टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेने पर क्या प्रभाव होता है?
टेस्टोस्टेरॉन एक बेहद ज़रूरी हार्मोन होता है, ख़ासतौर पर पुरुषों के लिए, कई बार लोग टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेते हैं, जिसके शरीर पर कई प्रभाव होते हैं।

कई कारणों जैसे, आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई व सामाजिक समस्याओं के चलते पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर गिर सकता है। जिसके कारण स्तंभन ह्रास (इरेक्टाइल डेप्रिसिएशन) जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। टेस्टोस्टेरॉन का गिरा हुआ स्तर किसी व्यक्ति के सामाजिक व्यवहारों को प्रभावित करता है। यह लोगों की मानसिक शांति के साथ-साथ उनके यौन जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है और मोटापे, डायबिटीज़ आदि समस्याओं का कारण बनता है। अधिकांशतः फिटनेस के लिए लोग टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेते हैं।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरॉन एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन होता है। नरों में टेस्टॉस्टेरॉन प्राथमिक रूप से अंडकोष से व मादाओं में अंडाशय से निकलता है। हालांकि इसकी कुछ मात्रा एड्रेनल ग्लैंड (अधिवृक्क ग्रंथि) से भी निकलता है। यह मेल-सेक्स हार्मोन तथा एक एनाबोलिक स्टीरॉएड होता है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुष यौन लक्ष्णों के विकास को बढ़ाता है और इसका प्रभाव यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के परिणाम के साथ साथ एकाग्रता, मूड और याद्दाश्त से भी होता है। जब कोई पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, लेकिन ऐसा टेस्टोस्टेरॉन की कमी से भी होता है।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेने से पहले आपके लिए बहुत ज़रूरी है कि आप इसके प्रभावों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह ले लें। मायो क्लिनिक के अनुसार टेस्टोस्टेरोन चिकित्सा ह्य्पोगोनडिस्म नामक समस्या का कारण बन सकती है। ये समस्या तब होती है, जब आपका शरीर अपने आप पर्याप्त टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन नहीं कर पाता है।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

चिकित्सकों ने एक शोध में पाया, टेस्टोस्टेरोन मनुष्य की निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरोन का उच्च स्तर ऐसे लोगों को दूसरों के विचारों को सुनने की इजाजत नहीं देता। टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर उपरोक्त समस्या का कारण बन सकते हैं।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेने के कारण होने वाला मुख्य साइज इफैक्ट है मुंहासों की समस्या का होना। टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर लेने वाले अधिकांश पुरुष पीठ पर मुंहांसे होने की शिकायद करते हैं।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर के लंबे समय तक इस्तेमाल का दीर्घकालिक प्रभाव के रूप में किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए एक्पर्ट लोगों को इन टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर का लगातार इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हैं।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उच्च स्तर को पुरुषों में आक्रामक प्रवृत्ति में वृद्धि के साथ जोड़ा जाता है। टेस्टोस्टेरोन बूस्टर का उपयोग इन प्रवृत्तियों को ख़राब करने की क्षमता रखता है। विशेष रूप से अगर पहले से ही टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के उच्च स्तर आपके सिस्टम में मौजूद है।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरोन बूस्टर के साथ जुड़े कुछ संभावित मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जैसे कभी-कभी टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर का उपयोग से अवसाद की समस्या हो सकती है। हालांकि अवसाद का मुख्य कारण अज्ञात है, इसलिए टेस्टोस्टेरोन बूस्टर और अवसाद के बीच कोई सीधा संबंध नहीं कहा जा सकता है।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

मिजाज़ में अचानक बदलाव टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर का सबसे अधिक बताया जाने वाला मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है। क्योंकि टेस्टोस्टेरॉन बूस्टर सिस्टम में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा देते हैं, किसी व्यक्ति को अधिक शत्रुतापूर्ण और आक्रामक बना सकता है। लेकिन ताभी जब वह व्यक्ति पहले से आक्रामक स्वभाव का हो।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos

टेस्टोस्टेरोन बूस्टर का उपयोग व्यक्तियों द्वारा कभी-कभी होने वाले सिर दर्द की समस्या के बारे में भी शिकायद मिलती है। इस प्रकार के सिर दर्द माइग्रेन से हल्के होते हैं। बस टेस्टोस्टेरोन बूस्टर लेने के कारण ये कई बार ये सामान्य की तुलना में बढ़ जाते हैं।
Image Courtesy: Getty Images/Thinkstockphotos
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।