बाइपोलर डिसऑर्डर को नियंत्रित करने के उपाय
बाइपोलर डिसऑर्डर को नियंत्रित करने के लिए तनाव का स्तर कम होना चाहिए। आइए जानें ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में।

बाइपोलर डिसऑर्डर को नियंत्रित करने के लिए तनाव का स्तर कम होना चाहिए। इसके साथ ही मरीज को भरपूर नींद के साथ ही नशीले पदार्थो के सेवन से दूर और अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखना चाहिए। साथ ही ऐसे रोगियों की दवा, मनोवैज्ञानिक इलाज और पारिवारिक काउंसलिंग आदि महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बाइपोलर डिसऑर्डर का प्रमुख कारण तनाव है इसलिए तनाव कम से कम लें। तनाव के स्तर को कम करने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि तनाव का क्या कारण है। कारण जानने के बाद तनाव से छुटकारा पाने की कोशिश करें। साथ ही आपको अपनी भावनात्मक एवं शारीरिक प्रतिक्रिया पर भी गौर करना चाहिए। यह समझकर समस्या को नजरअंदाज न करें कि यह खुद ठीक हो जाएगी। ऐसा करने से स्थिति बिगड़ सकती है।

बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या उनमें भी पाई जाती है जो नशीले पदार्थो का सेवन डिप्रेशन से छुटकारा पाने या दिमाग को शांत रखने के लिए करते हैं। नशीले पदार्थों से दूर रहें क्योंकि सिगरेट या शराब के सेवन से तनाव घटने की बजाय बढ़ता है और तनाव बाइपोलर डिसऑर्डर को बढाता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर में लोगों को नींद की समस्या होना आम है। डिप्रेशन के कारण या तो वे बिल्कुल नहीं सो पाते या बहुत ज्यादा सोते हैं। ऐसे लोग बहुत अधिक थकान भी महसूस करते हैं। हालांकि कुछ घंटे ठीक से सोने के बाद वे खुद को फ्रेश महसूस करते हैं। इसलिए निर्धारित समय पर सोना जरूरी है और यह भी सुनिश्चित करें कि आपकी नींद में खलल न पड़े।

असंतुलित भोजन दिनचर्या आपके तनाव को बढ़ाती है। तनाव के ज्यादा बढ़ने से बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या बनती है। इसलिए स्वस्थ खान-पान को अपनी आहार दिनचर्या में शामिल करें। फास्ट फूड और हमेशा कुछ चबाते रहने की आदत से छुटकारा पाने की कोशिश करें।

बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नियमित व्यायाम बेहतर उपाय है। व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। अपनी सुविधानुसार आप कोई भी व्यायाम कर सकते हैं। व्यायाम करने से शरीर में इंडॉर्फिन रिलीज होता है, जिससे आप बेहतर महसूस करते हैं।

किसी भी कार्य को पूरा करने में असमर्थ महसूस करना बाइपोलर डिसऑर्डर का लक्षण है। ऐसे व्यक्ति अपनी पूरी ऊर्जा काम में नहीं लगा पाते और न ही एक समय में एक से ज्यादा काम कर पाते है। इसलिए जरूरी है कि अपने दिनभर के कार्यो की योजना बनाएं। इससे आप उस कार्य के लिए पूरी रूप रेखा तैयार कर पाएंगे और जरूरी तैयारी भी कर पाएंगे।

बाइपोलर डिसऑर्डर में कई बार तनाव इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है। इसलिए तनाव के ज्यादा बढ़ने से पहले ही इसके कारणों की चर्चा अपने विश्वास पात्र व्यक्ति से करें। विश्वास योग्य व्यक्तियों में कोई भी हो सकता है जैसे आपकी पत्नी या पति, मित्र-हितैषी या कोई निकटतम संबंधी।

बाइपोलर डिसऑर्डर में तनाव उस समय और बढ़ जाता है जब व्यक्ति घटित घटनाओं के बारे में सोचता है। यदि आपके साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिसे सोचकर आप तनाव में आ जाते हैं तो बेहतर होगा कि आप जिंदगी के नकारात्मक पहलुओं से खुद को दूर रखें और उनके बारे में न सोचें।
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