ज्यादा बोलने की आदत नहीं है अच्छी

कुछ लोग की आदत होती है बहुत ज्यादा बात करने की । उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सामने वाला व्यक्ति उनकी बातों से बोर हो रहा है या परेशान हो रहा है। वो बस अपनी बातों में लगे रहते हैं। यह आदत सामजिक रिश्तों को काफी हद तक प्रभावित करती है। अगर आप भी समस्या से परेशान हैं तो आइए जानें इस आदत से बचने के टिप्स के बारे में।
निजी अनुभव की बात ना करें

जब आप लोगों से मिलते हैं तो कोशिश करें कि अपने निजी अनुभवों के बारे में बात ना करें। अक्सर ऐसा होता है कि बातुनी लोग अपने अनुभवों के बारे में बता कर सामने वाले को बोर करते हैं। इसलिए जहां जरूरत हो वहीं अपने अनुभवों का जिक्र करें।
जितनी जरूरत उतना ही बोलें

जिन लोगों को ज्यादा बोलने की आदत होती है वो किसी भी मुद्दे पर घंटो बात कर सकते हैं। हो सकता है कि आप अपनी इस आदत को एंजॉय करते हों लेकिन आपके साथ बात करने वाले लोग आपकी इस आदत से बहुत परेशान हो जाते हैं।
सामने वाले का रिएक्शन देखें

जिन लोगों को बहुत ज्यादा बात करने की आदत होती है उनके पास हमेशा कोई कहानी होती है सुनाने के लिए। लेकिन अगर सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है या बोर हो रहा है तो इस नोटिस करें और चुप हो जाने में ही भलाई है।
दूसरों के बारें में बात करें

ऐसे लोगों को अपने बारे में बात करना काफी पसंद होता है। वे इसकी परवाह नहीं करते कि सामने वाला उसमें रुचि ले रहा है या नहीं। आप अगर अपने अलावा दूसरों के बारे में बात करेंगे तो शायद आपकी यह आदत खत्म हो जाए।
दूसरों से पूछें सवाल

अगर आप अपनी इस आदत में बदलाव लाना चाहते हैं तो अपने आसपास के लोगों से अपने बारे में पूछें और जानकारी हासिल करने की कोशिश करें। इस तरह आपको अपने आसपास के लोगों से जो भी उत्तर मिलता है उस पर विचार करें और उसे अपनी आदतों में शामिल करें।
अपने बारे में खुद को बताएं

कभी फुर्सत से बैठ कर सोचें कि जब आप अपने बारे में ही खुद से बात करें तो आपको कैसा महसूस होगा। अगर आप थोड़ी देर में ही बोर होने लगते हैं या आपको गुस्सा आने लगता है तो जरा सोचिए उनका क्या होता है जिनसे आप घंटों अपने बारे में बात करते रहते हैं।
काउंसलर से मदद लें

अगर आप अपनी इस आदत को काबू करनी की सारी कोशिश कर चुके हैं लेकिन फिर भी आप अपनी इस आदत को छोड़ नहीं पा रहें तो आपको किसी काउंसलर से संपंर्क करना चाहिए।
दोस्तों से राय लें

जिन्हें आप अपना अच्छा दोस्त मानते हैं उनसे अपनी इस आदत के बारे में पूछें और उनसे ईमानदारी से जवाब देने के लिए कहें। उन्हें बताएं कि वो जो भी कहेंगे आप उसे निश्चित ही सकारात्मक रुप से लेंगे और इससे ना सिर्फ आपके अकेले का फायदा है बल्कि उनका भी फायदा है। इस तरह जो लोग आपकी इस आदत से परेशान रहते हैं वो आपकी मदद जरूर करेंगे।
बोलने से पहले सोचें

हमेशा कुछ बोलने से पहले जरूर सोचें। अगर आप इस नियम को अपनाएंगे तो अपनी ज्यादा बात करने की आदत को काबू कर पाएंगे। बिना सोचे समझे हर बात प्रतिक्रिया देना आपोक बातूनी बनाता है।