स्वस्थ श्वसन प्रणाली के लिए टिप्स
हमारी श्वसन प्रणाली स्वस्थ होनी चाहिए। आइए इस स्लाइड शो में जानें कि कौन-कौन से उपाय अपनाकर हम अपनी श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रख सकते हैं।

सांस लेने में श्वसन प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन सर्दी, खांसी, टॉन्सिल, साइनस जैसे बार-बार होने वाले श्वसन संबंधी विकार सांस लेने में गंभीर कठिनाई पैदा कर देते हैं। इन सब से रक्षा के लिए हमारी श्वसन प्रणाली स्वस्थ होनी चाहिए। आइए इस स्लाइड शो में जानें कि कौन-कौन से उपाय अपनाकर हम अपनी श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रख सकते हैं।

आहार लंबे समय तक बीमारी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ श्वसन प्रणाली के लिए आहार मूलभूत आवश्यकताओं में एक है। अत: सर्दी व खांसी, टॉन्सिल, साइनस जैसे बार-बार होने वाले श्वसन विकार को रोकने के लिए संतुलित आहार का पालन अवश्य करना चाहिए। उचित भोजन लेने से श्वास नालियों के भीतर का संक्रमण नियंत्रित रहता है और श्वास नालियां खुल जाती हैं।

श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए खाने में कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन वाले पदार्थ सीमित मात्रा में लें तथा फल, अंकुरित दालें, टमाटर, खीरे, ककड़ी, गाजर जैसी सब्जियों का अधिक मात्रा में सेवन करें। चावल, शक्कर, तिल और दही जैसे कफ बनाने वाले पदार्थ तथा तले हुए गरिष्ठ पदार्थ न खाएं। तेज मसाले, मिर्च, बहुत अधिक चाय और कॉफी से दूर रहना चाहिए।

श्वसन एलर्जी होने पर बार-बार खांसी, जुकाम की समस्या पैदा हो जाती है। इन समस्याओं से पीड़ित लोगों को ठंडे पेय, खट्टे फलों, आईसक्रीम, लस्सी, अचार, सिरका, इमली, सॉस आदि से दूर रहना चाहिए। ठंडी चीजों के स्थान पर हमेशा सामान्य तापमान पर रखी चीजें ही खानी चाहिए।

मैग्नेशियम से रक्त नलिकाओं में शुद्धि होती है और साथ ही श्वसन संबंधी बीमारियों में भी राहत मिलती है। मैगनेशियम लेने से अस्थमा में राहत मिलती है तथा श्वसन प्रणाली खुलने में भी सहायता मिलती है।

योग व प्राणायाम शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योग के बारे में जानकारी रखने वाले से इन्हें सीखकर प्रतिदिन घर पर इनका अभ्यास करना चाहिए। योग और प्राणायाम को करने से फेफड़ो को बल मिलता है, उनमे लचीलापन आता है और श्वसन प्रणाली बलशाली होती है।

स्वस्थ श्वसन प्रणाली के लिए सबसे जरूरी है कि खाने में एंटीऑक्सीडेंट का इस्तेमाल करें। एंटीऑक्सीडेंट वह खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन सी और ई होते है। एंटीऑक्सीडेंट सीधा फेफड़ों में जाकर फेफड़ों की बीमारियों और सांस की बीमारियों से लड़ते हैं। जिससे श्वसन प्रणाली स्वस्थ रहती हैं।

श्वास सम्बन्धी समस्या होने पर धूल वाले स्थानों, ठंडे इलाकों और ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जिससे आपकी श्वास उखड़ती हो। दिन में कुछ समय धूप में बैठें इससे त्वचा उत्तेजित होती है, उसे बल मिलता है और फेफड़ो की जकड़न दूर होती हैं।

श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए सरसों के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर पीठ पर मालिश करनी चाहिए ऐसा करने से बलगम पिघलकर बाहर निकल जाता है और सांस लेने में आसानी हो जाती है।

शहद सबसे आम घरेलू उपचार है, जो श्वसन प्रणाली को स्वस्थ बनाने में भी मदद करती है। श्वास में किसी प्रकार की समस्या आने पर शहद वाले पानी से भाप लेने से जल्द राहत मिलती है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास पानी के साथ शहद मिला कर पीने से बीमारी से राहत मिलती है। शहद बलगम को ठीक करता है, श्वास संबंधी परेशानी पैदा नहीं होने देता।

मछली के नियमित सेवन से आप कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। फैटी फिश अस्थमा रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। श्वसन प्रणाली से संबंधित परेशानी होने पर सप्ताह में कम से कम दो बार मछली का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे ना सिर्फ सांस लेने में आसानी होती है बल्कि इसके नियमित सेवन से श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखा जा सकता है।
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