माता-पिता देते हैं सही दिशा

भला कौंन नहीं चाहता कि वो और उसका परिवार हमेशा सुखी और स्‍वस्‍थ्‍य रहे। और ऐसा जरूरी भी है न सिर्फ आपके लिए बल्कि एख बेहतर समाज के लिए भी। आखिर स्‍वस्‍थ्‍य परिवार से ही स्‍वस्‍थ्‍य समाज बनता है। ऐसे में आप अपने माता-पिता द्वारा बचपन से सिखाई जाने वाली कुछ बेहतर आदतों को अपनाकर अपने खुद के व आपने पूरे परिवार का जीवन सुखी और स्वस्थ बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कौंन सी हैं वे बातें जिन्हें आज आप न सिर्फ अपनाते हैं बल्कि सराहना करते हुए अपने सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए अपने पाता-पिता को धन्यवाद भी देते हैं।
सारे अंडे एक टोकरी में ना रखें

देखिए अगर आप सारे अंडे एक ही टोकरी में रख देंगे तो गिर जाने पर उन सभी के टूटने की संभावना होती है, लेकिन यदि अन्हें अलग-अलग कई टोकरियें में रखआ जाए तो इस जोखिम से बचा जा सकता है। यहां इस बात का मतलब यह है कि चाहे व्यवसाय हो या दोस्ति, दोनों में ही विविधीकरण की जरूरत होती है।
सही समय पर भोजन

अपने और अपने परिवार का वजन नियंत्रित और स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखेने के लिए आपको सेहतमंद भोजन सही समय पर करने की आदत डालनी चाहिये। यदि आप एक समय का भोजन छोड़ देगे तो दूसरे समय आप अधिक खा लेंगे, जिससे मोटापा भी बढेगा और स्वास्थ्य भी खराब होगा। खाने में फल और सब्जियों का नियमित इस्तेमाल करें, इससे आयु बढती है।
जल्दी सोएं और जल्दी ही उठें

अंग्रेजी में एक कहावत है, 'अर्ली टू बैड, अर्ली टू राइज' जिसका मतलब होता है- जल्दी सोना और जल्दी उठना। ऐसा करना व्यक्ति को स्वस्थ, धनवान और बुद्धिमान बनाता है। यह बात पूरी तरह से सत्य है। भारतीय परंपरा में भी सुबह जल्दी उठने को अच्छी आदत माना गया है। सुबह जल्दी उठने से आपके पास दिन में अपने काम निपटाने के लिए पर्याप्त समय होता है। सुबह किए जाने वाले व्यायाम का भी सकारात्मक प्रभाव अधिक होता है।
रोज़ करें व्यायाम

रोज़ व्‍यायाम करने से तनाव कम होता है और मूड भी सही रहता है साथ में यह आपके दिमाग को पूरी तरह से काम करने में सहायता करता है। व्‍यायाम करने से कई रोग जैसे मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग व ऐसी ही कुछ अन्य बीमारियां दूर रहती हैं। इसलिये खुद व्यायाम करें और अपने बच्‍चों में व्‍यायाम करने की आदत जरुर डलवाएं।
जो काम शुरू करें उसे पूरा जरूर करें

किसी काम को आधे-अधूरे मन से करने का कोई लाभ नहीं होता और न ही उसे अधूरा थोड़ देने का। एसलिए अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें और काम को अधूरा न छोड़ें। अपने अंदर नए विचारों और मूल्यों की समझ को विकसित करें। खुद को उन्हें हासिल करने के लिए प्रेरित करें, और सफलता प्राप्त करें।
गाड़ी में ब्रेक और जीवन में संयम जरूरी

इंसान अगर अपने मन, वचन और कर्म पर संयम रख ले तो वो हर परिस्थिति का सामना डट कर करने की क्षमता रखता है। लेकिन यदि वह उत्तेजना में आ जाता है तो अपने व्यवहार और स्थिति को और भी खराब कर लेता है। बुरे से बचने के लिए हर हाल में संयम बेहत जरूरी है। विपरीत परिस्थितियों में भी 'संयम' इंसान की उत्तेजना के लिए लगाम का काम करता है। अगर अपने व्यवहार को संयमित कर लिया जाए तो कोई भी इंसान बुरी परिस्थितियों से आसानी से निपट सकता है। और कहते हैं ना 'संयम का फल मीठा होता है।'
जो आपके पास है उसमें खुश रहना सीखें

अगर हमारे पास बस एक झौपड़ी है तब भी खुश रहें क्योंकि कई लोगों के पास तो तो छत भी नहीं है और अगर कभी पांवो में जूते भी न रहे ऐसी नौबत आ जाए तो भी हर हाल में खुश रहना योंकि दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जिनके पास पांव ही नहीं है। अगर हम बुरे वक्त को याद कर रहेंगे तो वर्तमान के वक्त का सदूपयोग करना शुरू कर देंगे और फिर सुखी हो जाएंगे।
खाने से पहले हाथ जरूर धोएं

केवल सही खाना ही सेहतमंद रहने की कुंजी नहीं है बल्कि खाने से पहले हाथों को मल मल कर धोना भी बहुत जरुरी है। ऑफिस में सेनिटाइजर ले कर जाएं और कुछ भी खाने से पहले उससे हाथों को साफ करें।
अच्छी नींद लें

देखिये अच्‍छी नींद का मतलब है कम से कम 7 से 8 घंटे रोज आराम से सोएं। इसके लिए समय से सोना और बिस्तर व सोने की जगह का ठीक होना बेहद जरूरी है। यदि आप दिन में सोना संभव है तो घेटं, आधे घंटे का पावर नेप भी ले सकते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके परिवार में हर सदस्‍य को 6-8 घंटे की नींद मिल रही है या नहीं। यदि नींद पूरी नहीं होगी तो आप वे डिप्रेस व निराश रहेंगे, काम में मन भी नहीं लगेगा और स्वास्थ्य भी खराब रहेगा।