अनिद्रा क्या है

अनिद्रा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है, जो हर उम्र के पुरुष और महिलाओं में हो सकती है। नींद ना आना या लंबे समय तक ना सो पाने की समस्या को अनिद्रा अर्थात इंसोमेनिया कहते हैं। अनिद्रा के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे अल्पावधि या तीव्र अनिद्रा, अनिद्रा का एक आम प्रकार है। यदि अनिद्रा की समस्या लंबे समय से है और आपके जीवन को प्रभावित कर रही है तो यह एक गंभीर और चिरकारी समस्या है जिसे सही, पेशेवर चिकित्सक की जरुरत है। इस समस्यासे निपटने के लिए इसकी जानकारी होना बेहद जरूरी होता है। तो चलिये जानें अनिद्रा के बारे में कुछ नई बातें। Image courtesy: © Getty Images
इंसोम्नियाक्स

यदि किसी व्यक्ति को 30 दिनों से भी अधिक समय तक ठीक से नींद न आए तो इसका मतलब यह है कि वह चिरकालीन अनिद्रा का शिकार है। चिरकालीन अनिद्रा से पीड़ित मरीज़ों को "इंसोम्नियाक्स" भी कहा जाता है।Image courtesy: © Getty Images
थकान के साथ जाग जाना

यदि रात में अच्छी नींद ना आने के कारण अक्सर लोग सुबह की ताजगी नहीं महसूस कर पाते। पर्याप्त नींद की कमी के चलते इसका नुकसान शरीर की चयापचय प्रक्रिया पर पड़ता है। जिससे उठने के बाद खुमारी या सर भारी होने जैसे लक्षणों का अहसास करती है।Image courtesy: © Getty Images
दिन भर सुस्ती

दिन भर सुस्त सा रहना अनिद्रा के कारण लोगों में दिखाई देने वाला एक बेहद आम लक्षण है। और दिन में रहने वाली ये सुस्ती या उनींदापन उस व्यक्ति के कामकाजी और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।Image courtesy: © Getty Images
चिड़चिड़ापन और मिजाज में बदलाव

जब किसी व्यक्ति कि रोज की नींद पूरी नहीं होती तो उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है। ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आता है और वे चिंता या अवसाद का शिकार भी हो सकते हैं। उन्हें चीजों को याद रखने में भी परेशानी होती है। Image courtesy: © Getty Images
अनिद्रा के कारण

अनिद्रा के कई कारण हो सकते हैं। इसके कुथ आम कारणों में मानसिक तनाव, अधिक क्रोध, चिंतन करना, अधिक उत्तेजना, कब्ज, धूम्रपान, चाय-कॉफी का अत्यधिक सेवन, आवश्यकता से कम या अधिक खाना या फिर गरिष्ठ मसालेदार भोजन का सेवन करना आदि शामिल होते हैं। Image courtesy: © Getty Images
अनिंद्रा के पीछे टेस्टोस्टेरॉन जिम्मेदार

मॉनटेयल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा किए एक शोध में पाया गया कि टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा 30 वर्ष की आयु होने के बाद प्रतिवर्ष एक प्रतिशत की दर से घटती है। शोध के मुताबिक 50 साल की आयु के बाद यह दर और भी तेजी से घटती है, जो कि अनिंद्रा को बढ़ावा देती है।Image courtesy: © Getty Images
कितनी नींद काफी

चिकित्सकों के अनुसार 18 से 40 वर्ष तक की आयु में आठ घंटे की नींद और 40 से 50 वर्ष तक के स्वस्थ मनुष्य के लिए 6 घंटे की नींद आवश्यक होती है। 50 वर्ष से अधिक उम्र होने पर नींद कम आने लगती है और आदमी किश्तों में अपनी नींद पूरी करने लगता है। Image courtesy: © Getty Images
मधुमेह और हदयरोगों का खतरा

कई अध्ययनों से पाता चाला है कि अनिद्रा और नींद संबंधी अन्य विकारों के कारण मधुमेह और हदयरोगों का जोखिम भी बढ़ सकता है। इस समस्या का पता न लगने और निदान न होने पर हाइपरटेंश व रक्तचाप बढ़ने जैसी समस्याएं भी हो सकती है।Image courtesy: © Getty Images