क्या है यूरीनरी इन्कांटीनेंस

यूरीनरी इन्‍कांटीनेंस मूत्र मार्ग में होने वाला संक्रमण है इसे यूटीआई भी कहते हैं। यूटीआई के लिए बड़ी आंत का बैक्टीरिया ई कोलाई जिम्मेदार होता है। यह मूत्रमार्ग के हिस्से को प्रभावित करता है। हालांकि ई कोलाई के अलावा कई अन्य बैक्टीरिया, फंगस के कारण भी यूटीआई की समस्या होती है। यूरिनरी सिस्टम के अंग जैसे किडनी, यूरिनरी ब्लैडर और यूरेथ्रा में से कोई भी अंग जब संक्रमित हो जाए तो उसे यूरीनरी इन्‍कांटीनेंस कहते हैं। इसलिए जब भी यह समस्‍या हो तो कुछ आहार और पेय पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। Imagecourtesy@gettyimages
पानी के सेवन में कमी

इस संक्रमण से ग्रस्‍त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। खूब सारा पानी पियें, हर एक घंटे में पेशाब लगनी जरुरी होता है इसलिये आपको लगभग 10-12 ग्‍लास पानी तो रोज पीना चाहिये। कभी भी तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह संक्रमण फैलता है।Imagecourtesy@gettyimages
शराब का सेवन न करें

शराब भी एक मूत्रवर्धक है और जो गुर्दे उत्तेजित करता है जो बारी में अधिक मूत्र का उत्पादन किया जा सकता है। मूत्र असंयम के कारण एक बहुत ही आम है मूत्र पथ का संक्रमण। धूम्रपान का निकोटीन मूत्राशय की मांसपेशी पर प्रभाव डालता है जिससे आपको यूरीनेश्न की का एहसास होता है। Imagecourtesy@gettyimages
अधिक कॉफी पीना

कॉफी का अधिक सेवन करने से भी यूरीनरी इन्‍कांटीनेंस की समस्‍या बदतर हो सकती है। इसमें मौजूद कैफीन गुर्दे की क्रिया को प्रभावित करता है जिसके कारण मूत्राशय में धीरे-धीरे पेशाब का रिसाव होता है। इसलिए इस समस्‍या से ग्रस्‍त होने पर कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन न करें। Imagecourtesy@gettyimages
एसिड युक्त पेय पदार्थ

नींबू की शिकंजी, ठंडाई, मौसमी या संतरे का रस, अंगूर का रस आदि का सेवन करने से अम्लता (एसिडिटी), अम्ल पित्त, अल्सर, उच्च रक्तचाप, पेशाब में रुकावट और जलन आदि अनेक समस्‍यायें उत्पन्न हो सकती हैं। Imagecourtesy@gettyimages
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स

कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का ज्यादा इस्तेमाल हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है। वाटर बेस्ड ड्रिंक में बैक्‍टीरिया या फंगल इंफेक्शन की संभावना अधिक रहती है। इसमें से एक यूरीन में इंफेक्शन होता है। इन ड्रिंक्स को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाली सामग्री का इस्तेमाल सही अनुपात में ना हो तो और भी कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें हो सकती हैं। Imagecourtesy@gettyimages
मसालेदार खाना

अधिक मसालेदार खाने से भी मूत्र असंयम की समस्‍या बढ़ सकती है। मसालेदार खाने के कारण ब्‍लैडर प्रभावित होता है और इसके कारण भी आपको बार-बार वॉशरूम जाना पड़ सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आप बिलकुल भी मसालेदार नहीं खायेंगे, लेकिन अधिक तीखा और चटपटा खाने से बचें। Imagecourtesy@gettyimages
टमाटर और प्याज

टमाटर और प्‍याज के बिना आपको खाना स्‍वादिष्‍ट नहीं लगता होगा और कई रेसिपी में तो इनके प्रयोग से करी भी बनती है। लेकिन अगर आप मूत्र असंयम से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन आपके लिए ठीक नहीं है। Imagecourtesy@gettyimages
अन्य कारण

यह संक्रमण शौच के बाद सही तरीके से सफाई न करना, पेशाब लगने के बावजूद बहुत देर तक शौचालय न जाना, आदि के कारण बदतर होता है। इसके अलावा कुछ बीमारियां जिनसे ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं होता है और यह समस्‍या होती है। किडनी स्टोन के कारण भी यूटीआई की आशंका बढ़ती है। डायबिटीज के मरीजों को भी इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।Imagecourtesy@gettyimages
इन बातों का भी रखें खयाल

शारीरिक साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यूटीआई होने पर सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल के वक्त सावधानी बरतें। शौच करने से पहले व बाद में फ्लश का इस्तेमाल करें। घर पर भी टॉयलेट की साफ-सफाई का ध्यान रखें। यूटीआई होने पर पर्याप्त चिकित्सकीय देखभाल और दवाइयों को सेवन समय पर करें। कोर्स पूरा किए बिना दवाइयों का सेवन बंद न करें। दोबारा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।Imagecourtesy@gettyimages