आजकल मसल्स बनाने वाले इन 5 फूड को लोग कर रहे हैं नजरअंदाज
मसल्स बनाने के लिए लोग घंटों जिम करते हैं, लेकिन फायदा तभी होता है जब डाइट बेहतर हो। क्या आप जानते हैं कुछ आहार ऐसे हैं जिनके सेवन से मासल्स तेजी से मजबूत होती हैं, आजकल लोग इनको नजरअंदाज कर रहे हैं, इन आहारों के बारे में इस स्लइडशो में जानें।

गाय का बिना मिलावट वाला दूध मतलब फुल फैट मिल्क जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2), विटामिन ए, डी, के और ई के साथ फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई अन्य खनिज और वसा व ऊर्जा होते हैं। इन पोषक तत्वों के अलावा दूध में कुछ जीवित रक्त कोशिकाएं और कई एंजाइम भी होते हैं जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। जबकि टोण्ड दूध में 3% वसा और केवल 8.5% ऊर्जा होती है। वहीं डबल टोण्ड दूध में 1.5% वसा और 9% ऊर्जा होती है। इसी तरह रीकान्स्टिट्यूटेड (reconstituted) दूध में 7% से 8% तक पानी होता है क्योंकि इसे दूध के पाऊडर में पानी घोल कर तैयार किया जाता है। अब आप सभी तरह के दूध में पाए जाने वाले इन न्यूट्रेंट्स की मात्रा से समझ सकते हैं कि आप वसा छोड़ने के साथ ही कई सारे पोषक-तत्वों को भी छोड़ने का काम कर रहे हैं जो अंत में आपके ही स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होगा।

मोटे होने के डर से कई लोग आलू खाना छोड़ देते हैं जबकि आलू स्वास्थ्य के जरूरी कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को पूरा करता है। अगर आपको कोई पतला होने के लिए आलू छोड़ने को कहता है तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप उस व्यक्ति की सलाह को ही छोड़ दें। क्योंकि आलू में जरूरी कार्बोहाइड्रेट्स तो होते ही हैं। लेकिन इसमें साथ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन और मिनरल्स भी होते हैं। अगर आप हेल्दी तौर पर वजन कम करना औऱ बॉडी को टोन करना चाहते हैं तो अपने डाइट में आलू शामिल करें। ये आपका स्टेमिना बढ़ाने का भी काम करता है। इसका सबसे अधिक फायदा है कि ये सूजन कम करने में मदद करता है। जब भी सूजन की सिकायत हो तो, 3 से 4 उबले हुए आलू को भून कर खाएं। साथ ही ये हाई बीपी को भी मेंटेन करता है।

कई लोग मसल्स टोन करने और चर्बी घटाने के लिए सफेद या मोट चावल की जगह ब्राउन चावल खाते हैं। जबकि सफेद चावल में कैलोरी 130 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 28 ग्राम, प्रोटीन 3 ग्राम और आयरन 7% होता है। जबकि ब्राउन चावल में 111 ग्राम कैलोरी, 23 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम प्रोटीन और 2% आयरन होता है। इन आंकड़ों से आप खुद ही समझ सकते हैं कि सफेद चावल हमारे स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है। वैसे भी सफेद चावल जल्दी पचते हैं और ये शरीर का ग्लूकोज़ लेवल मेंटेन करने में मदद करते हैं।

जो अंडे खाने के शौकिन होते हैं वे वजन कम करने के चक्कर में अंडे का केवल सफेद वाला भाग खाकर संतुष्टि कर लेते हैं। क्योंकि लोगों का मानना है कि सफेद भाग में प्रोटीन होता है और पीले भाग में केवल फैट। तो प्रोटीन-प्रोटीन खाओ और फैट को ना कहो। जबकि ऐसा नहीं है। भले ही अंडे के सफेद वाले भाग में 57% प्रोटीन होता है। लेकिन अंडे का 43% प्रोटीन अंडे के पीले भाग में भी होता है। इसके साथ ही इस पीले भाग में प्रोटीन के अलावा फैट-सॉल्युबल विटामिन, फैटी एसिड्स और लिपोप्रोटीन कैलेस्ट्रॉल होते हैं, जिसे अच्छा कैलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। अब आप खुद सोच सकते हैं ति आप अंडे के पीले वाले भाग को छोड़कर क्या-क्या छोड़ रहे हैं।

केला में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को देखते हुए अधिकतर लोग केला खाना सबसे पहले छोड़ते हैं। जबकि केला में कार्बोहाइड्रेट के अलावा थायमिन, विटामिन ए, विटामिन बी, रिबोफ्लेविन औऱ नियासिन मौजूद होते हैं। इसके साथ ही ये ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। तो अगर आप केला को ना कह रहे हैं तो खुद ही समझ जाइए कि आप किन-किन पोषक-तत्वों को भी ना कह रहे हैं। अगर आप इन सारी चीजों को वजन बढ़ने के डर से नहीं खाते हैं तो इसमें इन चीजों की नहीं आपके स्लो मेटाबॉलिज्म की गलती है। इसको बढ़ाने के लिए हैवी वर्कआउट करें।
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।