प्रेग्नेंसी में होने वाली त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं से ऐसे निपटें!

एक महिला के शरीर में गर्भावस्था के दौरान कई तरह के परिवर्तन होते है। और सबसे बड़ा बदलाव उनकी त्‍वचा में होता है। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से ऐसी ही कुछ त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं के बारे में जानें।

Rahul Sharma
Written by:Rahul SharmaPublished at: Dec 29, 2016

गर्भावस्‍था में होने वाली त्‍वचा संबंधी समस्‍याएं

गर्भावस्‍था में होने वाली त्‍वचा संबंधी समस्‍याएं
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गर्भावस्था के दौरान, एक महिला के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है। और जो सबसे बड़ा बदलाव दिखाई देता है वह उनकी त्‍वचा पर होता है। जी हां इस समय त्‍वचा पर कई तरह के बदलाव होते हैं और त्‍वचा पर होने वाली कोई भी समस्‍या पहले से कहीं अधिक बढ़ जाती है। त्वचा में आने वाले बदलाव गर्भावस्था के समय शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं। हॉर्मोनल बदलाव तथा पेट में बच्चे की मौजूदगी से त्वचा का खिंचाव अत्याधिक बदलाव ले आते हैं। यह त्‍वचा, बालों और नाखूनों को प्रभावित करता है। हालांकि त्‍वचा में होने वाले यह परिवर्तन गर्भावस्‍था के दौरान होते हैं और बच्‍चे के जन्‍म के बाद स्‍वयं ही दूर हो जाते हैं। लेकिन गर्भावस्‍था में होने वाली इन त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। आइए इस स्‍लाइड शो के माध्‍यम से ऐसी ही कुछ समस्‍याओं और उससे बचने के उपायों के बारे में जानें।

स्‍ट्रेच मार्क्स

स्‍ट्रेच मार्क्स
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गर्भावस्था में स्‍ट्रेच मार्क्स बहुत ही आम हैं। यह आमतौर पर पेट, कूल्हों और जांघों पर दिखाई देते है और गर्भावस्‍थ के समय पेट और स्‍तन का आकार बढ़ने के कारण होते हैं। हालांकि स्ट्रेच मार्क्स को हटाने का कोई स्थाई उपचार नहीं है, पर एक्‍सरसाइज तथा विटामिन 'ए' से युक्त लोशन लगाने पर स्ट्रेच मार्क्स को कम किया जा सकता है।

वेरिकोज वेन्‍स

वेरिकोज वेन्‍स
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ये नीली तथा बैंगनी रंग नसें गर्भावस्था के दौरान पैरों पर दिखाई देती हैं। इनके त्वचा पर उभरने का मुख्य कारण बच्चे की ओर जाने वाला ब्‍लड का अतिरिक्त सर्कुलेशन है। ये नसें कई बार काफी दर्दभरी और असहनीय होती हैं। आनुवंशिकता इन नसों को उभारने का एक मुख्य कारण है। वेरीकोज वेन्‍स से बचने के लिए गर्भवती को अपने आहार में विटामिन सी युक्‍त खाद्य पदार्थ को शामिल करना चाहिए।

मुंहासे

मुंहासे
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गर्भावस्‍था के दौरान अतिरिक्‍त हार्मोंन के उत्‍पादन से मुंहासे की समस्‍या होती है। गर्भावस्था के दौरान त्वचा की इस समस्या को कम करने के लिए चेहरे को रोजाना सुबह और शाम किसी सौम्य साबुन से साफ करें। त्वचा को नर्म रखने के लिए किसी आयल फ्री मॉइश्‍चराइजर का प्रयोग करें।

त्वचा का काला पड़ना

त्वचा का काला पड़ना
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त्‍वचा का काला पड़ना गर्भावस्‍था के दौरान आम है। इसे मेलिस्‍मा के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर यह काले धब्‍बे माथे और गालों पर दिखाई देते हैं। यह हाई पिग्‍मेंटेशन के कारण होता है। हालांकि इसे तरह के काले धब्‍बों को माइल्‍ड सनस्‍क्रीन लोशान को इसतेमाल कर दूर कर सकते हैं।

खुजली

खुजली
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कई गर्भवती महिलाओं की त्वचा में खुजली होती है, खासकर पेट पर और स्तन के आस-पास। ऐसा दूसरे और तीसरे ट्राइमिस्टर में होता है। दरअसल, इस समय शरीर बढ़ रहा होता है और इसके अनुकूल होने के लिए त्वचा में खिंचाव होता है। खुजली से जल्‍द राहत पाने के लिए आप एंटी-इच क्रीम या लोशन का इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

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