जरा सामाजिक हो जाएं

जो लोग कम सामाजिक होते है उन्‍हें दिल के दौरे से उबरने में अधिक वक्‍त लगता है। अकेले बहुत अधिक समय व्‍यतीत करना आपके दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैं। सोशल होना दिल की समस्याओं के जोखिम को कम करता है। और जीवन से तनाव को कम करने में मदद कर सकता हैं।
समस्याओं पर चर्चा करें

अपनी शिकायतों को पकड़कर न बैठे रहें। ऐसा करके आप अपना मानसिक तनाव बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही आपके दिल की धड़कन की रफ्तार भी बढ़ी रहती है। इसलिए बेहतर होगा कि मुद्दों पर अपने साथी, परिवार या दोस्त के साथ चर्चा करें। अनकही बातें अधिक तनाव को जन्म दे सकती है।
शराब को कहें ना

शराब का बहुत अधिक सेवन आपके ब्‍लड प्रेशर को बढ़ा देता है। इससे आपका हार्ट फेल भी हो सकता है। शराब आपको मानसिक व शारीरिक रूप से भी काफी नुकसान पहुंचाती है।
कैफीन का कम उपभोग

कैफीन बहुत ही जल्‍दी आपके अटेन्डन्ट स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा देता हैं। इस तरह स्‍ट्रेस हार्मोन सूजन का कारण भी बन सकते है। यानी कैफीन का अधिक सेवन आपको तनावग्रस्‍त बना सकता है। और तनाव आपके दिल के लिए कितना खतरनाक है यह तो आप जानते ही हैं।
संतुलित आहार से दिल रहे तंदुरुस्त

रेड मीट और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। फलों, सब्जियों, अंडा, मछली और साबुत अनाज आदि को अपनी थाली का हिस्‍सा बनाएं। इससे आपका दिल स्‍वस्‍थ रहता है। आप पहले से अधिक फिट महसूस करते हैं और आपको तनाव से भी दूर रहते हैं।
नींद

तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने के लिए छह से आठ घंटे की औसत नींद की सलाह दी जाती है। हालांकि, नींद की गुणवत्ता भी बहुत महत्वपूर्ण होती है। नींद में लगातार रुकावट से उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी हो सकती है।
व्यायाम

शारीरिक गतिविधियों जैसे बागवानी, साइकिल चलाना और जॉगिंग आदि से आपको बेहतर लगेगा। यह आपके तनाव को कम करने और दिल को मजबूत बनाने में मदद करता हैं।
भावनात्मक भागीदारी की सीमा

किसी भी घटना या वस्‍तु के साथ बहुत अधिक भावनात्‍मक होने से बचें। चीजों की जगह संबंधों पर ध्यान दें, क्‍योंकि वास्‍तव में चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
हंसी

हंसने से कैलोरी अधिक खर्च होती है। हंसने से लंबे समय तक आपके दिल को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। यह स्वस्थ दिल के लिए अग्रणी नाड़ी समारोह में सुधार करने में मदद मिलती है।
प्रोफेशनल मदद लें

दवा, मनोचिकित्सा या संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी से डिप्रेशन के इलाज में मदद मिलती है जबकि अन्य उपचार से तो दिल की बीमारी का खतरा और बढ़ सकता है।