किडनी डिजीज

किडनी को शरीर को संतुलनकारी अंग माना जाता है। यह शरीर में किसी भी चीज के कम या ज्‍यादा होने को संभाल लेती है। मुख्‍य तौर पर किडनी नमक और पानी को संतुलित करने का काम करती है। इसके अलावा और भी कई काम जैसे ब्‍लड बनाना, हड्डियों को मजबूत करना यानी विटामिन डी बनाना, ब्लडप्रेशर नियंत्रित करना और टॉक्सिन यानी विषैले तत्‍वों को शरीर से बाहर निकालने जैसे काम किडनी करती है। किडनी रोग को नजरअंदाज करना कई बार खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस रोग के भयानक रूप धारण करने से पहले ही इसका निदान किया जाना जरूरी है। और इसके लिए आपको इसके कारणों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए हम आपको किडनी रोग के मुख्‍य कारणों के बारे में बताते हैं।
डायबिटीज

आज डायबिटीज एक आम समस्या बन गई है। डायबिटीज शरीर में संतुलित हार्मोंस की कमी के कारण होती है। शरीर में एनर्जी का स्रोत शुगर स्टार्च होता है। जब शुगर स्टार्च को एनर्जी में परिवर्तित करने वाले इंसुलिन की शरीर में कमी होती है तो डायबिटीज के लक्षण शुरू हो जाते हैं। शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। डा‍यबिटीज, क्रोनिक किडनी डिजीज होने का सबसे आम कारण है। डायबिटीज किडनी के फंक्‍शन को धीरे-धीरे कम कर देता है। साथ ही शुगर की उच्‍च मात्रा किडनी में रक्‍त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और क्रोनिक किडनी डिजीज का कारण बनती है।
हाइपरटेंशन

क्रोनिक किडनी डिजीज के होने का एक अन्‍य आम कारण उच्‍च रक्तचाप है, जिसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। उच्च रक्तचाप किडनी के कामकाज को प्रभावित करता है। भले ही किडनी की समस्‍या किसी ओर कारण से हुई हो, लेकिन हाइपरटेंशन इसे और भी खराब कर देता है।
संकुचित गुर्दे धमनी

गुर्दे की धमनी किडनी के समुचित कार्य को करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही यह किडनी के लिए रक्‍त वहन करने का काम भी करती है। इस प्रकार से संकुचित या अवरुद्ध गुर्दे धमनी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। यह क्रोनिक किडनी की समस्याओं के सामान्य कारणों में से एक है।
जन्मजात दोष

जन्मजात दोष अक्सर मूत्र पथ में विकृति या बाधा के कारण उत्पन्न होता हैं। इस तरह के कई दोष जन्म के समय से मौजूद होते हैं और किडनी को प्रभावित करते है। साथ ही क्रोनिक किडनी डिजीज का कारण भी बनते हैं। हालांकि, इसका उस समय पाया जाना जिस समय गर्भ में मौजूद हो, इस दोष को शल्य चिकित्सा द्वारा मूत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा ठीक किया जा सकता है।
ड्रग्स और विषाक्त पदार्थ

लंबी अवधि तक दवाओं और कैमिकल का इस्‍तेमाल किडनी को नुकसान पहुंचने का एक और कारण है। ‍एनएसएआईडी (स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) का जरूरत से ज्‍यादा इस्‍तेमाल और नसों में 'स्‍ट्रीट' ड्रग्‍स का उपयोग भी किडनी को प्रभावित करता है।
सिगरेट

हो सकता है सिगरेट के एक कश से आप तनाव को भले ही कुछ पल के लिए भूल जाएं लेकिन धूम्रपान की यह आदत शरीर के कई हिस्सों के लिए खतरे की घंटी है। धूम्रपान, फेफड़ों और दिल ही नहीं, बल्कि किडनी के लिए भी खतरनाक है। अभी तक यही माना जाता था कि सिगरेट पीने से फेफड़े और दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन, ताजा अध्ययन बताते हैं कि सिगरेट किडनी पर इस हद तक असर डालता है कि वे काम करना बंद भी कर सकते हैं। जानकार मानते हैं कि धूम्रपान से धमनियां कड़ी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाएं भी संकुचित हो जाती हैं। जिससे किडनी के रक्त प्रवाह में रुकावट पैदा होती है और उसके कार्य करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।Image Courtesy : Getty Images
शराब

किडनी ब्‍लड से विषाक्त पदार्थो को फिल्टर करने का काम करती हैं। साथ ही हमारे रक्त की मात्रा और दबाव को विनियमित भी करती हैं। इसके अलावा किडनी ब्‍लड के इलेक्ट्रोलाइट स्तर और पीएच को नार्मल बनाये रखने के लिए भी जिम्मेदार होती हैं। लेकिन शराब किडनी के ब्‍लड को फिल्टर करने की क्षमता को बाधित कर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी के संतुलन को असामान्य कर देती हैं। लंबे समय तक शराब के सेवन से किडनी की कोशिका क्षतिग्रस्त होने लगती है और किडनी के आकार में वृद्धि हो सकती है। इसका असर किडनी के कार्य को नियंत्रित करने वाले हार्मोन पर भी हो सकता है।Image Courtesy : Getty Images
सोडियम का अधिक सेवन

सोडियम सीधे किडनी को प्रभावित करता है क्‍योंकि यह ब्‍लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करता हैं। बहुत ज्‍यादा सोडियम का सेवन हाई बीपी को बढ़ावा देता है। इसलिए यह कहा जाता है कि किडनी से सम्‍बन्धित समस्‍या होने पर हमें सोडियम से भरपूर खाद्य पदार्थ नही लेने चाहिए। डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, चिप्स, फास्ट फूड, जमे हुए भोजन, प्रसंस्कृत पनीर स्लाइस, नमक, प्रसंस्कृत मांस, मसालेदार खाद्य पदार्थ और केचप यह सभी सोडियम सामग्री के साथ पैक खाद्य पदार्थ हैं।Image Courtesy : Getty Images