बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स के बारे ये भी जानें
फिल्म कलाकारों जैसी बॉडी बनाने की चाहत आपके लिए महंगी भी पड़ सकती है, यदि बिना सही जानकारी या डॉक्टर की सलाह के बिना बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स का सेवन शुरू किया। कई शोध भी इस बात की पुष्टी कर चुकें हैं।

फिल्म कलाकारों स्टार की बॉडी देखकर जिम जाने वाला हर युवा उनके जैसी ही फीजीक पाना चाहता है। जिसके लिए वे जिम में घंटों पसीना बहाते हैं और बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स की मदद भी लेते हैं। लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह पर करना चाहिए। लेकिन जानकारी के अभाव के चलते ज्यादातर युवा जल्दी से जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में बिना किसी सलाह और सही जानकारी के डॉइट सप्लिमेंट ले लेते हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। तो चलिये जानें बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारें में।
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जानकार मानते हैं कि स्टेरॉयड युक्त डाइट सप्लिमेंट खाने से नपुंसकता, हार्मेन से जुड़ी बीमारियां और हार्ट अटैक हो सकता है। ब्रिटेन के लिवरपूल जॉन मूर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी पया कि बॉडी बिल्डिंग के लिए इस्तेमाल में आने वाली डाइट्री सप्लीमेंट में टैमोक्सिफिन नामक दवा का इस्तेमाल होता है, जो पुरुषों के लिए ब्रेस्ट में सूजन वाली बीमारी गायनीकोमास्टिया पैदा कर सकता है। ये कई प्रकार के होते हैं।
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मजबूत, बड़े और आकर्षक मसल्स और डोले पाने के लिए लोग अक्सर प्रोटीन पाउडर सप्लिमेंट का सेवन करते हैं। ये पाउडर शरीर की प्रोटीन जरूरत को पूरा करने के लिया जाता है।
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क्रेटीन नामक ये बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट मांसपेशियों का घनत्व बढ़ाने के लिए लिया जाता है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकांश जिमिंग करने वाले लोग इसे बिना सही दिशा-निर्देशों का पालन किये ही लेते हैं।
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ग्लूटामिन बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट बॉडीबिल्डिंग करने वाले लोगों में काफी पसंद किया जाता है। यह एक्सरसाइज के दौरान शरीर में हुई रसायन की कमी को पूरा करता है और मसल्स के आकार को कम होने से रोकता है।
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काबरे नाम का यह बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट जिमिंग करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा दप्रदान करता है। वहीं अमीनो एसिड एक्सरसाइज के तुरंत बाद लिया जाता है और यह प्रोटीन की तरह ही काम करता है।
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कुछ मांसपेशियों का बढ़ाने वाले उत्पादों का प्रयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता। कई सारे बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेंट्स में पाया जाने वाला क्रेटीन, पेट की खराबी और दस्त होने का कारण बन सकता है। साथ ही यदि आप लैक्टोज के प्रति सहज नहीं हैं तो आपको सूजन हो सकती।
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"जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसन एंड फिजिकल फिटनेस" के मार्च 2001 अंक में आई शोध यह दावा करती है कि क्रेटीन, लंबे समय तक चलने वाली किडनी संबंधित बीमारियों, यहां तक की किडनी फेल्योर का कारणी बन सकता है। इसलिए कोई भी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसके लंबे समय तक सेवन से थकान और अनिंद्रा की समस्या भी हो सकती है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट आमतौर पर लिस्टेड नहीं होते हैं और नैचुरल व हर्बल के लेबल के साथ बाजार में बेचे जाते हैं। इस प्रकार से इन सप्लीमेंट की खरीद और उपयोग लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
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विशेषज्ञों के मुताबिक किसी स्वस्थ व्यक्ति को किसी भी सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती। लेकिन बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों को प्रोटीन, सोडियम, काबोहाइड्रेट और पोटेशियम की ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन इस जरूरत को खानपान में बदलाव करके भी पूरा किया जा सकता है। अगर खानपान में बदलाव कर पाना संभव नहीं तो इन तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर की सलाह से ही अच्छे फूड सप्लीमेंट लें।
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