नापसंद के कारण

अर्चना को उसके ऑफिस में कोई पसंद नहीं करता था। उसने पहले सभी लोगों से बात करने की कोशिश की। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद जब बात नहीं बनी तो उस ने खुद ही लोगों से बात करना बंद कर दिया। आज अर्चना की ऑफिस में किसी से बात नहीं होती। अर्चना की तरह अगर आपकी भी ऑफिस में किसी से बात नहीं होती तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं। इसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार आपकी आदते हैं। सो अर्चना जैसी बनने की जगह खुद की आदतों पर नजर रखें और उसमें सुधार करें। इससे आपके सहकर्मी और आपके आस-पास के लोग आपको पसंद करने लगेंगे।
शेयरिंग टू मेनी फोटोज़

आपको अपने हनीमून की फोटोज़ या अपने कुत्ते की हेलोविन ड्रेस में फोटोज़ या अन्य इंटरेस्टिंग फोटोज़ (आपके अनुसार इंटरेस्टिंग) 24 घंटे के अंदर फेसबुक में डालने की उत्सुकता होती है तो संभल जाएं। आप दूसरों के नापसंद के कारण बन सकते हैं। रिसर्च के अनुसार फेसबुक पर बहुत अधिक फोटो पोस्ट करना रियल-लाइफ रिलेशनशिप को नुकसान पहुंचाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप बहुत अधिक फोटोज़ पोस्ट करते हैं तो उससे आपके दोस्त खुद को रिलेट नहीं कर पाते जिससे धीरे-धीरे आपके दोस्त आपसे दूर होते जाते हैं।
बहुत कम या बहुत अधिक दोस्त

कई लोगों के फेसबुक पर बहुत ज्यादा दोस्त होते हैं तो किसी के बहुत कम। ये भी कई बार दूसरों के लिए इरिटेशन का कारण बनता है। 2008 में आई एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों के फेसबुक पर 300 से अधिक दोस्त होते हैं उन्हें लोग कम ही पसंद करते हैं। इसका कारण है कि जिन लोगों के ज्यादा फ्रैंड होते हैं उसका मतलब होता है कि वे फेसबुक पर ज्यादा टाइम बिताते हैं। और ऐसा वे पोप्युलिरीटी के बजाय डिप्रेशन से बाहर आने के लिए करते हैं।
पर्सनल फोटोज डालना

ठीक है आप बहुत ज्यादा खुश हैं अपने नए रिलेशनशिप को लेकर। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि अपनी पर्सनल फोटोज ही डाल दें। उन लोगों को लोग बिल्कुल पसंद नहीं करते जो फेसबुक पर अपनी पर्सनल फोटोज भी पब्लिक कर देते हैं। बल्कि माना जाता है कि पर्सनल चीजों को पर्सनल रखकर आप बेहतर तरीके से दोस्त बना सकते हैं। ये मैच्युरिटी लेवल पर दोस्त बनाने का बेहतर तरीका है। इससे अन्य लोगों का आप पर विश्वास बनता है और आफको वे अच्छे दोस्त के रुप में देखने की कोशिश करते हैं। इलिन्सन स्टेट यूनिवर्सिटी में सुसन स्प्रेचर द्वारा किए गए स्टडी के अनुसार, सिम्पल फोटो और आदतें शेयर करना आपको लोगों के बीच में ज्यादा पसंदीदा और अच्छे इंसान के तौर पर पेश करता है।
सवाल पूछना

सवाल पूछना ठीक है तब तक ही जब तक की स्कूल या कॉलेज में मास्टर जी कह रहे हों कि सवाल पूछो। अगर आप बिना सोचे-समझे और अपने बारे में कुछ भी लोगों को बताए बिना उनसे बेधड़क सवाल- करते रहेंगे तो लोग आपको शक की नजर से देख सकते हैं। रिश्ते दोनों तरफ से बनते हैं। मेरे बारे में तुम कुछ जानो और तु्म्हारे बारे में हम कुछ जानें। रिश्ते इस आधार पर बनते हैं। लेकिन अगर आप अपने बारे में बिना बताए कुछ सवाल करते रहते हैं तो ये गलत है। स्टडी के अनुसार अगर आप किसी को कुछ भी अपने बारे में बताए बिना सवाल करते रहते हैं तो सामने वाला इंसान 12 मिनट के बाद आपके सवालों का जवाब देने में इंटरेस्ट खो देता है।
क्लोजप फोटो के कारण

क्लोजप फोटो किसी को भी गुस्सा दिलाने का सबसे बेहतर तरीका है। अगर आपको लगता है कि आपकी क्लोजप फोटो देखकर सबको अच्छी लगती है तो आप गलत हैं। आपकी क्लोजप फोटो आपके सिवा किसी और को पसंद नहीं आती। रिसर्च के अनुसार 45 सेंटीमीटर ( 1.5 फिट के करीब) के करीब की फोटो कम विश्वसनीय, आकर्षक और सक्षम दिखती है। जबकि 135 सेंटीमीटर (4.5 फिट) से ली गई फोटो ज्यादा अच्छी दिखती है।