महिलाओं के अनचाहे बाल

अनचाहे बालों से अधिकतर महिलाएं परेशानी होती हैं और ना जाने क्या-क्या उपाय अपनाती हैं जो उनकी इस समस्या को कम करने के बजाय और अधिक बढ़ा देती हैं। जबकि मेडिकल साइंस में इसे एक बीमारी का नाम दिया गया है और इसे हिर्सुटिज़्म (अतिरोमता) कहा जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त महिलाओं में पुरुषों की तरह बाल उगने लगते हैं जैसे की चेहरे पर दाढ़ी-मूछ आना, छाती, पीठ और पेट पर बाल आना। स सामान्य तौर पर महिलाओं के इन जगहों पर ना के बराबर बाल होते हैं। इसके कई कारण हैं।
क्या है अतिरोमता (हिर्सुटिज़्म)

आजकी दौड़ती-भागती जिंदगी और जंक फुड ने लोगों के शरीर में हार्मोन को असंतुलित कर दिया है। जिससे सबसे अधिक महलाएं प्रभावित हुई हैं। कई बार महिलाओं में अधिक मात्रा में स्रवित होने वाले मेल हार्मोन अतिरोमता की समस्या का कारण बन जाते हैं। पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओ) हार्मोनल असंतुलन का सबसे बडा कारण है।
आनुवंशिक भी है

कई बार ये बीमारी अनुवांशिक होती है। कई बार परिवार के एक सदस्य के अनचाहे बालों की समस्या से ग्रस्त होने के कारण भी अनुवांशिक तौर पर यह बीमारी आगे आने वाली पीढ़ी को भी होती है। या फिर कई बार भारतीय उप-महाद्वीप व भूमध्य देशों की महिलाओं में यूरोपीय, पूर्व एशियाई या मूल अमेरिकी महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। अगर इस कारण अनचाहे बालों की समस्या है तो इसका निजात मुश्किल है।
दवा से हो सकता है उपचार

आजकल बीमारियां होती नहीं कि लोग दवा पहले ले लेते हैं। पढ़ने में एकाग्रता बढ़ाने के लिए दवा, नींद भगाने के लिए दवा, नींद आने के लिए दवा आदि हर चीज में दवा लेने से कई बार ये दवाएं शरीर के सिस्टम व हार्मोन में असंतुलन पैदा कर देती है जो चेहरे व शरीर के बालों के उगने में वृद्धि कर देती है।
एण्ड्रोजन हार्मोन

एण्ड्रोजन हार्मोन मेल हार्मोन है जो डाइट और पीरियड असंतुलन की वजह से शरीर में स्रवित होता है। इस हार्मोन का शरीर के अंदर अधिक स्रवण से महिलाओं के चेहरे और शरीर में अनचाहे बालों की समस्या उत्पन्न होती है।
गर्भनिरोधक गोलियां

सबको मालुम है कि पिछले कुछ सालों में महिलाओं के बीच में गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल बढ़ा है। गर्भनिरोधक गोलियां भी एण्ड्रोजन के स्तर को प्रभावित करती हैं जिससे अनचाहे बालों की समस्या पैदा होती है।