क्यों छूट जाते हैं दोस्त

बड़ा होने के कई फायदे होते हैं, जैसे आप आत्मनिर्भर बन पाते हैं, अपने फैसले खुद ले पाते हैं आदि। लेकिन इसका एक नुकसान भी है, समय के साथ-साथ आगे बढ़ते हुए एक-एक कर हमारे कई दोस्त पीछे छूटते जाते हैं। फिर भले ही आप अनके कितने भी जिगरी क्यों न हों, समय का चक्का चलता है और आप बड़े होते हैं, व्यवहारिक जीवन के परिवर्तन आपको कहीं और ले जाते हैं और वे पिछले वक्त के साथ थम कर रह जाते हैं। इसमें सही या गलत जैसा कुछ भी नहीं होता है और इसके कई कारण होते हैं, जैसे - Images source : © Getty Images
प्राथमिकताओं में बदलाव

जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं तो हम काम पर अधिक से अधिक समय खर्च करते हैं। ऐसे में, कभी अपनी दुनिया होने वाले दोस्तों से मिलने का समय धीरे-धारे कम होता चला जाता है। फिर कुछ सालों के बाद किसी दीन अचानक उनकी बहुत याद आती है, और उन पलों की अहमियत का अंदाज़ा होता है। लेकिन तब तक हम और हमारे दोस्त दोनों ही अपनी-अपनी ज़िंदगियों में काफी आगे बढ़ चुके होते हैं। Images source : © Getty Images
दोस्ती की भी होती हैं कुछ ज़रूरतें

हम अक्सर भूल जाते हैं कि दोस्ती में भी कुछ प्रयासों की जरूरत होती है। दोस्त बनाना आसान होता है, लेकिन दोस्ती को निभाना मुश्किल होता है। दोस्तों के साथ कॉलेज में घूमना आसान होता है, क्योंकि ये सुविधाजनक होता है। लेकिन जैसे-जैसे ज़िंदगी आगे बढ़ती है, हम आसानी से हार मान लेते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। हम चीज़ों को बरकरार रखने की कोशिश नहीं करते क्योंकि इसमें मेहनत और समय लगता है, लेकिन आगे बढ़ जाना आसान होता है और हम अधिकांश मामलों में यही करते हैं। Images source : © Getty Images
कभी कभी प्यार बन जाता है दोस्ती का दुष्मन

यूं तो मौहब्बत करना बहुत ही प्यारी चीज़ है, लेकिन कई बार प्यार करना आपकी दोस्ती के लिये अच्छा साबित नहीं होता है। एक बार रिलेशनशिप में जाने के बाद दोस्त के हम समय निकालते ही नहीं हैं। और फिर धीरे-धीरे दोस्ती के बीच एक दरार पैदा हो जाती है, जो समय के साथ बढ़ती जाती है। और जब ब्रेकअप के बाद हमें दोस्त की याद आती है और अपनी भूल का अहसास होता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। Images source : © Getty Images
कई बार अकेले रहना होता है फायदेमंद

जीवन में एक मोड़ ऐसा भी आता है, जब आप अपने जीवन की लड़ाई खुद लड़ने निकल पड़ते हैं। फिर घर हो या दोस्त जो कोई भी आपके सपनों की कदर नहीं करता, उनका मज़ाक उड़ाता है, आप कुछ समय के लिए खुद को उनसे दूर कर अपने लक्ष्य को पूरा करने में जुट जाता हैं। और ये सही भी है, पौराणिक कथाएं भी कुछ मसय के लिये आश्रम के जीवन की बात करती हैं। वहीं कई बार नकारत्मक दोस्तों से दूर होना भी आपके लिये अच्छा होता है। Images source : © Getty Images