सामान्य दिखने वाले ये दस कारक बढ़ा सकते हैं आपका तनाव
स्ट्रेस होने पर अक्सर हम कारणों का पता लगाने में खुद को असमर्थ पाते हैं? लेकिन यहां पर तनाव के कारणों की जानकारी दी गई हैं। यह जानकारी आपको परिणाम नियंत्रण करने में मदद कर सकती हैं।

तनाव एक आम समस्या है जो अलग-अलग लोगों को अलग तरह से प्रभावित करती है। यहां तक कि इस समस्या से कुछ व्यक्ति अलग-अलग दिनों में अलग तरह से प्रभावित होते हैं। यहां पर कुछ आम बातें दी गई है जो तनाव को बढ़ाने का काम कर सकती हैं।
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कोई भी अकेला रहना पसंद नहीं करता है। यहां तक कि सबसे ज्यादा संकोची और गंभीर व्यक्ति भी किसी न किसी के साथ सहज महसूस करता है। आप भी अपने प्रिय मित्रों की कंपनी में विशेष रूप से ज्यादा आनंद महसूस करते हैं। अकेलापन महसूस करना किसी भी व्यक्ति के तनाव को गति प्रदान कर सकता हैं। image courtesy : getty images

भूख के कारण भी तनाव हो सकता है। कई बार आप काम या यात्रा के कारण कुछ नहीं खा पाते। लेकिन, मस्तिष्क का वह हिस्सा जो खतरे की ओर इशारा करता है वह इसे समस्या मानता है। ओर भूख लगने पर आपको तनाव दे सकता है। image courtesy : getty images

दूसरों या खुद के लिए कुछ बुरा करने के बाद अपराध की भावना आना भी आपके तनाव के स्तर को प्रभावित कर सकता है। अगर आपको कुछ करने के बाद अफसोस होता है या कुछ करने पर सही नहीं लगता तो इससे आपको तनाव हो सकता है। image courtesy : getty images

निराशावादी सोच होने पर मस्तिष्क नियमित रूप से प्रमस्तिष्कखंड (मस्तिष्क का वह हिस्सा जो खतरे की चेतावनी देता है ) को चेतावनी के संकेत भेजता है। इसके कारण निराशावादी होने पर व्यक्ति हर समय तनाव में रहता है और यह सोच तनाव को और अधिक गति प्रदान करती है। इसलिए चीजों को कुछ अलग ढंग से देखना शुरू करें और तनाव से बचने के लिए नकारात्मकता से बचें। image courtesy : getty images

खराब रिश्ता शारीरिक और भावनात्मक दोनों रूपों से प्रभावित करता है। ऐसे में मस्तिष्क एक खतरे के रूप में व्यवहार करता है और तनाव के रूप में प्रतिक्रिया करता है। जबकि एक स्वस्थ रिश्ते आपके सबसे बुरे समय में भी यह आपकी मदद करता है। रिश्ते में समस्याएं रिपेटिटिव तनाव का कारण बनती है। image courtesy : getty images

बहुत ज्यादा चिंता के कारण प्रमस्तिष्कखंड अतिसक्रिय हो जाता है। इससे आपको तनाव हो सकता है। एक साथ बहुत सारी बातों को लेकर चिंतित होना तनाव को बढ़ाता है। इसलिए लंबे समय के लिए चिंतित होने से बचने के लिए अच्छे विचारों पर ध्यान देना चाहिए। image courtesy : getty images

सदमे का मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपको इस बात का एहसास कराये बिना सदमे से उपजे अवचेतन विचार प्रमस्तिष्कखंड को उत्तेजित करते है। स्थान, चीजें, गाने या अन्य ध्वनियां आपके आघात की याद दिलाकर आपके तनाव को बढ़ा सकती है। image courtesy : getty images

लोगों के खिलाफ शिकायत और असन्तोष की भावना प्रमस्तिष्कखंड के लिए उत्तेजक का कार्य करता है, जिससे वास्तव में गंभीर तनाव की समस्या पैदा हो सकती है। आक्रोश विचार प्रतिकूल स्थितियों के रूप में प्रमस्तिष्कखंड की व्याख्या कर तनाव के रूप में आपको नुकसान पहुंचा सकता है। image courtesy : getty images

गुस्सा मन में नकारात्मक विचारों की बाढ़ लाकर तनाव को बहुत अधिक बढ़ा देता है। यहां तक कि ड्रिंक गिरने से पोशाक का खराब होना या मीटिंग का किसी कारण कैन्सल होना भी तनाव प्रदान कर सकता है। image courtesy : getty images
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