धूप से बचने के उपाय

मई को स्किन कैंसर जागरुकता का महीना माना जाता है और यह बिल्कुल सही समय है जब आपसे सूरज की खतरनाक किरणों से बचाव के बारे में बात की जाए। सूर्य की हानिकारक किरणें त्वचा की रंगत चुरा कर इसे बेरंग कर देती हैं। धूप से त्वचा के मेलेनोमा का स्तर गिर जाता है जिससे त्वचा का रंग संवाला हो जाता है। आइए जानते हैं धूप से त्वचा को बचाने के तरीकों के बारे में।
चेहरे को कवर करें

आजकल मार्केट में कॉटन के दुपट्टे या स्टोल काफी चलन में है। ये ना आपको सिर्फ कूल और ट्रेंडी लुक देते हैं बल्कि चेहरे को इनसे कवर कर आप अपनी त्वचा को भी बचाकर रख सकते हैं। इससे आपकी सूरज की किरणों के साथ ही धूल मिट्टी से भी बचेगी।
सनग्लासेज

गर्म हवा और धूप में बाहर निकलते समय आंखों पर बड़े फ्रेम वाले सनग्लॉस लगाएं। आंखों के आस-पास की त्वचा बेहद नाजुक होती है जिस पर सीधी तेज धूप और गर्म हवा का असर काफी ज्यादा होता है। गर्म हवा से आंखों में जलन और इसके लाल होने की समस्या भी आम है। इन दिक्कतों से बचने के लिए बड़े फ्रेम वाले गॉगल्स पहनें।
सनस्क्रीन का प्रयोग करें

बाहर जाते समय सनस्क्रीन का प्रयोग करना ना भूलें। सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि इन प्रोडक्ट्स में अल्ट्रावायलेट किरणों से लड़ने की क्षमता होनी चाहिए। आजकल बाजार में केमिकल सनब्लॉक्स उपलब्ध हैं, जिनमें जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाई ऑक्साइड होता है। ये त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले सूरज की किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं।
एसपीएफ का मतलब समझें

एसपीएफ बताता है कि कोई सनस्क्रीन या सनब्लॉक आपको किस स्तर तक बचाव देता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी को एक घंटा धूप में रहने से सनबर्न होता है तो एसपीएफ 15 उसे 15 घंटे धूप में रहने की आजादी देगा, मतलब सनबर्न होने में 15 गुना ज्यादा समय लगेगा। मगर ऐसा तभी हो सकता है जब इन पूरे 15 घंटों में धूप का असर एक सा हो, जो कि संभव नहीं है। मसलन सुबह के समय धूप का असर कम होता है और दोपहर में काफी ज्यादा।
सनस्क्रीन की सही मात्रा लगाएं

अगर आप ये सोचते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सनस्क्रीन लगाने से आप त्वचा को धूप से बचा पाएंगे तो आप गलत हैं। सनस्क्रीन के ऊपर लिखी गई एक निश्चित मात्रा ही त्वचा पर लगानी चाहिए। आप जितना समय धूप में बिताती हैं उसी के मुताबिक सपीएफ का चुनाव करें।
एंटीऑक्सिडेंट आहार लें

अपने आहार में रस भरे फलों को शामिल करें जैसे बेरी, संतरे, आंवला। इसके साथ ही हरी सब्जियां भी भरपूर मात्रा में शामिल करें क्योंकि इनमें ऐंटिऑक्सिडेंट होते हैं। ये अंदरूनी सनस्क्रीन का काम करेंगे और आपकी त्वचा को डैमेज होने से भी बचाएंगे।
छाते का प्रयोग करें

धूप की खतरनाक किरणों से बचाने में छतरी रूपी सनस्क्रीन का जवाब नहीं, क्योंकि सनस्क्रीन जहां अधिकतम 90 एसपीएफ तक आपको प्रोटेक्शन दे सकते हैं, वहीं छतरी 200 एसपीएफ तक प्रोटेक्शन देती है।
हर मौसम में लगाएं सनस्क्रीन

चाहे मौसम धूप भरा हो या फिर बादल घिरे हों, सनस्क्रीन लगाने में लापरवाही कभी न करें। सनस्क्रीन का इस्तेमाल रोज करने से लंबे समय तक त्वचा पर सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का प्रभाव नहीं होता।
सनब्लॉक और सनस्क्रीन में अंतर

सनस्क्रीन और सनब्लॉक दोनों ही आपकी स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों यानी यूवी से बचाते हैं। यूवी रेज दो तरह की होती हैं। यूवीए और यूवीबी। यूवीए ज्यादा नुकसानदेह होती हैं , क्योंकि ये लंबे समय तक स्किन पर असर छोड़ जाती है , जबकि यूवीबी रेज से सनबर्न व दूसरी समस्या हो सकती हैं। सनस्क्रीन यूवीबी रेज के नुकसान से स्किन को बचाता है , जबकि सनब्लॉक में जिंक ऑक्साइड मिला होता है , जो यूवी रेज को स्किन पर आने से रोकता है।