गर्भावस्था में बीपी की समस्या से निजात दिलायेंगे ये घरेलू नुस्खे
गर्भावस्था में बीपी की समस्या होना आम है। अगर इसे नियंत्रित ना किया तो ये प्री-एकलैमप्सिया का रूप ले लेता है। ऐसे में बीपी की दवा लें और इन चीजों का ध्यान रखेँ।

गर्भावस्था ऐसा समय होता है जब महिला को अपने साथ अपने होने वाले बच्चे का भी ख्याल रखना पड़ता है। इसलिए ऐसे समय में गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का काफी रखना पड़ता है खासकर बीपी का सबसे अधिक ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि ऐसे समय में रक्तचाप की समस्या हर गर्भवती महिला को होती है। अगर गर्भावस्था के दौरान आपका रक्तचाप नियंत्रित नहीं रहता है तो गर्भावस्था के 20वें सप्ताह तक प्री-एकलैमप्सिया का रूप ले सकता है जिसे टॉक्सेमिया और गर्भावस्था जनित उच्च रक्तचाप कहते हैं। इसलिए डॉक्टर द्वारा दी गई बीपी कम करने की दवाएं लेना ना भूलें औऱ साथ ही इन चीजों का भी ख्याल रखेँ।

नमक की अति सामान्य अवस्था में भी गलत होती है तो गर्भावस्था में तो ये जहर के समान कार्य करती है। तो अगर आपको गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की समस्या है तो 3 ग्राम से अधिक नमक न लें।

किसी भी बीमारी का इलाज है पानी। उच्च रक्तचाप की समस्या में अधिक से अधिक पेय पदार्थ का सेवन करें। जूस के साथ नमक ना लें। खाने में सब्जियों का रस जरूर शामिल करें।

गर्भावस्था में अधिक से अधिक हेल्दी फुड खाएं। ज्यादा से ज्यादा अपने खाने में एल्फा-लिनोइक अम्ल सोयाबीन, अखरोट, अलसी तथा पालक शामिल करें। इससे दिमाग स्वस्थ रहता है जिससे शरीर भी स्वस्थ रहता है।

टहलने से दिमाग और शरीर की कसरत हो जाती है जिससे दमाग को शांत होने में मदद मिलती है। सकारात्मक और अच्छा सोचतें रहें औऱ छोटे-छोटे कदम लेकर टहलें। इससे आपका उच्च रक्तचाप कम हो जायेगा।
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