ब्रेसेस के विकल्प

बुरा दिखना किसी को पसंद नहीं होता और अच्छे दिखने के लिए हर कोई बहुत से एफर्ट्स लगाता है। अच्छे दिखने में सबसे ज्यादा भूमिका निभाते हैं हमारे दांत, क्‍योंकि जब हम मुस्‍कुराते हैं तब पॉजिटिविटी दिखती है। लेकिन जिसके दांत अच्छे न हो तो वह मुस्‍कुराने में हिचकेगा। ऐसे में उनको सुंदर बनाने किए कई लोग ब्रेसेस का उपयोग करते हैं। लेकिन मैटल के ब्रेसेस का उपयोग करने से कई लोग घबराते हैं। ऐसे में वो लोग ब्रेसेस के अलावा अन्य उपाय भी अपना सकते हैं। इसके दूसरे विकल्‍पों के बारे में यहां जानें। Images source : © Getty Images
रिटेनर्स

इसे किसी भी वक्त दांतों में लगाया जा सकता है और दांतों से निकाला जा सकता है। ये दांतों को सही पोजिशन में लाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। एसिक्स रिटेनर्स पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट होता है जो दांतों के ऊपर लगाया जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल तभी संतोषदायक है जब दांत ज्यादा टेढ़े-मेढ़े न हो। ये ज्यादा महंगे नहीं होते और इन्हें पहनना बहुत आसान होता है। Images source : © Getty Images
हेडगियर या कैप

अगर आपके दांत ज्यादा खराब हैं और दिखने में बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते तब हेडगियर या कैप का उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल दांतों को सही शेप में लाने के लिए किया जाता है। इस क्रिया में ऊपर वाले दातों और मसूड़ों पर प्रेशर दिया जाता है। इसकी सबसे अच्छी बात है कि इसे दिन में कुछ घंटों के लिए ही पहना जाता है। अधिकतर लोग इसे रात में सोते वक्त पहनते हैं। लेकिन एक बात का हमेशा ध्यान रखें की इसे खेलते समय, खाते समय और ब्रश करते समय जरूर उतार दें। Images source : © mainstreetsmiles Images
क्लीयर अलाइनर्स

इनविज़अलाइन जो क्‍लीयर अलाइनर्स के तौर पर अधिक उपयोग में लाया जाता है। यह ब्रेसेस के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय विकल्प है। इससे किसी भी प्रकार के दांतों को सही किया जा सकता है। इस क्रिया में डेंटिस्‍ट दांतों के अनुसार एक क्‍लीयर अलाइनर ट्रे सिरीज़ देते हैं जिसे दांतों के ऊपर लगाया जाता है। प्रत्येक अलाइनर को दिन में बीस घंटे दो हफ्ते तक के लिए पहनना जरूरी है। दो हफ्ते के बाद दूसरी ट्रे उपोयग में लाई जाती है। यह क्रिया सिरीज़ के खत्म होने तक अपनाई जाती है। Images source : © lakefrontfamilydentistry Images
विनियर

विनियर पोर्सिलिन की पानी जैसी पतली परत होती है, जो दांतो के ऊपर लगा दी जाती है। दांत का नाप लेकर लैब में पोर्सिलिन या सिरेमिक की परत तैयार की जाती है। इसको दांतों में फिट करने से पहले दांतों के ऊपर से एनामल की एक परत हटा दी जाती है। दांतों के बीच की खाली जगह को भरने के लिए उपयोग में लाया जाता है और ये पांच साल तक कारगर होते हैं। पांच साल के बाद आफको इसे दोबारा करने की जरूरत होगी। Images source : © coddingtondental Images
बॉन्डिंग

अगर दांत पीछे हैं तो उन्हें आगे लाने के लिए, अगर दांत बाहर निकले हैं तो उन्हें पीछे ले जाने के लिए या टूटे-फूटे दांतो को शेप में लाने के लिए दांतों की बॉन्डिंग का इस्तेमाल भी किया जाता है। अगर कोई दांत पीछे है तो उसकी बॉन्डिंग कर एक लाइन में लाया जाता है। टूटे-फूटे दांतों को शेप में लाने के लिए दांत के रंग की कंपोजिट फीलिंग को दांत के ऊपर लगाया जाता है। यह सब विकल्पों में सबसे आसान और सस्ता विकल्प है। Images source : © drmcdougal Images