मानसून में बनायें इम्यून सिस्टम को मजबूत
मजबूत इम्यून सिस्टम मानसून और फ्लू के मौसम में शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाता है। आइए जानें, ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं।

बारिश की बूंदों से गर्मी से तो राहत मिलती है, परन्तु मानसून कई परेशानियां भी साथ लेकर आता है। गर्मी में दूषित पानी की वजह से जहां डायरिया और पेट संबंधी अन्य गड़बड़ियां होती हैं। साथ ही बरसात में भरता पानी, घरों में पहुंचने वाला दूषित पानी और मच्छरों का तेजी से बढ़ना सेहत से जुड़ी नई परेशानियां खड़ी कर देता है। त्वचा संबंधी कई रोग भी इस मौसम में परेशान करते हैं। इन सब परेशानियों से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए ऐसे व्यायाम ज्यादा कारगर साबित होंगे जो आपके दिल की धड़कन और सांसों की गति को तेज करे। दौड़ना, स्विमिंग, साइकिल चलना आदि कुछ ऐसी एक्सरसाइज हैं जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में जबरदस्त इजाफा कर सकती हैं। ये एक्सरसाइज इम्यून सिस्टम और फेफड़ों को मजबूत बनाती हैं। साथ ही इनसे रक्त प्रवाह और मानसिक संतुलन में सुधार आता है।

तनाव का सीधा असर इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। ऐसी आदतें चुनें जो आपके लिए उचित हों। स्वयं को तनाव से दूर रखें। तनावमुक्ति के उपाय जैसे, योग, ध्यान, संगीत व अन्य साधनों का उपयोग करें। तनाव को कम करने के लिए जरूरी है कि आप अपना दिमाग कहीं और लगाएं। अपना पसंदीदा काम करें। ऐसा काम आपकी चिंताओं का अंत तो करेगा ही साथ ही आपको नये काम करने की प्रेरणा भी देगा। अच्छी पुस्तकें पढ़ें और मधुर संगीत सुनें। कुल मिलाकर ऐसी गतिविधियों में स्वयं को संलग्न रखें जो मानसिक रूप से आपको शांति प्रदान करे।

गुनगुने गर्म पानी से स्नान करें। पानी में अजवाइन के फूलों का तेल मिला कर स्नान करने से श्वसन तंत्र सुधार होता है। 15 मिनट से अधिक स्नान न करें।

रोशनी का प्रभाव हमारे मस्तिष्क और एंड्राफिन जैसे हार्मोन पर पड़ता हैं। जिसका सकारात्मक असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। इसलिए दिन की रोशनी में अधिक से अधिक समय बिताएं। इससे हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता है, जिससे हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं।

भोजन के साथ सलाद का उपयोग अधिक से अधिक करें। सलाद का सेवन पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाये रखने में मदद करता है। ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, पत्तागोभी, प्याज, चुकंदर आदि को सलाद में शामिल करें। इनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद नमक हमारे लिए पर्याप्त होता है। ऊपर से नमक न डालें। साथ ही अंकुरित अनाज (जैसे मूंग, मोठ, चना आदि) तथा भीगी हुई दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अनाज को अंकुरित करने से उनमें उपस्थित पोषक तत्वों की क्षमता बढ़ जाती है। ये पचाने में आसान, पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं।

पर्याप्त मात्रा में जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पानी या तो सामान्य तापमान पर हो या फिर थोड़ा गुनगुना। फ्रिज के पानी के सेवन से बचें। साथ ही संतरा, मौसमी आदि रसदार फलों में भरपूर मात्रा में खनिज लवण तथा विटामिन 'सी' होता है। पानी और हर्बल चाय का सेवन इम्यून सिस्टम और चयापचय प्रक्रिया को सपोर्ट करता है। इससे शरीर में नमी आ जाती है।

आयुर्वेद के मुताबिक आहार और निद्रा के बीच आपसी संतुलन बेहद जरूरी है। सही भोजन, पर्याप्त नींद और पारिवारिक जीवन में संयम रहे तो रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती है। मानसून में शरीर को ऊर्जा की अधिक जरूरत होती है। तापमान में कमी आने से रात में आयी अच्छी नींद इम्यून सिस्टम में सुधार करके शरीर को ऊर्जा देती है।

सुबह के समय कभी ठंडे और कभी गर्म पानी से शावर लेना मांसपेशियों को मजबूत करता है। इससे रक्तसंचार और तंत्रिका तंत्र में सुधार होता है। साथ ही दो सप्ताह में एक बार सॉना बाथ लें। ठंडे और गर्म तापमान को बदलते रहे। इससे प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। शरीर संक्रमण के खिलाफ बेहतर मुकाबला कर पाता है।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।