सेक्सुअली एक्टिव

यूरीन इंफएक्शन का मुख्य कारण ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव होना भी होता है। जो लोग बहुत ज्यादा सेक्स करते है कई बार असावधानी के कारण बैक्टीरिया उनके शरीर में पहुंच जाते है। जो यूरीन टैक्ट को बढ़ाता है। इससे बचने के लिए सेक्स के तुंरत बाद पेशाब जाना चाहिए। जिससे बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश ना कर सके। Image Source-Getty
50 से ज्यादा आयु

बुजुर्गों में खासतौर से जिनकी उम्र 50 से ऊपर हो जाती है, उनमें मूत्र संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। उम्र बढ़ने के साथ पुरूषों की प्रोस्टेट ग्लैंड भी बढ़ जाती है। जिससे पेशाब करने में तकलीफ होती है। पेशाब को ठीक तरह से ना निकल पाना बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। जिसके कारण यूरीन टैक्ट इंफेक्शन की शिकायत होती है। Image Source-Getty
रजोनिवृत्ति

एक शोध के मुताबिक जिन महिलाओं की रजोनिवृत्ति हो जाती है उन्हे भी मूत्र संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसकी प्रमुख वजह एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर का कम होना होता है। जिसके कारण यूटीआई की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में महिलाओं को मेनोपाॉज के बाद ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। Image Source-Getty इसे भी पढ़ें: मीनोपॉज में रखें खानपान का ख्याल
प्रसव के बाद

महिलाओ में प्रसव के बाद 79 फीसदी मामलों में पेशाब पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। जिसकी वजह पेलविक (बच्चेदानी के नीचे का हिस्सा) की मांसपेशियों का ढीला होना होता है, ऐसे अधिकांश मामलों में महिलाओं को छींक के साथ पेशाब रिसने की समस्या होती है। जिससे भी मूत्र संक्रमण की शिकायत हो जाती है। Image Source-Getty
मधुमेह के रोगी

मधुमेह के रोगियों को यूरीन टैक्ट इंफेक्शन की समस्या आम बात है। मधुमेह के रोगियों को बार बार पेशाब जाने की शिकायत होती है, क्योंकि उनका ब्लैडर ठीक तरह से काम नहीं करता है। ये समस्या पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है। उनके मू्त्रमार्ग में बैक्टीरिया पंहुचना ज्यादा आसान होता है। Image Source-Getty