कंधे के दर्द के उपचार के लिए प्रभावी थेरेपी एक्सरसाइज
कंधे का दर्द काफी समय तक बना रहने पर रोगी को आमतौर पर कंधे के कुछ प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। और इस काम में कुछ प्रभावी थेरेपी एक्सरसाइज बेहद मददगार होती हैं।

कंधे के थेरेपी व्यायाम
कंधे का दर्द काफी समय तक बना रहने पर रोगी को आमतौर पर कंधे के कुछ प्रकार के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसका उद्देश्य जितना संभव हो, कंधे को जकड़न से मुक्त करना और उसकी गतिशीलता बनाये रखना है। कुछ जटिल मामलों में जब इन सबसे फायदा नहीं होता है, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि सर्जरी की सलाह केवल कुछ गंभीर मामलों में ही दी जाती है। आमतौर पर तो निम्न प्रभावी थेरेपी एक्सरसाइज की मदद से ही कंधे के दर्द का उपचार हो जाता है।
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फ्रोजन शोल्डर है बड़ा कारण
आमतौर पर फ्रोजन शोल्डर के तीन चरण होते हैं। पहले चरण में व्यक्ति को कंधे में दर्द होने लगता है। दूसरे में उसे कंधे को हिलाने-डुलाने या कोई काम करने में परेशानी होती है। वहीं तीसरे चरण में कंधे की मूवमेंट बिल्कुल रुक जाती है। अधिकांश वृद्ध लोगों कोतो बालों में कंघी करने या कपड़े पहनने तक में परेशानी महसूस होती है। ऐसे में कप को उठाने जैसी दैनिक गतिविधियों में भी कंधे में दर्द होता है।
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आइसोमेट्रिक नेक एंड शोल्डर एक्सरसाइज
आइसोमेट्रिक नेक एंड शोल्डर एक्सरसाइज घर पर ही दिन में 3 से 4 बार किया जा सकता है। इसे करने के लिये सिर और गर्दन को सीधा करके बैठ जाएं। हाथों को कान के ऊपर रखें और हथेली से सिर पर दबाव डालें। सिर को हिलाए बिना ही इस प्रक्रिया को कम से कम दोनों हाथों से आठ से दस बार करें। इससे अलावा कंधों को मजबूत करने के लिए दोनों हाथों को सामने की ओर दीवार पर रखकर दीवार पर दबाव डालें। पांच से दस सेकेंड के बाद हाथों को वहां से हटा दें। आठ से दस बार इस प्रक्रिया को करें, लाभ होगा।
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मसाज थेरेपी
कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए मालिश करने की सलाह भी दी जाती है। किसी थेरेपिस्ट से आप नियमित रूप में मालिश करवा सकते हैं, इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। सिर्फ 15 से 20 मिनट की नियमित मसाज कारने पर दर्द से राहत मिलने लगती है।
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मैनुअल थेरेपी
मैनुअल थेरेपी ज्वाइंट और सॉफ्ट टिशूज को गतिशिल बनाती है। इस थेरपी के अंतर्गत हाथों का सहारा लेकर जोड़ों की मसाज की जाती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है। यह असरदार थेरेपी बॉडी से टॉक्सिक तरल पदार्थो को भी बाहर निकालने में मदद करती है। साथ ही कंधों की मूवमेंट को की बढ़ाती है और दर्द से राहत मिलती है।
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एक्वाटीक थेरेपी या हाइड्रोथेरेपी
एक्वाटीक थेरेपी या हाइड्रोथेरेपी, फिजीयो थेरेपी का ही एक रूप है। आमतौर पर एक्वाटीक थेरेपी गर्म पानी, शैलो स्विमिंग पूल या स्पेशल हाइड्रोथेरेपी पूल में दी जाती है। मूलतः फिजिकल एंड लर्निंग डिसैबिलिटी से गुजर रहे बच्चों और एडल्ट के लिए इस थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कंधे के दर्द में भी यह लाभदायक होती है और ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करने के साथ दर्द को दूर करती है और मसल्स को रिलेक्स करती है।
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कॉन्टिन्यूअस पैसिव मूवमेंट
कॉन्टिन्यूअस पैसिव मूवमेंट में कई प्रकार से हीट की मदद से मरीज का उपचार किया जाता है। इसमें कई बार हाथों की मदद से एक्सरसाइझ करवायी जाती है, तो कई बार आधुनिक तरीकों व मशीन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा फिजियोथेरेपी में हॉट पैक, आइस पैक और हाइड्रो थेरेपी भी शामिल होती है। माना जाता है कि इसमें तकलीफ वैसा इलाज होता है और वो भी बिल्कुल अचूक।
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एक्टिव मूवमेंट
यह उपचार उन मरीजों को दिया जाता है, जो एक्सरसाइज करने योग्य होते हैं। ऐसे मरीज के शरीर की अकड़न (खासतौर पर कंधों) को दूर करने और मांसपेशियों की ताकत वापस लाने के लिए हल्के-फुल्के व्यायाम का इस्तेमाल किया जाता है।
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