
छोटी सी हरड़ शरीर के कई रोगों को खत्म करने का काम करती है। हरड़ के उपयोग से नेत्र रोग, बवासीर, उल्दी, दस्त जैसी परेशानियों में आराम मिलता है। इसको कई तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है। आयुर्वेद में हरड़ को औषधि के रूप में उपयोग करने पर महत्ता दी गई है। इसे हरड़, हर्रे और हरितकी भी कहा जाता है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि रोगों को दूर करने में हरड़ का उपयोग कैसे करना है।
भूख बढ़ाने में हरड़ लाभकारी

बच्चे हों या बड़े भूख किसी को भी किसी कराण से नहीं लग सकती है। भूख न लगने पर शरीर कमजोर होने लग जाता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इस परेशानी को दूर करने में हरड़ बहुत लाभकारी है। हरड़ का चूर्ण बनाकर गुड़ के साथ रोजाना खाने से भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है। इसके नियमित सेवन से भूख खुलकर लगती है और पेट संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं।
दस्त की समस्या

दस्त की परेशानी होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी से शरीर में अन्य रोग पनपने लगते हैं। इस परेशानी से निपटने में हरड़ बहुत लाभकारी है। दस्त होने पर हरड़ को उबालकर पीने से दस्त रुक जाते हैं।
डायबिटीज में लाभकारी

आजकल मधुमेह रोग छोटे बच्चों से लेकर बड़ों सभी को हो सकता है। यह एक आम परेशानी बनती जा रही है। मधुमेह रोग को साइलेंट किलर माना जाता है। समस्या यह है कि आजकल यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। इसके बढ़ने के पीछे बिगड़ता लाइफस्टाइल है। मधुमेह को ठीक करने के लिए 3 ग्राम हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से लाभ मिलता है। मधुमेह की समस्या से छुटकारा मिलता है।
अपच से दिलाए निजात

बदहजमी की परेशानी होने पर हरड़ को उपयोग में लाने पर परेशानी से छुटकारा मिलता है। अपच की परेशानी होने पर हरड़, पीपरि और सेंधा नमक को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। 5 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पाने के साथ लेने से अपच की परेशानी में लाभ मिलता है। जब भी अपच होती है, तो इस तरह से हरड़ का उपयोग करें, परेशानी में लाभ मिलता है।
खांसी को करे दूर

मौसम बदलते ही खांसी, जुकाम की परेशानी होने लगती है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक को यह परेशानी होने लगती है। हरड़, काली मिर्च और पीपरि तीनों को समान मात्रा में चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम दिन में 3 बार लेने से खांसी में फायदा मिलता है। इसे गुड़ के साथ खाने से लाभ मिलता है। खांसी की परेशानी को हड़ जल्द ही दूर करता है।
बवासीर में दे आराम

बवासीर की समस्या होने पर हरड़ का उपयोग लाभकारी है। इस परेशानी में मल त्याग करने में तो परेशानी होती ही है, साथ ही एनल फिशर होने की परेशानी का भी खतरा रहता है। बवासीर की परेशानी से निपटने के लिए हरड़ के चूर्ण को गुण के साथ समान मात्रा में खाने से बवासीर ठीक हो जाता है। इसका सेवन सुबह-शाम करें।
उल्टी में लाभकारी

कुछ अलग खा लेने से या पाचन ठीक न होने से उल्टी की दिक्कत होने लगती है। कहीं से ट्रेवल करके आने पर भी उल्टी की परेशानी होने लगती है। उल्टी की दिक्कत होने पर 5 ग्राम हरड़ का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर खाने से उल्टी रुक जाती है।
नेत्र रोग करे दूर

आंखों की परेशानियां जैसे आंखों में खारिश, जलन, कम दिखाना आदि को हरड़ दूर करता है। हरड़ के पानी से आंखें धोने से नेत्र रोग दूर होते हैं। आंखी की रोशनी बढ़ती है।
पीलिया रोग में लाभकारी हरड़

पीलिया रोग में हरड़ का उपयोग लाभकारी है। पीलिया रोग में शुरुआती लक्षण शरीर में पीलापन होना होता है। इस रोग से निपटारे में हरड़ लाभकारी है। पीलिया से छुटकारा पाने के लिए हरड़ के चूर्ण में पुराना गुड़ मिलाकर खाने से रोग में लाभ मिलता है। दिन में 3 बार इसका सेवन करने से रोग दूर हो जाता है। पीलिया से निपटने के लिए 10 से 20 ग्राम गुड़ और चूर्ण का उपयोग करना है। शरीर के कई रोगों को निपटाने में हरड़ लाभकारी है। इसका सेवन करना भी बहुत आसान है। हरड़ पेट में जाने के बाद किसी तरह का नुकसान नहीं करती।