इन 8 प्राकृतिक तरीकों से डायबिटीज करें नियंत्रित
अनियमित दिनचर्या और खानपान में अनियमितता के कारण मधुमेह के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन अगर कुछ बातों को ध्यान में रखा जाये तो इसपर काबू पाया जा सकता है।

आज डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा खान-पान और जीवनशैली है। लेकिन अगर समय रहते ही इस पर ध्यान दिया जाए और अपने खान-पान व जीवनशैली में बदलाव किया जाए तो इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। परहेज ही इस बीमारी से बचाव का उपाय है। आइए जानें ऐसे उपायों के बारे में जिनको अपनाकर मधुमेह पर कंट्रोल किया जा सकता हैं।
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यदि किसी का ब्लड ग्लूकोज लेवल लगातार बढ़ रहा है तो उसे सबसे पहले अपने आहार में बदलाव करना चाहिए। आहार में परिवर्तन के लिए किसी आहार विशेषज्ञ से मिलें और एक स्वस्थ आहार योजना तैयार कराएं। भोजन की गुणवत्ता और मात्रा की निगरानी से आप अपने अन्दर सकारात्मक परिवर्तन कर सकते हैं। भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम करें। प्रोटीन और वसा के बीच संतुलन बनाने से मधुमेह के उपचार में मदद मिलती है।
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मधुमेह के उपचार में एक्सरसाइज की भूमिका बहुत अहम है। प्रतिदिन आधे घंटे की एरोबिक एक्सरसाइज न केवल ग्लूकोज के स्तर को कम करती है बल्कि ऊतकों को इन्सुलिन के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाती हैं। इसलिए मधुमेह के रोगियों को नियमित व्यायाम करना चाहिए।
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खून में शर्करा की मात्रा कम होने की स्थिति में इंसुलिन दिए जाने पर मरीज ओवरईटिंग करने लगता है। लेकिन रक्त शर्करा को कम करने का सबसे आसान तरीका वजन घटाना होता है। वजन घटने से शरीर इन्सुलिन के प्रति और अधिक संवेदनशील बनता है। इसलिए नियमित वजन घटाने के लिए तरीकों को आजमायें और अपने वजन पर काबू पायें।
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ब्लड ग्लूकोज और दैनिक इन्सुलिन इंजेक्शन के हाई लेवल को कम करने के लिए खाने योग्य दवाएं, टाइप 1 मधुमेह के लिए सबसे प्रभावी उपचार हैं। टाइप 2 मधुमेह के कुछ मामलों में भी इन्सुलिन इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है।
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ब्लड शुगर के स्तर की जांच के लिए डॉक्टर के पास जाने के साथ ही आप ब्लड ग्लूकोज मीटर से घर पर भी इसका लेवल चेक कर सकते हैं। ब्लड ग्लूकोज मीटर एक छोटा उपकरण है, इससे रक्त में ग्लूकोज की एकाग्रता का पता लगाया जाता है। यदि ब्लड में शुगर का स्तर दिनभर में बदलता रहता हैं तो कई बार जांच की जरूरत हो सकती है। साथ ही मुधमेह का उपचार इसके प्रकार पर भी निर्भर करता है।
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मधुमेह के रोगियों को शुगर का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे मुधमेह अधिक खतरनाक हो सकता है। ब्लड में शुगर की मात्रा अधिक होने से ही डायबिटीज होती है। ऐसे में मधुमेह रोगियों को शुगर और शुगर युक्त कोई भी खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए। इससे ब्लड में शुगर का स्तर नहीं बढ़ेगा।
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डायबिटीज के रोगियों को ओवरईटिंग से बचना चाहिए। जितनी भूख हो उतना ही खाएं, भूख से अधिक खाने के कारण भी डायबिटीज बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए मधुमेह के रोगी ओवरईटिंग न करें, और न ही फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन करें। इसमें कोलेस्ट्रॉल होता है जिससे मुधमेह रोगियों की स्थिति बदतर हो सकती है।
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मधुमेह के रोगियों को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उनको ताजे फलों और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए, इसमें मौजूद विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, मिनरल के कारण ब्लड में शुगर का स्तर प्रभावित नहीं होगा और कोलेस्ट्रॉल से बचाव होगा। इसलिए नियमित रूप से ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
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