तनाव के साइड इफेक्ट्स

क्या आपको पता है कि तनाव न सिर्फ आपके दिमाग को बल्कि शरीर को भी कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है। ये आपकी मांसपेशियों को कसने, आपकी ऊर्जा का स्तर कम करने और रक्तचाप को तेजी से बढ़ाता है। यह आपके मस्तिष्क ही नहीं बल्कि शरीर की आंतरिक प्रणाली को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। तो चलिये जानते हैं तनाव के कारण शरीरको होने वाले ऐसे ही कुछ नुकसानों के बारे में। Images courtesy: © Getty Images
फोड़े-फुंसियां आदि

यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिआमि मिलर स्कूल ऑफ़ मेडिसिन में एक त्वचा विशेषज्ञ 'फ्लोर ए मयूरल' के अनुसार तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर ऊंचा होने पह वह त्वचा की वसामय ग्रंथियों को संकेत देता है, जो एक छिपे हुए एंटी-इंफ्लेमेटरी वेक्सी तेल का बाहव शुरू कर देता है। जिससे अस्थायी मुंहासे, फ्लुशिंग, एक्जिमा, व सप्ताह के अंत में होने वाली अन्य कई त्वचा संबंधी स्थिति हो सकती हैं। Images courtesy: © Getty Images
जल्दी होते हैं सर्दी-जुखाम

कार्नेगी मेलों यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार जब आपको कोई वायरस लगता है तो ऐसे में होने वाले सभी संभावित लक्षण, जैसे नाक बहना, कफ व शरीर में दर्द आदि, बग के लिए अपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की उत्तेजन प्रतिक्रिया का परिणाम होते हैं। तनाव इस उत्तेजना के स्तर में इजाफे का कारण बनता है। जिसका मतलब है कि आपका शरीर सर्दी के वायरस के प्रति और अधिक गंभीर रूप से प्रतिक्रिया करता है और इसके लक्षम लंबं समय तक रह सकते हैं। Images courtesy: © Getty Images
आपके बाल टूट जाते हैं

यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिआमि मिलर स्कूल ऑफ़ मेडिसिन में त्वचा विशेषज्ञ मयूरल के मुताबिक लंबे समय तक तनाव रहने से गर्मियों में बाल तेजी से झड़ सकते हैं। तनावपूर्ण घटना के तीन महिनों बाद तक बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। हालांकि तनाव के दूर होने के बाद आपके अयाल आमतौर पर वापस आ जाते हैं। Images courtesy: © Getty Images
हृदय पर दुष्प्रभाव

कई बार थोड़ा सा भी तनाव हृदय दर को बढ़ा देता है और हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे में हृदय द्वारा पंप किए गए रक्त को शरीर के दूसरे हिस्से में ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं में अवरोध पैदा होने लगता है। ऐसी स्थि‌ति में दिल का दौरा पड़ने की आशंका भी बढ़ जाती है। Images courtesy: © Getty Images
रिप्रोडक्टिव सिस्टम

पुरुषों में तनाव से टेस्टोस्टीरोन व वीर्य का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। कई बार तो इससे नपुंसकता जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। वहीं महिलाओं में तनाव से मेन्सुरेशन साइकिल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिस कारण उन्हें अधिक दर्द या अनियमितता का सामना करना पड़ता है। Images courtesy: © Getty Images
भूलने की बीमारी

नए शोध के अनुसार महिलाओं में मध्य वय जीवन के तनाव की वजह से भूलने की बीमारी होने का जोखिम बढ़ता है। यह शोध स्वीडेन की 800 महिलाओं पर किया गया है जो या तो तलाक के बाद रह रही हैं या अपने साथी की मृत्यु के बाद वियोग में थीं। शोध के अनुसार इन महिलाओं में एक दशक के बाद अल्ज़ाइमर से पीड़ित होने की आशंका जताई गई। बीएमजे ओपन की रिपोर्ट के अनुसार अधिक तनाव में रहने वाली महिलाओं में भूलने की बीमारी बढ़ने की आशंका बढ़ती जाती है।Images courtesy: © Getty Images
समय से पहले उम्र बढ़ने वाले बच्चे

जर्नल मॉलिक्यूलर साइकाइट्री के एक शोध के अनुसार जब किसी बच्चों को हिंसा या किसी अप्रिय घटनाका सामना करना पड़ता है तो वह अत्यधिक दबाव का अनुभव करता है, जिसके चलते उसके या उसकी कोशिकाएं समय से पहले उम्र बढ़ने का नेत्रत्व कर सकती हैं। Images courtesy: © Getty Images
मांसपेशियों में खिंचाव

काफी समय तक तनाव में रहने के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या होती है। कई बार तो इसके कारण से सिरदर्द, माइग्रेन या मांसपेशियों व हड्डियों से जुड़े परिवर्तन भी देखने को मिलते हैं। मांसपेशियों में खिंचाव दर्द भरा हो सकता है। Images courtesy: © Getty Images