इन 5 कारणों से सोडा पीने की लत से पायें छुटकारा
सोडा के स्वास्थ्य के जोखमों की बढ़ती सूची में लड़कियों में यौवन जल्दी आना नवीनतम समस्या है। मीठे सोड़ायुक्त पेय के कुछ और भी नुकसान हैं जो ये बताते हैं कि आपको आज ही सोडा पीने की लत से छुटकारा पा लेने चाहिए।

सोडा में बहुत सारी कैलोरी होती हैं और इससे मोटापा बढ़ता है। ये बात हम अकसर सुनते और पढ़ते रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोडाके सेवन से और भी कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। सोड़ाके स्वास्थ्य के जोखमों की बढ़ती सूची में लड़कियों में यौवन जल्दी आना नवीनतम समस्या है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन में पाया गया कि वे लड़कियां जो प्रति दिन मीठे पेय पदार्थों की 1.5 सर्विंग लेती हैं, उनमें दिन में हफ्ते में 2 सर्विंग शुगरी फूड लेने वाली लजडकियों की तुलना में 3 महीने पहले पिरियड्स हुए। मीठे सोडा युक्त पेय के कुछ और भी नुकसान हैं जो ये बताते हैं कि आपको आज ही सोडा पीने की लत से छुटकारा पा लेने चाहिए।
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वयस्कों और बच्चों पर हुए अध्ययन से पता चला है कि जो लोग मीठे पेय (सोडा सहित) का सेवन बढ़ते हैं, उन लोगों में तेजी से वज़न बढ़ने लगता है। इससे पेट की चर्बी बढ़ती है और इसके एडिड शुगर की वजह से खाली कैलोरी भी शरीर में जाती हैं जो खाने से मिलने वाली कैलोरी की तुलना में बेकार होती हैं।
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साल 2010 में हुए एक अनुसंधान की समीक्षा के अनुसार, मीठे पेय पदार्थ का सेवन करने वाले लोगों में इनका सेवन न करने वाले लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज़ होने का जोखिम 26 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। साथ ही नियमित रूप से सोडा पीने वाले लोगों के मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है और ये इन्हें टाइप 2 मधुमेह के उच्च जोखिम पर डालता है।
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शोध बताते हैं कि नियमित रूप से मीठा सोडा पीने वाले लोग अधिक उच्च रक्तचाप विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। शोध के अनुसार सोडा को छोड़ने से रक्तचाप को कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह भी पाया गया है कि रोज़ाना शुगर युक्त सोडा पीने से हड्डियों का घनत्व कम होता है और वे कमज़ोर बनाती हैं। इस लत के कारण किडनी स्टोन की समस्या भी हो सकती है और दांतो को भी नुकासन हो सकता है।
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हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष व महिलाएं रोज़ाना एक शुगर युक्त सोड़ाड्रिंक पीते हैं, उनमें शुगर युक्त सोडा ड्रिंक न पीने वालों की तुलना में हार्ट अटैक होने का जोखिम 20 प्रतिशत अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर युक्त सोड़ाड्रिंक में मौजूद तत्व रक्त वसा के स्तर, जिसे ट्राइग्लिसराइड्स कहा जाता है, के स्तर को बढ़ा देते हैं और हृदय को नुकसान पहुंचता है।
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एक 2013 के अध्ययन में पाया गया कि पोस्टमेनपाउज़ल (रजोनिवृत्त से पहले) जो महिलाएं अधिक शुगर युक्त सोडा आदि का सेवन करती हैं, उनमें शुगर युक्त सोडा का सेवन ना करने वाली महिलाओं की तुलना में अंतर्गर्भाशयकला कैंसर (एंडोमेट्रियल कैंसर) का जोखिम 78 प्रतिशत तक अधिक होता है। वहीं रोज़ाना एक कैन सोडा ड्रिंक पीने वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 38 प्रतिशत तक बढ़ा जाता है।
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