सोते समय क्या होता है हमारे दिमाग का हाल
जब हम सपने देखते हैं तब हमारे दिमाग में से निकलने वाली तरंगे हमारे दिमाग का हाल बयान करती हैं, ज्यादातर सपने हमारे दैनिक अनुभवों से जुड़े होते हैं और ये अच्छे और बुरे दोनों तरह के हो सकते हैं।

सोते वक्त हसीन, बुरा, सुखद कई प्रकार के सपने हम देखते हैं। हम जो भी सपना देखते हैं ज्यादातर वे हमारे दैनिक अनुभवों और हमारे साथ नित्य होने वाली घटनाओं से जुड़े होते हैं। सपने हमारे दिमाग की तरंगों से जुड़ी होती हैं और हम जब भी नींद की आगोश में जाते हैं तब प्रत्येक चरण में हमारे दिमाग का हाल भी अलग-अलग होता है। इसे विस्तार से जानिये।
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सोते वक्त हमारे दिमाग के हाल के बारे में वैज्ञानिकों ने कई अध्ययन किये हैं। वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन सोते वक्त हमारे दिमाग की तरंगों में होने वाले परिवर्तन के आधार पर किया है। सोते वक्त हमारे दिमाग में सामान्यतया पांच तरह के चरण दोहराये जाते हैं। जैसे-जैसे रात गहरी होती जाती है सपने भी लंबे और बढते जाते हैं।
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प्रथम चरण का वक्त बहुत कम होता है, यह सोने के साथ शुरू होता है और जल्द ही समाप्त होता है यानी दूसरे चरण में प्रवेश कर जाता है। इस चरण में दिमाग की तरंगे तीव्र होती हैं और अल्फा तरंगों (इस प्रकार की तरंगे जागते वक्त भी दिमाग में चलती हैं जब व्यक्ति सोच में रहता है) की गति कम होती है। पूरी नींद में इनका योगदान केवल 5 प्रतिशत होता है।
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प्रथम चरण की तुलना में इस चरण में दिल की धड़कन और सांस लेने की गति धीमी हो जाती है। इसमें दिमाग की तरंगे धीमे-धीमे बढ़ती हैं। सोने के कुल समय में यह 44 से 55 प्रतिशत तक होता है।
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इस चरण में व्यक्ति गहरी नींद में होता है और इस समय दिमाग की तरंगे बहुत धीमी होती हैं। इस चरण में मांसपेशियों को भी आराम मिलता है क्योंकि सांस लेने और दिल की धड़कन की गति बहुत धीमी होती है। इस चरण में व्यक्ति गहरी नींद में होता है तो वह सपना देखने के साथ बोलता भी है और इस चरण में ही व्यक्ति नींद में चलता भी है। कुल नींद में यह 15 से 23 प्रतिशत तक होता है।
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यह आखिरी चरण है और इस चरण में व्यक्ति गहरी नींद में तो होता है ही साथ ही गंभीर सपने देखने के कारण शरीर के अन्य अंग भी गति करते हैं। आरईएम यानी रैपिड आई मूवमेंट इस चरण में होता है और यह चरण छोटा और लंबा दोनों तरह का होता है। इसका पहला चक्र केवल 10 मिनट का और आखिरी कई घंटों का हो सकता है। इस समय दिल की धड़कन बढ़ जाती है, सांस भी तेज हो जाती है, आंखें भी गति करती हैं, जबकि मांसपेशियां आराम करती हैं। जागने के साथ ही दिमाग की तरंगें एकत्रित हो जाती हैं।
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सपनों के साथ इस दौरान आंखों की पुतलियां भी हिलती रहती हैं, इसे रैपिड आई मूवमेंट या आरईएम कहा जाता है। यह अचेतन मन की स्थिति है। वैज्ञानिकों के अनुसार जगे होने और आरईएम के बीच एक चरण होता है, जब अच्छे सपने आते हैं। इसे चेतना और अवचेतना के बीच की स्थिति बताया गया है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को पता होता है कि वह सपना देख रहा है और अगर वह कोशिश करे तो अपने सपनों पर नियंत्रण भी कर सकता है।
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सोना हमारे जीवन के बहुत आवश्यक है। नींद न आना एक खतरनाक समस्या है और इसके कारण मौत भी हो सकती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी द्वारा किये गये शोध के अनुसार जो लोग 6 घंटे से कम और 9 घंटे से अधिक सोते हैं उनकी मृत्युदर 7-9 घंटे नियमित सोने वालों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक होती है।
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इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।