दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद हैं ये योगासन, जानें फायदे
योग पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है, इससे सांसों की गति बढ़ती है और रक्त का संचार अच्छे से होता है, योग दिल को मजबूत बनाता है।

योग पूरे शरीर को स्वस्थ रखने का बहुत ही अच्छा तरीका है। यदि आप नियमित योग के आसन करते हैं तो आपको कई खतरनाक बीमारियां नहीं होती हैं। योग से दिल को भी मजबूत रखा जा सकता है, और दिल की बीमारियों से बचाता है। योग के आसन के दौरान आप सांसें तेजी से लेते हैं जिससे दिल तेजी से घड़कता है और रक्त संचार अच्छे से होता है। इसलिए यदि आप दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो योग कीजिए। आगे के स्लाइडशो में जानिये दिल को स्वस्थ रखने वाले योग के आसनों के बारे में।

इसे माउंटेन आसन भी कहते हैं, यह दिल को स्वस्थ रखता है और बीमारियों से बचाता है। यह शरीर को लचीला भी बनाता है।

इसे ट्री पोज भी कहते हैं, इस आसन में व्यक्ति पेड़ के समान मुद्रा बनाता है। यह आसन व्यक्ति के दिमाग को शांत रखता है और शरीर को द्ढ़ बनाता है जो कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है।

योग के इस आसन से शरीर मजबूत होता है और शरीर का संतुलन भी ठीक होता है। इस आसन को दोनों हाथों को सीधे फैलाकर करते हैं।

योग का यह आसन एक प्रकार का कार्डियोवस्कुलर व्यायाम भी है, इसे करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और दिल स्वस्थ रहता है। इस आसन के दौरान सीने को फुलाते हैं, इसके कारण सांस लेने की गति तेज होती है और दिल अच्छे से काम करता है। यह शरीर की शक्ति को भी बढ़ाता है।

इसे योद्धा आसन भी कहते हैं। यह आसन शरीर के संतुलन को ठीक करता है और सहनशक्ति को बढ़ाता है। इसके अलावा यह दिमाग को शांति प्रदान कर दिल की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।

इस आसन को करने के दौरान दिल और श्वसन यानी सांस लेने की की दर बढ़ती है जिससे दिल मजबूत होता है। यह दिल को मजबूत बनाने के लिए बहुत अच्छा आसन है।

इसे कैट पोज भी कहते हैं। यह आसन एक प्रकार की आराम की मुद्रा है जो दिल को व्यवस्थित होने के लिए समय देता है, यानी अन्य आसन करने के बाद यदि आपकी धड़कन बढ़ जाये तो इस आसन में दिल अपनी सामान्य स्थिति में आ जाता है।

यह डॉग आसन की तरह है जिसमें मुंह को नीचे की तरफ रखा जाता है। यह शरीर को आराम देता है और शरीर की शक्ति को भी बढ़ाता है।

इसे कोब्रा पोज भी कहते हैं। इस आसन में सीने का खिंचाव होता है, इसे करने के लिए अतिरिक्त स्टेमिना की जरूरत होती है। इस आसन से दिल की कार्यक्षमता बढ़ती है।

इस आसन में व्यक्ति के शरीर की स्थिति धनुष के आकार की तरह हो जाती है। इस आसन में पूरे शरीर का खिंचाव होता है। इस आसन दिल को अधिक क्रियाशील बनाता है।

इसे ब्रिज पोज भी कहते हैं, लेकिन यह धनुरआसान से कम प्रभावशाली है। इस आसन में गहरी सांस लेना होता है जिससे दिल की धड़कन बढ़ती है और दिल मजबूत होता है।

इस आसान में शरीर का पूरा भार कंधो और सिर पर रखकर पूरे शरीर को ऊपर की तरफ उठाते हैं। यह आसन तंत्रिका तंत्र को और अधिक सक्रिय बनाता है। इससे दिल की कार्यशीलता भी बढ़ती है।

इस आसन में रीढ़ की हड्डी का मुड़ाव आधा होता है। यह आसन में रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है और साथ ही यह दिल को भी मजबूत बनाता है।

यह आसन दोनों पैरों को आगे की तरफ करके किया जाता है। इसे करने के लिए दोनों पैरों को आगे करके बैठ जाइए फिर अपने दोनों हाथों को एक सीध में रखकर धीरे-धीरे सिर को आगे की तरफ झुकाइए। यह सांसों की गति बढ़ाता है जिससे दिल मजबूत होता है।

इस आसन में शरीर डंडे यानी स्टिक की तरह हो जाता है। यह कंधे को मजबूत बनाने वाला आसन है, लेकिन इसका असर भुजाओं और सीने पर भी उतना ही होता है। यानी यह दिल को भी मजबूत बनाता है।

यह आसन अधोमुखोस्वानासन से अधिक फायदेमंद है1 यह शरीर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और दिल को भी मजबूत बनाता है। यह खासकर शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाता है।

यह आसन दिल को पंप करने के लिए उकसाता है। इस आसान को करने से रक्तसंचार अच्छे से होता है और दिल मजबूत होता है।

इस आसन को करने से सीने में खिंचाव होता है और दिल की कार्यक्षमता बढ़ती है। इससे फेफड़ों का खिंचाव भी होता है।

यह आसन पूरे शरीर को आराम प्रदान करता है। अन्य आसन को करने के दौरान यदि सांसों की गति बढ़ जाये तो इस आसन के जरिये दिल को थोड़ी देर के लिए आराम दिया जाता है।
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