ये संकेत बताएंगे कि आपको है विटामिन 'के' की कमी
विटामिन 'के' का मुख्य कार्य खून बहने के दौरान उसे जमने में मदद करना है। विटामिन 'के' यह कार्य रक्त जमने की प्रक्रिया में शामिल विभिन्न प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम को सक्रिय करके करता है। इससे हड्डियों की सेहत में सुधार होता है, धमनियों में कैल्शियम को

सेहत के लिए जरूरी होने के बावजूद आमतौर पर विटामिन 'के' की चर्चा कम होती है। विटामिन 'के' वसा में घुलनशील विटामिन है। मान लिया जाता है कि इसका मुख्य कार्य महज खून बहने के दौरान उसे जमने में मदद करना है। विटामिन 'के' यह कार्य रक्त जमने की प्रक्रिया में शामिल विभिन्न प्रोटीन, मिनरल और कैल्शियम को सक्रिय करके करता है। हालांकि हालिया शोध इसकी भूमिका इससे अधिक मानते हैं। इससे हड्डियों की सेहत में सुधार होता है, धमनियों में कैल्शियम को जमने से रोकने में मदद मिलती है, जिससे अचानक हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। इसके अलावा यह बुढ़ापे को दूर रखने में भी सहायक है। अज्ञानता के कारण अक्सर लोग अपने आहार में विटामिक के का खयाल नहीं रखते। आइये जानते हैं शरीर में विटामिन के की कमी के क्या संकेत हो सकते हैं।
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शरीर में विटामिन 'के' की कमी का संकेत असाधारण रूप से ब्लीडिंग होना है। नाक या फिर मसूड़ों से ब्लीडिंग इसी कमी का एक संकेत है। विटामिन 'के' की बहुत अधिक कमी हो जाने से पाचन तंत्र तक में ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा, अगर यूरीन में ब्लड आ रहा है तो भी आपके शरीर में यह कमी हो सकती है।
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अगर आप गर्भवती हैं और आपको विटामिन 'के' की कमी है तो आपके भ्रूण में इंटरनर ब्लीडिंग हो सकती है, उसकी उंगलियां विकृत हो सकती है या फिर चेहरे पर किसी तरह का विकार भी हो सकता है। विटामिन 'के' भ्रूण के संपूर्ण विकास में मदद करता है। इसी वजह से गर्भवती महिलाओं को सप्लीमेंट के रूप में विटामिन 'के' दिया जाता है।
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अगर आपके शरीर में ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के जमना बहुत अधिक हो गया है तो ये संकेत है इस बात का की आपको विटामिन 'के' की कमी है। ऐसा इसलिए होता है कि विटामिन 'के' की कमी से खून की प्रोथ्रोम्बिन सामग्री में कमी हो जाती है। ऑपरेशन के दौरान इस वजह से बहुत अधिक ब्लीडिंग भी हो सकती है।
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अगर आपको विटामिन 'के' की कमी है तो आप देखेंगे कि जब आपको कोई चोट लगी होती है तो लंबे समय तक खून के थक्के बने रहते हैं। इसके अलावा, नकसीर फूटने की समस्या और एनीमिया भी हो सकता है। लंबे समय तक आपका खून बहना भी विटामिन 'के' की कमी की ओर इशारा करता है।
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विटामिन 'के' की कमी से शरीर, विशेषकर नरम ऊतकों में अधिक मात्रा में कैल्शियम अवशोषित होने लगता है। इसलिए धमनियों का सख्त होना भी विटामिन के की कमी होने का संकेत होता है। कुछ गंभीर मामलों में महाधमनी को भी नुकसान पहुंच सकता है।
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विटामिन 'के' की कमी से छोटी आंत की समस्या हो सकती है। विटामिन 'के' की कमी से होने वाली अधिकतर समस्याएं पित्त की परेशानी, कुअवशोषण, सिस्टिक फाइब्रोसिस और छोटी आंत की परेशानी है।
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विशेषज्ञों के अनुसार वयस्क महिला के लिए हर रोज कम से कम 90 एमजी और पुरुष के लिए 120 एमजी विटामिन 'के' की जरूरत होती है। इसकी पूर्ति के लिए पालक, सरसों, शलगम के पत्ते, मेथी व अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों को हर रोज कम से कम एक बार आहार में शामिल करें। हरी व बैंगनी गोभी, स्प्राउट्स, ब्रोकली नियमित रूप से खाएं। अंडों में भी विटामिन 'के' प्रचुर मात्रा में होता है। अंगूर, स्ट्रॉबेरी और किवी जैसे फलों तथा टमाटर, लाल और पीली शिमला मिर्च में कई विटामिन्स पाए जाते हैं।
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