अजीब बातें और खुशी

सबके खुश रहने का अपना अलग बहाना होता है, कोई दोस्‍तों के साथ खुश रहता है, तो कोई घरवालों के साथ खुश रहता है। किसी को पुरानी बातें याद करके खुशी मिलती है तो किसी को ऑफिस का काम करने से खुशी मिलती है। इन सब बातों में एक समानता है वह यह कि लोग खुश रहने के लिए बहाने तलाश लेते हैं और उसमें खुश रहने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमारे जीवन से जुड़ी कुछ अजीब बातें भी हैं जो हमें खुशी प्रदान करती हैं। image source - getty images
बायें करवट सोना

इंग्‍लैंड में 2011 में छपी एक रिपोर्ट के की मानें तो जो लोग रात में बायें करवट सोते हैं वे अन्‍य लोगों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक खुश रहते हैं। ऐसे लोगों की सोच भी अन्‍य लोगों की तुलना में अधिक सकारात्‍मक होती है। image source - getty images
बढ़ती उम्र

उम्र ढलने के साथ खुशी का स्‍तर भी बढ़ता जाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है हमारे दिमाग की कुछ कोशिकायें नकारात्‍मकता को नकार कर सकारात्‍मक बातों की तरफ अधिक ध्‍यान देती हैं। उम्र बढ़ने के साथ हमारे न्‍यूरॉन्‍स नकारात्‍मक भावों के खिलाफ कम प्रतिक्रिया करते हैं और इससे हमारी खुशी बढ़ती है। image source - getty images
छुट्टियों पर जाने से पहले

छुट्टियों पर बाहर जाने का प्‍लान हमारे रोमांच और खुशी को बढ़ा देता है, जैसे-जैसे यात्रा की तारीख नजदीक आती है वैसे-वैसे हमारी खुशी का स्‍तर भी बढ़ता जाता है। हालांकि छुट्टियों से वापिस आने पर रोमांच का स्‍तर कम हो जाता है। image source - getty images
परवरिश के दौरान

मां-बाप को बच्‍चे के साथ अधिक खुशी का एहसास होता है। तनाव और थकान से ग्रस्‍त मां अपने लाडले का एहसास पाते ही खुश हो जाती है। दरअसल मां और बच्‍चे के बीच में भावनात्‍मक बंधन तनाव कम कर उत्‍सुकता बढ़ाता है, और इससे खुशी मिलती है। image source - getty images
वृहस्पतिवार का दिन

लंदन स्‍कूल ऑफ इकोनॉमिक्‍स के शोधकर्ताओं ने 45 हजार लोगों पर अध्‍ययन करके यह तर्क निकाला कि लोगों को वृहस्‍पतिवार को अन्‍य दिनों की तुलना में अधिक खुशी मिलती है। लोग इस दिन छुट्टी वाले दिन की तुलना में अधिक खुश रहते हैं। image source - getty images
अखबार पढ़ते वक्त

टीवी पर समाचार देखने की तुलना में अखबार में खबर पढ़ने से अधिक खुशी मिलती है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड ने एक विश्‍लेषण में यह बात साबित किया कि ज्‍यादातर लोग सुबह का खाली वक्‍त अखबार पढ़ने में बिताते हैं और इससे उन्‍हें खुशी भी मिलती है। image source - getty images
दुखांत वाली फिल्में

हंसी मजाक से भरपूर फिल्‍म देखने से भले ही आप कुछ पल के लिए खुश हो लें, लेकिन दुखांत और सामाजिक सरोकार से जुड़ी फिल्‍में आपको अधिक सुख प्रदान करती हैं, क्‍योंकि इन्‍हें देखने के बाद व्‍यक्ति आसपास के जीवन और समाज के परिप्रेक्ष्‍य का तुलनात्‍मक विश्‍लेषण करता है। image source - getty images