बच्चे के जीवन का पहला साल

आपके घर में पहला बच्‍चा आया है। लेकिन, कई बातों को लेकर आप अनजान हैं और हैरान हैं। आहए जानतें हैं कुछ ऐसी बातें जो पहले बच्‍चे के पहले साल के मातृत्‍व के लिए जरूरी हैं।
पहला साल खुशी और परेशानी का मेल

बच्‍चे के जन्‍म का पहला साल आपके लिए जहां एक ओर बेहद खुशियां लेकर आता है, वहीं इस साल में आपको काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। यह आपके घर में आयी पहली खुशी होती है, इसलिए आप कई बातो को लेकर अनजान होती हैं।
हर बच्चा होता है अलग

हर मां यह सोचती है कि दूसरा बच्‍चा ऐसा करता है, तो उसका बच्‍चा क्‍यों नहीं। जबकि वह इस बात को नहीं समझ पाती कि हर बच्‍चा दूसरे से अलग होता है। हो सकता है कि आपका बच्‍चा दूसरे से ज्‍यादा रोता हो या कम उछल कूद करता हो। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसे लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं।
अवांछित सलाहों को न कहना सीखें

सारी दुनिया इस समय आपको सलाह देना चा‍हेगी। आपको उन सलाहों को शालीनता से सुनने और समझने की जरूरत है। हर सलाह को मानना ठीक नहीं। बेशक, आपको दुविधा हो सकती है, लेकिन बेहतर रहेगा कि वही काम करें जो आपका डॉक्‍टर आपको सुझाये।
प्रसव के बाद बदल जाता है शरीर

प्रसव के बाद आपका शरीर पहले जैसा नहीं रहता। दर्द, स्‍कैच, बदबूदार स्राव ये सब बातें कुछ समय तक आपके जीवन का अहम हिस्‍सा रहेंगी। इन बातों से घबराने या इन्‍हें लेकर परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इस दौरान अच्‍छा खाइए और व्‍यायाम करती रहिए। यही आपके लिए फायदेमंद होगा।
थोड़ा लचीला होना बुरा नहीं

वक्‍त थोड़ा लचीला रुख अपनाने का है। आपको चाहिए कि आप बच्‍चे को कसकर बांधना छोड़ें। बच्‍चे को बहुत ज्‍यादा कसकर बांधना उसे परेशानी में डाल सकता है। यह वह वक्‍त होता है, जब आपका बच्‍चा बहुत परेशानी में होता है। आपको इस दौरान सभी बातों का खयाल रखना जरूरी होता।
बच्चे की जरूरत समझें

बच्‍चे की सही जरूरत समझें। आपके बच्‍चे को किस चीज की जरूरत है यह जानना बहुत जरूरी है। उसे कब भूख लगी है या उसे कब नींद आ रही है ये बातें आप पहले वर्ष में ही सीख पाती हैं। आपको मौसम के हिसाब से बच्‍चे की देखभाल करने की कला भी इसी दौरान आती है।
बच्चे को उठाना सीखें

बच्‍चे को गोद उठाना शायद दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण कामों में शामिल है। जरा सी लापरवाही बच्‍चे को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। बच्‍चे से भी आपको खरोंच लग सकती है। तो, उसे ऐसे उठाइए कि आपको भी तकलीफ न हो और बच्‍चा भी उसका पूरा आनंद ले सके। बच्‍चे को उठाते समय आप खुश और आत्‍मविश्‍वासी होनी चाहिए, वरना इससे बच्‍चे को नुकसान हो सकता है।
जहां चाह वहां राह

बेशक, आज आपको कुछ नहीं मालूम है। लेकिन, आज से एक साल बाद जब आपका बच्‍चा अपना पहला जन्‍मदिन मना रहा होगा, तो आप काफी कुछ सीख चुकी होंगी। आपकी सोच और नजरिया काफी बदल चुका होगा। आप जीवन के बिलकुल नये रोमांच और सत्‍य से परिचित हो चुकी होंगी। कोशिश करें कि आप आज से बेहतर मां बनने का प्रयास करें। सीखती रहें और अपने बच्‍चे को भी कुछ नया सिखाती रहें।