प्यार में अति

अति कैसी भी उसका अंत बुरा ही होता है। इसलिए भले आप किसी के साथ रिश्तें हो पर वहीं प्यार घुटन का अनुभव देने लगता है। जरूरत से ज्यादा प्यार कई बार रिश्तों के बीच तनाव ला देता है। हम सिर्फ यह समझ बैठते हैं कि हमारा प्यार ही सब कुछ है और यही वह एकमात्र चीज है जो सही है। जो कि गलत होता है। Image Source-Getty
क्यों होती है अति

किसी भी रिलेशनशिप का मूल विश्वास होता है। जब बार बार किसी व्यक्ति को खुद को प्रूव करने को कहा जायेगा तो उसका झुँझला जाना जायज है। ऐसा बार बार होने पर वो व्यक्ति समझेगा कि वो चाहे कुछ भी कर ले परन्तु अपने पार्टनर का विश्वास नहीं जीत सकता। ये मान लेना उस रिलेशनशिप को कमज़ोर करता है। Image Source-Getty
विश्वास बनाएं

प्यार में पजेसिवनेस ना आ पायें इसके जरूरी है कि आपस में विश्वास हो। दोनों पार्टनर कभी भूल करके भी ऐसा कोई काम न करें जिनसे उनका आपस में विश्वास भंग हो। अगर आपका पार्टनर आप पे विश्वास करता है तो ये आपकी मोरल ड्यूटी बनती है कि उनका ये विश्वास न टूटे। Image Source-Getty
भावनाओं को आहत

इस तरह का प्यार कई बार पजेसिवनेस की रूप ले लेता है जहां हम अपने साथी की भावनाओं का ख्याल भी नहीं रखते है। अनजाने में ही उसे चोट पहुंचा देते हैं। प्यार अच्छी चीज है लेकिन हर शख्स को यह याद रहना चाहिए कि वह कुछ भी ऐसा न करे जिससे उसके पार्टनर को तकलीफ हो। Image Source-Getty
स्पेस दें

हर समय पार्टनर के साथ रहने से हो सकता है कि आपका पार्टनर फ्रस्टेट महसूस करे। हर रिश्ते को स्पेस चाहिए होता है। बहुत ज्यादा नजदीकी आपके रिश्ते को खत्म भी कर सकती है। साथी का ओवर पजेसिव रवैया आपके रिश्ते के लिए कितना खतरनाक हो सकता है और रिश्तों पर इस चीज का कितना बुरा प्रभाव पडता है।Image Source-Getty