है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी न होने दें और रोज 10-12 गिलास पानी का सेवन करें। इसके अलावा तनाव होने पर भी महिला चिप्स, क्रैकर्स आदि नमकयुक्त पदार्थों का सेवन करती है।
मीट या बर्गर खाना

गर्भावस्‍था के दौरान अगर महिला को मीट या बर्गर खाने की इच्छा हो तो ये यह दर्शाता है कि उसके शरीर में प्रोटीन की कमी है। शाकाहारी लोगों में यह इच्छा अधिक होती है। ऐसे में अपने डायट चार्ट में प्रोटीन की मात्रा ध्यान रखें। इसके अलावा यह विटामिन बी और आयरन की कमी भी दर्शाता है। इसलिए खाने में प्रोटीन के साथ विटामिन और आयरन को शामिल करें।