पेनक्रियाज

पैनक्रियाज रीढ़ के हड्डी के सामने और पेट में काफी गहराई में होता है, यही कारण है कि आमतौर पर पैनक्रियाज का कैंसर चुपचाप बढ़ता रहता है और काफी बाद में जाकर इसका पता चलता है। इस बीमारी में शुरूआत में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते और अगर दिखते भी हैं तो अन्य बीमारियों से मिलते जुलते होते हैं। इसके अलावा पैनक्रियाज से जुड़ी कई और बीमारियां भी हैं, जिनसे बचाव के लिए जरूरी है कि हम अपने पैंक्रियाज (अग्नाशय) को हेल्दी ( tips for healthy pancreas in hindi) रखें और इन उपायों के बारे में जानें।
पेनक्रियाज के लिए घरेलू उपाय

नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराने से इस रोग से बचा जा सकता है। इसके अलावा घरेलू हर्ब्स का प्रयोग करके पैंक्रियाज से जुड़े रोग जैसे कि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस और पेनक्रियाज में सूजन आदि से बचा जा सकता है।
ब्रोकली

पेनक्रियाज के उपचार के लिए ब्रोकली को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। ब्रोकली के अंकुरों में मौजूद फायटोकेमिकल, कैंसर युक्त सेल्स से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं और रक्त के शुद्धिकरण में भी मदद करते हैं।
जिन्सेंग

जिन्सेंग एक प्रकार की जड़ी बूटी है जो शरीर में बाहरी तत्वों के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति का निर्माण करती है। ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और इस तरह ये जड़ी बूटी भी पैनक्रियाज को काफी हद तक ठीक रखती है।
गेहूं का ज्वारा (व्हीटग्रास)

पैनक्रियाज को ठीक करने के लिए व्हीटग्रास (wheatgrass) काफी लाभकारी होता है। यह कैंसर युक्त सेल्स को कम करने में भी सहायता करता हैं। गेहूं का ज्वारे का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
ग्रीन टी

पैनक्रियाज में होने वाली समस्या का दूर करने और इसके उपचार के लिए नियमित रूप से प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन करें। क्योंकि ग्रीन टी में मौजूद तत्व ऐसी कोशिकाओं को कम या न के बराबर पनपने देते हैं। साथ ही ये शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करते हैं।
एलोवेरा

यूं तो एलोवेरा बहुत से रोगों में फायदा पहुंचाता है लेकिन पैनक्रियाज में इंफेक्शन में यह बहुत ही फायदेमंद है। इसे पैनक्रिऑटिक कैंसर के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नियमित रूप से ताजा एलोवेरा जैल का सेवन करने से लाभ मिलता है।
सोयाबीन

सोयाबीन से भी पैनक्रियाज के उपचार में सहायता मिलती है। इसमें कुछ एंजाइम होते हैं जो हर तरह के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं। रोजाना अंकुरित सोयाबीन या पकाए हुए सोयाबीन का सेवन करने से पैनक्रियाज के रोगों से बचाव में मदद मिल सकती है।
लहसुन

लहसुन में औषधीय गुण होते हैं। जो कई रोगों में फायदा पहुंचाते है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एलीसिन, सेलेनियम, विटामिन सी, विटामिन बी आदि भी होते है। इन सब तत्वों के कारण पैनक्रियाज में होने वाले इंफेक्शन और कैंसर से बचाव करता है और कैंसर हो जाने पर उन्हें बढ़ने से रोकता भी है।
हरड़

कीमोथेरपी और रेडियोथेरेपी के साथ हरड़ का प्रयोग भी पैनक्रियाज में इंफेक्शन और कैंसर को काफी हद तक ठीक करता है। साथ ही हरीतकी चूर्ण का सेवन करने से शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।